प्रेगनेंसी के दौरान सामान्य शिकायतें

complaints during Pregnancy

यद्यपि शरीर एक नए जीवन को धारण करने के लिए ख़ूबसूरती से स्वयं को ढाल देता है, लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान कुछ सामान्य शिकायतें हो सकतीं हैं।

मसूड़ों से खून बहना

लक्षण: मसूड़ों से ब्लीडिंग (रक्तस्राव), अधिकतर दाँत साफ करने के बाद।

उपाय: खाने के बाद अपने दाँतों को अच्छी तरह से फ्लॉस और ब्रश करें। अपने डेंटिस्ट (दंत चिकित्सक) को दिखाएँ, लेकिन एक्स-रे से बचें।

सांस फूलना

लक्षण: सांस फूलना एक आम शिकायत है जो माताओं को प्रेगनेंसी के दौरान महसूस होती है।

उपाय: जितना संभव हो उतना आराम करें और यदि समस्या गंभीर है, तो अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें।

कॉन्स्टिपेशन (कब्ज)

लक्षण: असमान अंतराल पर सूखा, कठोर मल पास करना।

उपाय: बहुत सारा पानी पीए और उच्च फाइबर भोजन खाकर जुलाब की गोलियों से बचें; नियमित रूप से व्यायाम करें; एक भरे पेट पर आयरन सप्लीमेंट (अनुपूरक) (यदि प्रिस्क्राइब्ड हो) लें और यदि समस्या बनी रहती है तो अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें।

क्रैम्प (ऐंठन)

लक्षण: मांसपेशियों के दर्दनाक कॉन्ट्रैक्शन (संकुचन), आमतौर पर पैरों की पिंडलियों में।

उपाय: प्रभावित क्षेत्र को मालिश करें। ब्लड सर्कुलेशन (रक्त परिसंचरण) को सुधारने के लिए आसपास टहलें। अपने डॉक्टर से बात करें जो कैल्शियम या विटामिन डी सप्लीमेंट प्रिस्क्राइब कर सकता है।

बेहोश महसूस होना

लक्षण: चक्कर आना या अस्थिर महसूस होना।

उपायकोशिश करें कि लंबे अंतरालों के लिए खड़े न रहें। बैठते या लेटते समय धीरे-धीरे उठें या लेटें। एक तरफ मुड़ें और फिर उठें, यदि आप अपनी पीठ के बल लेटीं हुईं हैं। किसी गर्म स्नान से धीरे-धीरे उठें। अपने सिर को अपने घुटनों के बीच रखें अगर आपको अचानक चक्कर आने लगे।

लगातार पेशाब आना

लक्षण: आप अधिक बार पेशाब करने लगतीं हैं।

उपाय: यदि वॉशरूम जाने की तीव्रता रात में अधिक है, तो संध्या के समय, कोशिश करें कि आप कम तरल पदार्थ पीए। यदि आप पेशाब करते समय दर्द महसूस करतीं हैं तो अपने डॉक्टर से बात करें क्योंकि यह इन्फेक्शन (संक्रमण) का संकेत हो सकता है।

दिल की जलन

लक्षण: सीने में चारों ओर एक तीव्र जलने वाला दर्द ।

उपाय:

  • मसालेदार और तले हुए खाने से बचें।
  • बार-बार छोटे-छोटे भोजन लें।
  • रात में कोई गर्म ड्रिंक (पेय) आज़माए।
  • अपने सिर को लेटाने के लिए अतिरिक्त तकियों का उपयोग करें।
  • अपने डॉक्टर से बात करें जो एक ऐन्टैसिड (अम्लतत्वनाशक) प्रिस्क्राइब कर सकता है।

यूरिन लीक होना (मूत्र रिसाव)

लक्षण: जब आप खाँसतीं, छींकतीं या हंसतीं हैं तो यूरिन लीक (मूत्र रिसाव) हो जाता है।

उपाय:

  • पेल्विक (श्रोणीय) मांसपेशियों को मज़बूत करने के लिए पेल्विक फ्लोर (श्रोणीय तल) व्यायामों का अभ्यास करें।
  • पानी अधिक बार पास करें।
  • ऐसे खाने से बचें जो कब्ज पैदा कर सकता है।
  • भारी वज़न उठाने से बचें।

मॉर्निंग सिकनेस (सुबह की बीमारी)

लक्षण: उलटी करने या उबकने की एक टेंडेंसी (प्रवृत्ति), विशेष रूप से सुबह या दिन के किसी विशेष समय में। अधिकांश महिलाएँ कुछ खाद्य पदार्थों और / या सिगरेट के धुएं की गंध से बीमार और उबकाई महसूस करती हैं।

उपाय:

  • जागने पर कैफीन लेने से बचें।
  • मतली को सीमा में रखने के लिए कुछ हल्का खाएं।
  • उन खाद्य पदार्थों से बचें जिनमें तेज़ गंध है अगर यह समस्या को बिगाड़ता है।
  • दिन भर में बार-बार छोटे-छोटे भोजन लें।

पाइल्स (बवासीर)

लक्षण: मल पास करते समय दर्द या ब्लीडिंग (रक्तस्राव)।

उपाय:

  • खुजली को कम करने के लिए उस जगह पर बर्फ़ पैक लगाएं।
  • कब्ज से बचें।
  • कोशिश करें कि लंबे समय तक खड़े न रहें।
  • अपने डॉक्टर से बात करें जो जगह पर लगाईं जा सकनेवाली मरहम प्रिस्क्राइब कर सकता है।

लाल चकत्ते पड़ना।

लक्षण : स्तन के नीचे या ग्रॉइन एरिया (उरुसंधि क्षेत्र) में पसीने वाली त्वचा की सिलवटों में लाल रैश (चकत्ते) विकसित हो सकता है।

उपाय:

  • इन जगहों को धोने के लिए ग़ैर-सुगंधित साबुन का उपयोग करें और इन्हें नियमित रूप से सुखाएं।
  • अधिक बार स्नान करके अपने हाइजीन क्वोशन्ट (स्वच्छता लब्धि) को बेहतर बनाएं।
  • कैलमाइन लोशन से त्वचा को सोखें।
  • ढीले कपड़े पहनें और प्राकृतिक सांस लेने योग्य कपड़ों का उपयोग करें।
  • गर्म वातावरणों में काम करने से बचें।

नींद आने में कठिनाइयाँ

लक्षण : गर्भवती माता को नींद आने में परेशानी हो सकती है या रात के बीच में जागने पर वापस सोने में कठिनाई हो सकती है। कुछ महिलाओं ने भयावह सपने देखने के बारे में भी कहा हैं।

उपाय:

  • सोने से पहले एक गर्म स्नान करें।
  • कोई किताब पढ़ें या विश्राम तकनीकों का अभ्यास करें।
  • अतिरिक्त तकिए के साथ प्रयोग करें।
  • हल्दी वाला दूध या कैममाइल चाय जैसे किसी गर्म बेवरेज (पेय) को पीए जो नींद को बढ़ावा देता है।
  • लैवेंडर आवश्यक तेल जो एक सुखदायक सुगंध फैलाते हैं, उपयोगी हो सकते हैं।

स्ट्रेच मार्क्स (खिंचाव के निशान)

लक्षण : प्रेगनेंसी के दौरान जांघों, पेट या स्तनों पर लाल मार्क (निशान) दिखाई देते हैं क्योंकि त्वचा अपनी सामान्य क्षमता से अधिक खींची जाती है।

उपाय:

  • उस जगह को आराम देने के लिए एक मॉइस्चराइज़र का उपयोग करें, हालांकि क्रीम और मरहम स्ट्रेच मार्क्स को प्रिवेंट या ठीक नहीं कर पा सकेंगे।
  • तेल की मालिश मददगार साबित होती है।

पसीना आना

लक्षण : तेज़ी से हार्मोनल परिवर्तन के परिणामस्वरूप बहुत कम परिश्रम से भी पसीना आने लग सकता है या जागने पर गर्म और पसीने से तरबतर महसूस हो सकता है। यह प्रेगनेंसी के दौरान त्वचा में ब्लड फ्लो (रक्त प्रवाह) में वृद्धि के कारण भी होता है।  

उपाय:

  • बहुत सारे तरल पदार्थ पीए।
  • ढीले कपड़े पहनें जो आरामदायक हों और सांस लेने योग्य कपड़े से बने हों।
  • ताज़ी हवा के लिए खिड़कियाँ खोलें या आरामदायक महसूस करने के लिए एसी (वातानुकूलन) में रहें।

इडिमा (शोफ)

लक्षण : अतिरिक्त पानी और पानी के रिटेंशन (प्रतिधारण) की वजह से टखनों, पैरों, हाथों या उंगलियों में सूजन होती है।

उपाय:

  • जितनी बार हो सके अपने पैरों को ऊपर रखें और आराम करें।
  • प्रोसेस्ड और डिब्बाबंद खाने से बचें।
  • बहुत अधिक नमक का उपयोग करने से बचें।
  • कोमल फूट एक्सरसाइज़ (पैर व्यायाम) आज़माए और अपनी उंगलियों को फ्लेक्स करें।

Thrush

लक्षण : A thick white discharge accompanied by severe itching and/or soreness and pain while passing urine

उपाय:

  • अगर आपको सूज महसूस हो रही है तो साबुन का इस्तेमाल करना बंद कर दें।
  • वजाइनल डिओडोरेंट (योनि गंधहारकों) से बचें।
  • कॉटन अंडरवियर (सूती अधोवस्त्र) का उपयोग करें।
  • टाइट कपड़ों से बचें।
  • एक डॉक्टर क्रीम या मरहम प्रिस्क्राइब कर सकता है।

वजाइनल डिस्चार्ज (योनि स्राव)

लक्षण : बिना किसी दर्द के स्पष्ट डिस्चार्ज (स्राव) में थोड़ी वृद्धि।

उपाय:

  • Avoid synthetic soaps
  • वजाइनल डिओडोरेंट (योनि गंधहारकों) से बचें।
  • Wear a light sanitary pad
  • See your doctor if there is any itching or weird smell

Varicose Veins

लक्षण : The veins in the calves and thighs become painful and swollen.

उपाय:

  • अकसर अपने पैर ऊपर रखें।
  • अपने बिस्तर के पैर को ऊपर उठाने से मदद मिल सकती है।
  • अपने पैरों के नीचे अतिरिक्त तकियों का उपयोग करें।
  • सपोर्ट टाइट्स (चड्डियाँ) मदद कर सकतीं हैं।
  • पैरों का व्यायाम करें।

थकान

लक्षण : अधिक बार आराम करने और सोने की आवश्यकता जो प्रेगनेंसी के कारण शरीर पर अतिरिक्त मांगों के कारण होती है।

उपाय:

  • जितना हो सके आराम करें।
  • विश्राम तकनीकों का अभ्यास करें और अधिक परिश्रम न करें।
  • बिस्तर पर जल्दी चलें जाए।
  • ध्यान का अभ्यास करें।

उपरोक्त प्रेगनेंसी की सभी समस्याएँ काफी आम हैं, ये उपाय आपको इन समस्याओं को आराम प्रदान करने में मदद करेंगे; हालाँकि, अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें यदि प्रेगनेंसी के दौरान ये समस्याएँ लंबे समय तक बनी रहती हैं।

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