पैरों का स्वास्थ्य (फुट हेल्थ)
हमें पैरों की समस्या क्यों होती है?
- वजन बढ़ने, अनुचित पोस्चर और गलत ना आप के जूते पहनने के कारण पैरों की संरचना बदल सकती है| इसकी संरचना बिगड़ने के कारण दर्द, कोर्न और कैलेसिस हो सकता है|
- हमारे पैरों में अनुचित हाईजीन के कारण बैक्टीरियल और फंगल इनफेक्शंस होने की संभावना ज्यादा होती हैं|
- हमारे पैरों में आसानी से चोट लग सकती हैं जैसे स्प्रेन और फ्रेक्चर्स|
पैरों की आम समस्याएं कौन सी हैं?
पैरों की कुछ समस्याएं काफी आम हैं
- पैर की ऐंठन (फुट क्रेम्प्स)- कुछ लोगों को खासतौर पर रात के समय पैरों में ऐंठन का अनुभव होता है। यह लंबे समय तक खड़े रहने या गलत फिटिंग के जूते पहनने के कारण हो सकता है। कैल्शियम या पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों की कमी इसके अन्य कारण हो सकते हैं | कभी-कभी, ऐंठन ब्लड सर्कुलेशन की कमी के कारण हो सकती है, खासकर अगर पैर ठंडे और नीले होने लगें| विशेष रूप से धूम्रपान करने वालों को ऐसे इशूज़ का ख़तरा होता है | दूध, नींबू पानी के सेवन को बढ़ाने और गर्म पानी में नमक डालकर पैर सेंकने से ऐंठन को कम करने में मदद मिल सकती है| अगर दर्द ठीक ना हो, तो अपने डॉक्टर से जांच करवाना अच्छा रहेगा|
- कॉर्न्स और कॉलसिस- कॉर्न्स और कॉलसिस पैरों में होने वाली आम समस्याएं हैं | ये गलत नाप के जूते पहनने या पैरों की संरचना में बदलाव के कारण हो सकते हैं, जैसे कि फ्लैट फ़ीट | ऑर्थोटिक सपोर्ट, जैसे फुट सपोर्ट, हील पैड्स या ऑर्थोटिक शूज़ इस समस्या को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- पैरों की उँगलियों के नाखूनों की समस्या (टो नेल इशू)- ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं होता कि पैर के नाखून कई बीमारियों से प्रभावित हो सकते हैं। सबसे सामान्य समस्या पैर के नाखूनों में फंगल इन्फेक्शन होना है, जिसमें नाखूनों का रंग बदलता (डिसक्लरेशन) है और वे अपने आप टूट भी सकते हैं। सोरायसिस से भी नाखून प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए अगर आप अपने नाखूनों में कोई बदलाव देखते हैं तो अपने डॉक्टर से जाँच करवाना सबसे अच्छा है |
- खुजलीवाले सकेली फ़ीट- पैरों में नमी के कारण ड्राईनेस हो सकती है| यह फंगल इन्फेक्शन और लम्बे समय से चली आरही एग्ज़ीमा जैसी एलर्जी के कारण भी हो सकते हैं| अगर नियमित मॉइस्चराइजिंग से फ़ायदा नहीं हो रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लेनाअच्छा रहेगा।
- डायबिटिक फुट- डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों को पैरों में इंफेक्शंस होने का खतरा ज़्यादा होता है, यहां तक कि पैरों में गैंगरीन होने की सम्भावना भी होती है| इसे डायबिटिक फुट कहा जाता है और यह पैरों में ब्लड सप्लाई की कमी और पैरों में संवेदनाओं (सेंसेशंस) में कमी के कारण होता है। जिसके परिणामस्वरूप, प्रभावित व्यक्ति पैरों में मामूली चोटों और संक्रमणों पर ध्यान नहीं देता है और कंडीशन तेज़ी से बिगड़ने लगती है| डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए, पैरों की स्वच्छता की अच्छी देखभाल करना डायबिटीज़ केयर का एक अनिवार्य हिस्सा है। इसमें पैरों को अच्छी तरह से साफ़ कर के सुखाना और अगर पैरों में फोड़े (बॉईल) जैसा इन्फेक्शन हो तो उसका फ़ौरन इलाज करना|
आप पैरों की समस्याओं से कैसे बचाव कर सकते हैं?
- आरामदायक जूते पहनें- गलत नाप के जूते पैर की तकलीफ का एक सामान्य कारण हैं। इसलिए दोपहर में जूते खरीदने की सलाह दी जाती है क्योंकि दिन के दौरान पैर एक्सपेंड होते हैं, ताकि आपको आरामदायक नाप के जूते मिल सकें|
- बेसिक फीट हाइजीन- साबुन और ब्रश से अपने पैरों को सावधानी से धोना महत्वपूर्ण है। उतना ही महत्वपूर्ण है कि उन्हें धोने के बाद अच्छी तरह से सुखाया जाए ताकि फंगल इन्फेक्शन ना हो सके|
- नाखूनों को सीधा काटें और उनके किनारों को खुरदुरा होने से बचाने के लिए उन्हें फाइल करें| ऐसा करने से अंदर बढ़ने वाले नाखूनों और लटकते हुए नाखूनों को रोका जा सकता है|
- अक्सर मोज़े बदलते रहने से पैरों की दुर्गंध को रोकने में मदद मिलती है|
- हर समय ऊँची एड़ी के जूते पहनने से बचें, शरीर के वजन को पैरों पर समान रूप से वितरित करने के लिए ब्लॉक हील या वेज हील वाले जूते पहनें। इससे पैर दर्द को रोका जा सकता है|
- घास में और सार्वजनिक स्नान क्षेत्रों (कम्यूनल बाथिंग एरिया) में नंगे पैर जाने से बचें क्योंकि इससे पैरों के द्वारा कीटाणु शरीर में प्रवेश कर सकते हैं जिससे फंगल इन्फेक्शन हो सकता है|
कुछ नियमित देखभाल और अच्छे फुट हाईजीन के साथ, अपने पैरों को अच्छी स्थिति में रखना संभव है | हम कोई भी इलाज शुरू करने से पहले मेडिकल सुपरविज़न की सलाह देते हैं|
सोर्सेज़:
https://www.mayoclinic.org/symptoms/foot-pain
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https://login.medscape.com/login/sso/getlogin?urlCache=aHR0cHM6Ly9yZWZlcmVuY2UubWVkc2NhcGUuY29tL2ZlYXR1cmVzL3NsaWRlc2hvdy9jb21tb24tZm9vdC1kaXNvcmRlcnM=&ac=401