Handling Minor Burns

First Aid: Handling Minor Burns by Famhealth
  • व्यक्ति घाव को गुनगुने पानी से धीरे से साफ करें।
  • हालांकि मक्खन को घरेलू उपचार के रूप में इस्तेमाल किया गया है , लेकिन इसे किसी भी जले हुवे भाग पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
  • व्यक्ति , रिंग्स , ब्रेसलेट्स , और अन्य संभावित रूप से हाथ को संकुचित करने वाले सामानो को हटा दिया जाना चाहिए ( शोफ से सूजन हो सकती है और रिंग्स आइटम से त्वचा कट सकती है)।
  • किसी भी कम जले भाग को एक सामयिक एंटीबायोटिक मरहम लगाकर ठीक किया जा सकता है, जैसे कि बैकीट्रैसिन या नियोस्पोरिन। सिलवाडीन ( सिल्वर सल्फ़ैडज़ाइन ) सामयिक अधिकांश जलने को ठीक करने के लिए पसंदीदा प्रोडेक्ट आपके निजी स्थानों या मेडिकल स्टोर काउंटर से मिल सकते है।
  • यदि व्यक्ति इस बात से परेशान है की जला भाग अधिक गहरा है और प्रकृति में दूसरी या तीसरी डिग्री का हो सकता है , तो व्यक्ति को चिकित्सक के सामने देखभाल करनी चाहिए ।
  • जरूरत पड़ने पर व्यक्ति को टेटनस टीकाकरण करना चाहिए।

शरीर के किसी भाग के बिजली से जलने पर प्राथिमक उपचार :

यदि कोई व्यक्ति बिजली से जलने का शिकार हो जाता है, तो उन्हे हमेशा चिकित्सक से ही चिकित्सा लेनी चाहिए।

शरीर के किसी भाग को रासायन से जलने पर प्राथमिक उपचार :

  • व्यक्ति को उस रसायन की पहचान रखनी चाहिए जिससे वह जला है।
  • अपने क्षेत्र या अपने स्थानीय अस्पताल के आपातकालीन विभाग के ज़हर नियंत्रण केंद्र से संपर्क करें। आप स्वचालित रूप से निकटतम जहर नियंत्रण केंद्र से जुड़ जाएंगे। बहुत से रसायन से जलने वाले घाव का इलाज स्थानीय देखभाल के साथ किया जा सकता है। कुछ रसायन जीवन हानि का कारण बन सकते हैं और अंगों को बहुत नुकसान पहुंचाते है , अत रोगी को चोटें और उभरने वाले घाव की देखभाल करने की आवश्यकता होती है। यह अनुशंसा की जा सकती है यदि हॉटलाइन फोन नंबर आपके सेल फोन पर है तो जानकारी लेकर साथ घर पर कार्यस्थल बनाकर प्राथमिक उपचार कर सकते है।
  • यदि किसी व्यक्ति की आंखों में रासायन गिर जाता है या आँख जल जाती है तो पीड़ित को हमेशा आपातकालीन चिकित्सा लेनी चाहिए।

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प्राथमिक चिकित्सा

वॉटर रिटेंशन

एक मानव शरीर में 70% पानी होता है | पानी बॉडी सेल्स के अंदर और बाहर दोनों तरफ
मौजूद होता है | हमारे लिवर, किडनी और त्वचा जैसे ज्यादातर अंग पानी से बने होते हैं |
लेकिन, अगर कहीं पर पानी का अत्यधिक संचय (अक्यूमुलेशन) हो रहा है,
तो इसका परिणाम वॉटर अक्यूमुलेशन है, जिसे वॉटर रिटेंशन या फ्लूड
अक्युमुलेशन कहा जाता है |

वॉटर रिटेंशन

किसी को अचानक सूजन होने, पैरों में, एंकल, हाथ, उंगलियों और चेहरे पर पफ़ीनेस (हलकी सूजन) और ब्लोटिंग होने का अनुभव हो सकता है | अक्सर वजन बढ़ना समझ कर इसका गलत अंदाजा लगाया जाता है | यहां तक की कठिन व्यायाम करने के बाद भी इस वॉटर रिटेंशन को शरीर से निकालना मुश्किल होता है |

 वॉटर रिटेंशन - वास्तव में यह क्या है?

वॉटर रिटेंशन को शरीर में सर्कुलेटरी सिस्टम, बॉडी टिशूज़, या कैविटीज़ में अत्यधिक फ्लूड के जमा होने के रूप में समझाया जाता है, जिसके कारण हाथों, पैरों, एंकल और फ़ीट में सूजन हो सकती है |

शरीर में बहुत सारे फैक्टर की वजह से वॉटर रिटेंशन होता है | कुछ फैक्टर्स नीचे दिए गए हैं:

  • आहार: ज्यादा नमक की मात्रा वाले खाने की चीजों जैसे चिप्स, फास्ट फूड्स, प्रोसैस्ड फूड्स जैसे मीट के कारण शरीर में वॉटर रिटेंशन हो सकता है | कोल्ड ड्रिंक के परिणाम स्वरुप भी वॉटर रिटेंशन हो सकता है |
  • लो प्रोटीन आहार: कम प्रोटीन वाले आहार से शरीर में एल्बुमिन की कमी हो सकती है, जो वॉटर रिटेंशन का कारण बनती है।
  • शारीरिक गतिविधियों की कमी:लंबे समय तक सेडेंट्री पोजीशन में खड़े रहने या बैठने से उस पर्टिकुलर हिस्से में वॉटर रिटेंशन हो सकता है | आप इसे लंबी वायु यात्रा या बस द्वारा यात्रा करने पर ओबज़र्व कर सकते हैं |
  • हार्मोनल बदलाव:आमतौर पर महिलाओं को मेंसट्रूअल साइकिल के दौरान सूजन महसूस होने का अनुभव होता है | महिलाओं में मेंसट्रूअल साइकिल के दौरान फ्लूट रिटेंशन के कारण स्तनों (ब्रेस्ट) में दर्द होता है |दूसरे लक्षणों में पेट में ब्लोटिंग और वजन बढ़ना शामिल हैं |यहां तक कि हार्मोन थेरेपीज़ के कारण भी वॉटर रिटेंशन की संभावना बढ़ती है |
  • गर्म मौसम:गर्म मौसम के दौरान, हमारा शरीर टिशूज़ में से फ्लूड को बाहर निकालने में कम एफिशिएंट होता है |

कुछ मेडिकल कंडीशंस जैसे कि नेफ्रिटिक सिंड्रोम, अक्यूट ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस वॉटर, पुरानी फेफड़े की बीमारी (क्रोनिक लंग डिसीज़) जैसे एम्फिसीमा, घातक लिम्फोएडेमा, थायरॉयड रोग,आर्थराइटिस, एलर्जिक रिएक्शन, और ल्यूपस जैसे ऑटोइम्यून रिएक्शन के कारण वॉटर रिटेंशन होता है।

वॉटर रिटेंशन के कुछ सामान्य लक्षण हैं:

  • शरीर के प्रभावित अंगों जैसे पैरों, एंकल्स और हाथों में सूजन।
  • पेट में सूजन महसूस होना।
  • सूजन वाले हिस्से में दर्द।
  • जोड़ो में अकड़न (जॉइंट स्टिफनेस)।
  • वजन का अचानक बढ़ना या घटना।
  • वजन का बढ़ना।

वॉटर रिटेंशन का पता कैसे चलता है?

  • आमतौर पर चिकित्सक द्वारा एक शारीरिक परीक्षण (फिज़िकल एग्जामिनेशन) किया जाता है।
  • मरीज़ की मेडिकल हिस्ट्री देखी जाती है।
  • एडिमा की एक विस्तृत समीक्षा (डिटेल्ड रिव्यू) की जाती है, डॉक्टर यह जांच करता है कि कौन से फैक्टर्स सूजन को बढ़ाते हैं और कम करते हैं।
  • एक रक्त परीक्षण की सलाह दी जाती है।
  • यूरिन परिक्षण (टेस्ट्स)।
  • लिवर फ़ंक्शन परीक्षण (टेस्ट्स)।
  • किडनी फंक्शन परीक्षण (टेस्ट्स)।
  • छाती का एक्स - रे।
  • हार्ट फंक्शन टेस्ट जैसे इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG)।

वॉटर रिटेंशन का क्या इलाज है?

एक डाईग्नोसिस पूरा होने के बाद, कारण का इलाज किय जाता है | आमतौर पर डॉक्टर के बताए अनुसार आहार,व्यायाम और जीवन शैली में बदलाव करने से एडीमा को सप्रेस किया जाता है | नीचे बताए गए कुछ तरीकों द्वारा शरीर से वॉटर रिटेंशन को समाप्त किया जाता है:

  • कैज़ूएटिव फैक्टर्स का इलाज जिसके कारण वॉटर रिटेंशन होता है।
  • मेडिकल कंडीशन के आधार पर जीवनशैली में बदलाव आने से।
  • वॉटर रिटेंशन दवाइयों के असर से भी हो सकता है, इसलिए डॉक्टर उन दवाओं को उसकी दूसरी औल्टरनेटिव दवाइयों के साथ बदल सकता है।
  • वॉटर पिल्स (डाइरेटिक्स) रीटेन्ड वॉटर को शरीर से बाहर निकालने में मदद मिल सकती है क्योंकि यह यूरिनरी फ्लो बढ़ा देता है।
  • यह देखा गया है कि समय-समय पर हल्के व्यायाम करना वॉटर रिटेंशन को खत्म करने के लिए फायदेमंद होता है|

कुछ टिप्स की मदद से आप शरीर से वॉटर रिटेंशन को दूर कर सकते हैं

  • कम नमक वाला आहार खाएं, क्योंकि नमक में सोडियम की अधिक मात्रा के कारण वॉटर रिटेंशन हो सकता है|
  • विटामिन बी 6 के अधिक सेवन से वॉटर रिटेंशन कम हो जाता है। विटामिन बी 6 से भरपूर आहार जैसे केला, आलू, अखरोट और मीट का सेवन करें|
  • पोटेशियम युक्त खाना खाएं क्योंकि वे शरीर में सोडियम के लेवल को कम करते हैं। केले और टमाटर पोटेशियम के अच्छे स्रोत हैं|
  • ख़ूब पानी पिएं|
  • रिफ़ाइन्ड चीज़ें खाने से बचें|
  • शराब जैसे ड्रिंक्स से बचें क्योंकि इससे वॉटर रिटेंशन होता है|
  • ताज़े फल और सब्जियां खाएं|
  • वॉटर रिटेंशन को कम करने के लिए अपने पैरों को दिन में कई बार उठाएं|
  • बहुत देर तक बैठे रहने और खड़े होने से बचें, काम करते हुए भी बीच में चलते रहें|
  • गर्म स्नान (हॉट बाथ) या सॉना से बचें क्योंकि यह शरीर के फ्लूड रिटेंशन को भी बढ़ाते हैं|

सोर्सेज़:

http://ddnews.gov.in/health/water-retention-causes-symptoms-treatment

https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK279409/

https://www.healthdirect.gov.au/fluid-retention/

https://medlineplus.gov/edema.html