शिशु के साथ यात्रा करना

Travelling with Baby by Famhealth

Little travelers need a surprising amount of stuff!

Here is a checklist of items that make traveling much easier.

पैकिंग चेकलिस्ट:

  • डायपर (देरी के लिए एक्स्ट्रा कैरी करें।)
  • पैड / रबर शीट (डायपर बदलने के दौरान अपने शिशु के नीचे रखने के लिए।)
  • कंबल 1 या 2 (अपने शिशु को कवर करें और ख़ुद को कवर करें।)
  • प्लास्टिक बैग (गंदे डायपर, कपड़े और कंबलों को स्टोर करने के लिए कई प्रकार के आकार के कैरी करें।)
  • डायपर रैश क्रीम।
  • वाइप्स (पोंछे)।
  • सैनिटाइज़र, बेबी वॉश और बेबी लोशन।
  • टिश्यू।
  • आपके शिशु के कुछ पसंदीदा खिलौने।
  • कपड़े, मोजे, और जूतियाँ या जूते (प्रति दिन एक से दो पोशाकें एक अच्छा दिशानिर्देश है।)
  • धोने योग्य बिब्स।
  • सन हैट (धूप की टोपी।)
  • हलके वज़न वाला प्लास्टिक का बर्तनों सहित एक फीडिंग सेट, और बेबी फूड (शिशु का खाना) यदि आपका शिशु ठोस आहार खा रहा है।
  • स्टरलाइज़र (यदि 1 दिन से अधिक बाहर रहना हो।)
  • यदि उपयुक्त हो, तो फार्मूला, पानी और जूस।
  • यदि उपयुक्त हो, तो अतिरिक्त बोतलें, निप्पल और सिप्पी कप।
  • आपके द्वारा चबाने के लिए ऊर्जा बढ़ाने वाले स्नैक्स।
  • ब्रेस्ट पंप (यदि आप उपयोग करतीं हो।)
  • नाईट-लाइट (रात की रोशनी) (ताकि आप मध्य-रात्रि डायपर बदलने के दौरान कमरे की रोशनी को राहत भरी कम रख सकें।)
  • फर्स्ट एड किट (प्राथमिक चिकित्सा किट) (जिसमें शामिल हो शिशु को दर्द से राहत देनेवाली गोली और मामूली चोट, बुखार आदि का इलाज करने के लिए आपूर्तियाँ।)
  • स्लिंग या फ्रंट कैरियर।
  • पोर्टेबल क्रिब (पालना) या प्ले यार्ड - आपके शिशु के सोने या खेलने के लिए एक सुरक्षित स्थान।
  • इन्फ्लेटेबल बेबी बाथ-टब (अपने डेस्टिनेशन [गंतव्य] पर स्नान के समय को आसान बना सकता है।)
  • कार या विमान से सुरक्षित यात्रा के लिए कार सीट।
  • कोलैप्सिबल स्ट्रोलर (बंधनेवाला स्ट्रोलर) (यदि आप इसका उपयोग कर रहीं हैं।)
     

तैयारी की तकनीकें:

  • यात्रा करने से कुछ दिन पहले पैक करने की तैयारी शुरू करें। साथ ले जानेवाली चीज़ों की एक रनिंग लिस्ट (सूची) बनाए, या उन चीज़ों को टेबल या ड्रेसर पर रखतीं जाए जैसे-जैसे आप वे चीज़ें याद आए।
  • अपने शिशु के आउटफिट (कपड़ों) में से प्रत्येक को अपने स्वयं के ज़िप वाले प्लास्टिक बैग में पैक करें ताकि आपको छोटे मोजे, शर्ट आदि की तलाश न करनी पड़े।
  • यदि आपको कुछ सवाल आए जब आप सड़क पर हों, तो आपके शिशु के हेल्थकेयर प्रोवाइडर (स्वास्थ्य सेवा प्रदाता) का फ़ोन नंबर लें।

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शिशु को स्तनपान कैसे कराएं 

How to Breast Feed a Baby by Famhealth

बढ़ते शिशु की ज़रूरतों के लिए माँ का दूध बिलकुल सही और विशिष्ट रूप से बनाया गया है। माँ का दूध देने से शिशु और माताओं दोनों के स्वास्थ्य पर बहुत फर्क पड़ता है।

माँ के लिए अच्छा है:

  • गर्भ (यूटरस/गर्भाशय) को सामान्य आकार में वापस लाने में मदद करता है और ब्लीडिंग (रक्तस्राव) को कम करता है।
  • इसमें प्राकृतिक रूप से एक दिन में लगभग 500 अतिरिक्त कैलोरी का इस्तेमाल हो जाता है, इसलिए माएँ जो स्तनपान करातीं हैं, उनके लिए अकसर अपने प्रेगनेंसी के वज़न को कम करना आसान होता है।
  • यह ब्रेस्ट (स्तन) और ओवेरियन (डिम्बग्रंथि) के कैंसर के खतरे को कम करता है।
  • स्तनपान एक प्राकृतिक फॅमिली प्लानिंग (परिवार नियोजन) विधि के रूप में कार्य करता है।
  • यह पैसे बचाता है - फार्मूला फीडिंग में खर्चा हो सकता है।

शिशु के लिए अच्छा है:

  • पहले छह महीनों के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्वों का आसान पाचन।
  • शिशु को आसानी से मल त्याग कराने में मदद करता है।
  • इम्युनिटी (प्रतिरक्षा) प्रदान करता है।
  • आसानी से उपलब्ध, आमतौर पर स्टेराइल। एलर्जी का कोई खतरा नहीं।
  • अधिक सुविधाजनक, कोई तैयारी की आवश्यकता नहीं है और कुछ भी खर्चा नहीं होता है।
  • जीवन में बाद में कुछ बीमारियाँ होने की संभावना को कम कर देता है।
  • आपको अपने शिशु के क़रीब लाता है।
  • फार्मूला दूध गाय के दूध और अन्य सामग्री से बनाया जाता है: इसलिए शिशु को बीमारी और रोगों से बचाने में मदद नहीं करता है।

फर्स्ट फीड (पहली बार दूध पिलाना):

  •  एक स्वस्थ शिशु को सामान्य डिलीवरी (प्रसूति) के आधे घंटे से 1 घंटे बाद, स्तन से लगाना चाहिए।
  •  सीज़ेरियन डिलीवरी के बाद, माँ को बच्चे को स्तनपान कराने के लिए 2 से 3 घंटे की अवधि पर्याप्त हो सकती है।

फीड कराने के लिए तैयार होना:

  • आपको गर्म पानी में भिगोए कॉटन (कपास) से निप्पलों और स्तन को साफ़ करना चाहिए।
  • स्तनपान कराने से पहले, अपने हाथों को धोएं।
  • स्तनपान के दौरान, आपको और शिशु को एक आरामदायक मुद्रा में रहना चाहिए।

फीड के दौरान, क्या आरामदायक वातावरण प्रदान कर सकता है?

  • आप पीठ के सहारे कुर्सी या बिस्तर पर बैठ सकते हैं ताकि आप आरामदायक महसूस करें।
  • आप पैरों या घुटनों को उठा सकतीं हैं, अगर आपको ज़रूरत हो, लेकिन शिशु के ऊपर झुकने नहीं चाहिए।

आपको शिशु को कैसे पकड़ना चाहिए?

  • शिशु को एक कपड़े में लपेटें।
  •  गर्दन, कंधे और पीठ को सहारा दें।
  •  आपको शिशु को अपने क़रीब पकड़ना चाहिए।
  •  वह अपने सिर को आसानी से पीछे झुकाने में सक्षम होना चाहिए।
  •  यह सुनिश्चित करें कि शिशु का सिर और शरीर एक सीधी रेखा में हो।
  • यदि नहीं, तो शिशु आसानी से निगल नहीं पाएगा।
  • शिशु के पूरे शरीर को पास पकड़ें और उसकी नाक का स्तर निप्पल तक होना चाहिए।
  • निप्पल के नीचे से स्तन का एक बड़ा हिस्सा शिशु के मुंह में जाना चाहिए।
  • अपने शिशु को ऐसे रखें से कि उसकी नाक का स्तर आपके निप्पल तक आए, जिससे उसे स्तन तक पहुँचने और अच्छी तरह से अटैच (संलग्न) करने मिलेगा।
  • शिशु के सिर को थोड़ा पीछे की ओर रखें, ताकि उसका ऊपरी होंठ आपके निप्पल को ब्रश कर सके। इससे शिशु को एक काफ़ी खुला हुआ मुंह बनाने में मदद मिलेगी।
  • जब शिशु का मुंह काफ़ी खुलता है, तो पहले उसकी चिन (ठोड़ी) स्तन को छू पाती है, व उसके सिर को पीछे की ओर झुका दिया जाता है ताकि उसकी जीभ अधिक से अधिक स्तन तक पहुँच सके।
  • उसकी चिन के जमकर छूने और उसकी नाक के साफ़ होने के साथ-साथ, उसका मुंह काफ़ी खुल जाता है और उसके निचले होंठ की तुलना में ऊपरी होंठ के ऊपर अधिक गहरी त्वचा दिखाई देगी। जैसे-जैसे वे खाएंगे-पीएंगे, शिशु के गाल भरे हुए और गोल दिखेंगे।

निप्पल से स्तनपान कराना जब ग़लत तरीके से हो:

  • जब शिशु को सही तरीक़े से अटैच नहीं किया गया हो और सिर्फ निप्पल को चूसता है, तो आपको लगता है कि दूध पिलाना दर्दनाक है, निप्पल डैमेज (क्षतिग्रस्त) हो सकते हैं, और शिशु को पर्याप्त दूध नहीं मिल पाएगा।
  • शिशु संतुष्ट नहीं होगा।
  • दूध का उत्पादन कम हो जाता है।
  • निप्पल फट सकते हैं।
  • अगर शिशु को सही तरीक़े से अटैच नहीं किया गया है, तो रुक जाए और उसको अपने स्तन से खींचने से बचें। इसके बजाय, अपनी छोटी उंगली को उसके मुंह के कोने में, उसके मसूड़ों के बीच में डालकर, अटैचमेंट (संलग्नता) को तोड़ें। उसे स्तन से कोमलतापूर्वक दूर करें। फिर, लैचिंग को बराबर करें और दूध पिलाना शुरू करें।

शिशु को डकार कैसे मराएं

  • जब शिशु चूसते हैं तो वे हवा को निगल लेते हैं, जिससे वे असहज हो सकते हैं।
  • बर्पिंग (डकार लेना) एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा आप एक शिशु को इस हवा को ऊपर लाने में मदद कर सकतीं हैं और सहज महसूस करा सकतीं हैं।
  • सबसे पहले, अपने कंधे पर एक कपड़ा (बर्प कपड़ा) फैलाएं।
  • शिशु को अपने कंधे या छाती पर पकड़ें और उसकी पीठ को रगड़ें।
  • जब शिशु आपके गोद में बैठा हुआ हो या लेटा हुआ हो, तब भी आप शिशु की पीठ को रगड़ सकतीं हैं।
  • ये मुद्राएँ एक बेचैन शिशु या सामान्य से अधिक रोनेवाले शिशु को आराम देने में मदद करेंगी।

आमतौर पर, आपको डकारने की आवाज़ सुनाई देगी। जब शिशु डकार लेते हैं, तो कुछ फ्लूइड (तरल पदार्थों) को ऊपर लाना सामान्य बात है।

यदि आप शिशु को बिना डकार मारे सुलातीं हैं, तो वे उलटी कर सकते हैं और वे फेफड़ों में प्रवेश कर सकता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।

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स्तनदूध की पंपिंग और संग्रहण के सुझाव

Breast pump and storage by Famhealth

स्तनदूध की पंपिंग और संग्रहण के सुझाव

दूध एक्सप्रेस (व्यक्त) करने का मतलब है कि पंप या हाथ से स्तन से दूध निचोड़ना।

आपको दूध कब एक्सप्रेस करना चाहिए?:

  • दूध इकट्ठा करने के लिए, ताकि एक प्रीमेच्यौर बेबी (अपरिपक्व शिशु) को पिलाया जा सके या ऐसे शिशु को पिलाया जा सके जो आपके स्तन पर जकड़कर टिके रहने में असहाय हो।
  • जब माँ को आराम की ज़रूरत होती है।
  • जब माँ काम पर जाती है।
  • जब अधिक दूध बनने की वजह से स्तन बहुत ही भारी हो जाते हैं या सूज जाते हैं।
  • जब निप्पल फ्लैट हो।
  • अपने दूध की आपूर्ति बनाए रखने के लिए, यदि आपका हेल्थकेयर प्रोवाइडर (स्वास्थ्य सेवा प्रदाता) आपको अस्थाई रूप से नर्सिंग बंद करने की सलाह देता है, क्योंकि आप ऐसी दवा ले रहीं हैं जो आपके शिशु के लिए हानिकारक हो सकती है (इसकी शायद ही कभी ज़रूरत पड़ती है) या यदि आप थोड़े समय के लिए अस्पताल में भरती हैं और दिन भर में स्तनपान नहीं करा सकतीं हैं।

स्तन के दूध को एक्सप्रेस करने के 2 तरीक़े हैं:

  • मैनुअल या हाथ से
  • स्तन पंप (मैनुअल और इलेक्ट्रिकल पंप) का उपयोग करके

स्तन के दूध को एक्सप्रेस करने की तैयारी करना:

  • बैठने के लिए एक शांत, आरामदायक जगह ढूँढें।
  • एक गिलास दूध या गर्म पानी या कुछ स्नैक लें।
  • अपने पंप को प्लग करें या यह सुनिश्चित करें कि इसमें चलनेवाली बैटरियाँ हैं।
  • अपने हाथ साबुन और पानी से धोए। 
  • पंप किट को असेंबल करें (अर्थात् जोड़ें)।
  • कॉटन (कपास) की मदद से गर्म पानी से स्तन को साफ़ करें।

एक मैनुअल स्तन पंप का उपयोग करना:

  • अपने निप्पल के ऊपर ब्रेस्ट शील्ड (स्तन ढाल) को रखें। यह सुनिश्चित करें कि आपके पास अपने स्तन के लिए उपयुक्त आकार की शील्ड है। अनुचित आकार की शील्ड का चयन करना असफल सक्शन प्रयासों, दर्द और तकलीफ़ का कारण बन सकता है।
  • पंपिंग शुरू करने के लिए, निचोड़ या प्लंजिंग तंत्र का उपयोग करें। एक हाथ से शील्ड को पकड़ें और दूसरे से तंत्र को निचोड़ें। दूध बोतल में पंप होना शुरू हो जाएगा।
  • यदि आवश्यक हो तो पंप के हैंडल को पुन: व्यवस्थित करें। पंप के हैंडल की मुद्रा को बदलने से इसकी सक्शन (चूषण) क्षमता प्रभावित हो सकती है, इसलिए इसे तब तक घुमाएं जब तक आपको एक उपयुक्त सक्शन स्तर न मिल जाए जो आपके स्तन के पंप करने के प्रयासों को आसान बनाएं।
  • दूध को अधिक आसानी से एक्सप्रेस करने के लिए, आगे की ओर झुकने की कोशिश करें। याद रखें कि शुरुआत में दूध बूँद-बूँद बहता है और जब पंपिंग लगातार हो रही होती है, तो धीरे-धीरे इसका प्रवाह बढ़ जाता है।
  • तब तक जारी रखें जब तक दूध का प्रवाह धीमा न हो जाए। मैनुअल पंप से पंप करते समय, आमतौर पर लगभग 45 मिनट लगते हैं।

एक इलेक्ट्रिकल या बैटरी संचालित पंप का उपयोग करना

  • अपने निप्पल के ऊपर ब्रेस्ट शील्ड (स्तन के ढाल) को सही ढंग से रखें। 
  • मशीन को चालू करें और उसे काम करने दें। दूध स्वचालित रूप से आपके स्तन से कंटेनर में पंप होना शुरू कर देगा।
  • आवश्यकता अनुसार आटोमैटिक (स्वचालित) सक्शन को एडजस्ट (समायोजित) करें। यदि ऐसा लग रहा है कि दूध धीरे-धीरे पंप हो रहा है या सक्शन (चूषण) दर्दनाक लग रहा है, तो इसे एडजस्ट करें। अपने स्तनों और अपने शरीर के बाकी हिस्सों को पुनः व्यवस्थित करने की कोशिश करें। प्रक्रिया दर्दनाक नहीं होनी चाहिए, हालांकि यह पहली बार में अजीब लग सकती है।
  • सक्शन होते रहने पर शांत रहें। हालांकि, यदि आप रिलैक्स्ड हैं, तो चिंता की तुलना में आप अकसर कम समय में अधिक दूध बनाएंगी।
  • तब तक जारी रखें जब तक दूध का प्रवाह धीमा न हो जाए। इलेक्ट्रिक या बैटरी-चालित पंप का उपयोग करते समय, आपका 15 से 20 मिनट के भीतर हो जाएगा।

याद रखें:

  • चलते रहें! आप पाएंगी कि प्रैक्टिस (अभ्यास) से पंपिंग तेज़ और आसान हो जाता है।
  • रिलैक्स्ड हो जाए। जब आप रिलैक्स्ड और शांत महसूस कर रहीं हों तो पंपिंग की प्रक्रिया सबसे आसान और कम से कम असहज लगती है।
  • कंटैमिनेशन (दूषण) से बचने के लिए, किसी भी ब्रेस्ट पंपिंग सेशन के बाद हमेशा अपने ब्रेस्ट पंप और उसके रिमूवेबल पार्ट्स (निकाले जा सकनेवाले हिस्सों) को साफ़ करें।

दूध को स्टोर करना:

  • माँ के दूध को 6 घंटे तक कमरे के तापमान पर रखा जा सकता है। 
  • आप फ्रिज में माँ के दूध को 4C या उससे कम पर 5 दिनों तक स्टोर कर सकतीं हैं (आमतौर पर पीछे, कभी दरवाजे पर नहीं)।
  •  माँ का दूध फ्रिज के आइस कम्पार्टमेंट (बर्फ के डिब्बे) में 2 सप्ताहों तक या फ्रीज़र में 6 महीने तक स्टोर (संग्रहीत) किया जा सकता है।
  • मीट प्रोडक्ट, अंडे या किसी भी बिना पके खाद्य पदार्थों से दूर स्टोर करें। फ्रिज के पीछे वाले हिस्से का उपयोग करें, न कि दरवाज़े का।
  • जितने अधिक बार फ्रिज का दरवाज़ा खोला जाएगा, उतने ही अधिक तापमान बढ़ने की संभावना होगी।
  • प्रत्येक बार जब आप उपयोग करतीं हैं, तब आपके दूध को स्टोर करने के लिए उपयोग किए जाने वाले प्रत्येक फ्रिज (या बैग) का तापमान चेक करने का प्रयास करें।

स्टोर किए हुए स्तन के दूध का उपयोग करना:

  • स्तन के दूध को गर्म करने या डीफ्रॉस्ट करने के लिए माइक्रोवेव या गैस स्टोव का उपयोग न करें क्योंकि इससे गर्म स्पॉट आ सकते हैं, जो आपके शिशु के मुंह को जला सकते हैं।
  • रेफ्रीजरेटेड (प्रशीतित) एक्सप्रेस किए गए स्तन के दूध को गुनगुने पानी में रखकर गर्म करें।
  • शिशु को दूध पिलाने से पहले तापमान चेक करें, और डीफ्रॉस्ट किए हुए दूध का तुरंत उपयोग करें और इस्तेमाल न किए हुए किसी भी दूध को फेंक दें।
  • यदि दूध से खट्टी बू आ रही है, तो इसका बिलकुल उपयोग न करें।
  • स्टोर किए जाने पर, क्रीम और दूध अलग हो सकते हैं। यह सामान्य बात है। उपयोग करने से पहले, मिक्स करने के लिए धीरे-धीरे शेक करें।
  • कुछ शिशु, विशेष रूप से पहले-पहले, एक्सप्रेस किए गए स्तन के दूध को लेने से हिचकिचाते हैं। एक कप या चम्मच से दूध ऑफर करने की कोशिश करें।

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