10 significant tips about Heart Health

Here are 10 significant tips about Heart Health by Dr. Ashok Seth, Chairman, Fortis Escorts Heart Institute New Delhi.

World Heart Day is celebrated on 29वें September 2020 which brings in focus the vital organ of our body heart. To discuss more on heart health and its several parameters Famhealth is in an exclusive conversation with Dr. Ashok Seth, Chairman, Fortis Escorts Heart Institute New Delhi.

When asked about the scale of Heart Diseases in India Dr. Ashok Seth says,

  1. India has become the heart attack capital of the world. In last 30years there’s an increase for about 300% in the rate of heart diseases whereas it has dropped in the west by almost 50%.
  2. In last 50 years heart diseases have grown in young people by 100% which is almost double if we compare to west. India is a young country with 60% of population less than 40 years of age so these numbers are really scary because half of the country is at risk of getting a heart disease.

When asked about the reason for such astonishing numbers about Heart Disease in India Dr. Ashok Seth says,

  • Lifestyle is one of the most obvious reasons for the country to develop a heart disease. Today’s is a competitive world with job competitiveness, educational competitiveness, meeting deadlines, stress, no exercise and eating junk all of these lead to a unhealthy heart.
  • Unhealthy lifestyle issues lead to developing of cholesterol, hypertension, diabetes and ultimately leading to blockage of arteries and a stroke.
  • Pollution is another major factor that leads to blockages of arteries, results in hypertension and youth are most vulnerable to develop all these because they mostly remain outside for work or study.
  • Another leading and very obvious factor is smoking. Youth is under stress due to one or the either reason they develop a habit of smoking and alcoholism thus digging in their own graves i.e. pushing one to develop a heart disease.

When asked about possible ways to avoid a heart disease Dr. Ashok Seth says,

  • A regular routine check-up of lipid profiles, diabetes, and cholesterol level above the age of 25 in men is very necessary. If a person is beyond 45 years of age then they should go for a complete check-up and should be very cautious about their heart health.
  • Leading a very healthy lifestyle is very important exercising for 45 minutes 5 times in a week reduces the risk of heart disease by 25%.
  • Go for tests like blood tests, ECG, exercise tests are recommended for a person to know about the functioning of heart which reveal almost 10%-20% blockage of arteries in heart.
  • CT scan and CT angiogram are very important to know about the heart health of a person. This test reveals almost 30%-40% blockage of arteries in the heart which means a person is at high risk of getting a heart disease.

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए मुख्य टिप्स :

Tips for Healthy Heart by Famhealth
  • विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रांस वसा हृदय के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। ट्रांस वसा अधिक तली हुवे खाद्य पदार्थों और तैलीय खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं। क्योंकि ट्रांस फैट व्यक्ति के खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर ( एलडीएल ) को बढ़ाकर और व्यक्ति के अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर ( एचडीआर ) को कम करके व्यक्ति की धमनियों को बंद कर देता है। व्यक्ति इस प्रकार के अपने आहार को अपने भोजन से हटाकर , व्यक्ति पूरे शरीर में रक्त के प्रवाह में सुधार कर सकते हैं।
  • व्यक्ति के दांतो का स्वस्थ्य होना व्यक्ति के हृदय सहित पुरे शरीर के स्वास्थ्य होने का अच्छा संकेत है, क्योंकि जिन लोगों को पीरियडोंटल ( गम) रोग होता है, उनमें अक्सर हृदय रोग के जोखिम कारक समान होते हैं। मसूड़ों की बीमारी के विकास में शामिल मुंह में बैक्टीरिया रक्तप्रवाह में स्थानांतरित हो सकते हैं। ये बैक्टीरिया बोल्ड वाहिकाओं में सूजन पैदा कर सकते हैं, जिससे जिससे व्यक्ति को हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
  • नींद व्यक्ति के दिल को स्वस्थ रखने का एक अनिवार्य हिस्सा है। यदि व्यक्ति पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो व्यक्ति हृदय रोग के लिए उच्च जोखिम में हो सकते हैं, भले ही व्यक्ति की उम्र या अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या से ग्रस्त हो। व्यक्ति को नींद को प्राथमिकता देनी चाहिए है। विशेषज्ञ के अनुसार व्यक्ति को 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए हैं।
  • शोध से पता चला है कि लंबे समय तक बैठे रहना व्यक्ति के दिल की सेहत के लिए बुरा हो सकता है चाहे आप व्यक्ति कितना भी व्यायाम करें। विशेषज्ञों का कहना है कि व्यक्ति को दिन में चलते-फिरते रहना चाहिए है। कुछ आसान उपाय हैं जैसे की कार्यालय से पार्क तक जाना, दिन भर में कुछ कम चलना या एक स्थित कार्य केंद्र का उपयोग करना। 
  • अध्ययन से पता चलता है, कि हृदय रोग विकसित होने का जोखिम उन लोगों के लिए लगभग 25 से 30 प्रतिशत अधिक होता है, जो घर पर या काम पर सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में रहते हैं। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, तंबाकू के धुएं के संपर्क में आने से लगभग 34,000 व्यक्ति समय से पहले दिल की बीमारी से होने वाली मौतों हो चुकी है। व्यक्ति निष्क्रिय धूम्रपान करने वालों से दूरी बनाए रखने की कोशिश करें।

हृदय रोग

एक स्वस्थ मनुष्य का हृदय समान्य जीवन काल में 2.5 अरब (बिलियन) बार धड़कता है |
हृदय एक मस्क्यूलर ऑर्गन है, जो सर्कुलेट्री सिस्टम की ब्लड वेसल्स में रक्त का संचार करता है |
हमारे अंगों में रक्त के साथ ऑक्सीजन
और पोषक तत्वों (न्युट्रिएंट्स) सप्लाई करता है,
और मेटाबोलिक वेस्ट्स को हटाने में मदद करता है |

हृदय रोग

सेंटर ऑफ डिसीज़ कंट्रोल के अनुसार ऐसी बहुत सारी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं जो हृदय रोग (हार्ट डिसीज़) का कारण बन सकती हैं | कुछ प्रमुख कोंट्रीब्यूटरी फैक्टर्स, जेनेटिक्स,आयु, खराब जीवनशैली और पारिवारिक इतिहास हैं | जेनेटिक्स, आयु और पारिवारिक इतिहास ऐसे कारक हैं जिन्हें कंट्रोल नहीं किया जा सकता है | हालांकि, कोई भी एक अच्छी जीवनशैली अपनाकर और स्वस्थ आहार चुनकर हृदय रोगों से बच सकता है |

ह्रदय रोगों का कारण बनने वाले रिस्क फैक्टर्स

हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप)

उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) हृदय रोगों के मुख्य रिस्क फैक्टर्स में से एक है | यह एक मेडिकल कंडीशन है जिसके कारण आर्टरीज़ और दूसरी ब्लड वेसल्स में रक्त का अत्यधिक दबाव पड़ता है | हाइपरटेंशन को हार्ट अटैक जैसी हृदय की गंभीर कंडीशन के प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है |

उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) को “साइलेंट किलर” भी कहा जाता है, क्योंकि ज्यादातर लोग उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) के लक्षणों को नहीं समझ पाते हैं | हालांकि, उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) को एक सही डाइट, दवाइयों और एक स्वस्थ जीवन शैली के साथ कंट्रोल किया जा सकता है |
 
हाई कोलेस्ट्रॉल

कोलेस्ट्रॉल एक वसा (फैट) जैसा चिकना, वैक्स जैसा पतला, पदार्थ है जिसे प्राकृतिक रूप से लिवर द्वारा प्रोड्यूस किया जाता है | हालांकि, सैचुरेटेड फैट्स से भरपूर आहार खाने से हमारे रक्त में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है | अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल आर्टरीज़ की दीवारों पर डिपॉजिट हो जाता है जिसके कारण वह सिकुड़ जाती हैं, जिसके कारण एथरूज़क्लेरोसिस और हार्ट अटैक जैसे गंभीर हृदय रोग हो सकते हैं |

डायबिटीज़

मधुमेह (डायबिटीज़) मेलिटस हृदय रोगों का एक और प्रमुख रिस्क फैक्टर है | शरीर को एनर्जी प्रदान करने के लिए शुगर की आवश्यकता होती है और सामान्य परिस्थितियों में पैंक्रियास शुगर को इस्तेमाल में लाने के लिए पर्याप्त इंसुलिन प्रोड्यूस करता है | हालांकि,मधुमेह (डायबिटीज़) में या तो इंसुलिन कम प्रोड्यूस होता है या फिर प्रोड्यूस होता ही नहीं है जिससे शुगर रक्त में मिलने (अक्युमुलेट) होने लगती है|

प्रमुख हृदय रोग

एंजाइना

जब हृदय की मसल में पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं पहुंचता है तब सीने में दर्द (चेस्ट पेन) या बेचैनी होने को एंजाइना के नाम से जाना जाता है | एंजाइना के रोगियों को सीने में दर्द और जकड़न महसूस हो सकती हैं जो हाथों, गर्दन, जबड़े (जौ) पीठ या पेट तक भी रेडिएट हो सकती है | एनजाइना गंभीर ह्रदय रोग होने का संकेत है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए |

एंजाइना का इलाज

एंजाइना का इलाज ना केवल इसके लक्षणों को कम करता है बल्कि हार्ट अटैक और मृत्यु होने के खतरे को भी कम करता है |

इलाज के विकल्पों (ओपशंस) में शामिल है:

  • जीवनशैली में मॉडिफिकेशन जैसे कि धूम्रपान (स्मोकिंग) छोड़ना, वजन नियंत्रित करना, सही खाना खाना, तनाव से दूर रहना, और मधुमेह ही डायबिटीज को कंट्रोल करके |
  • दवाइयां जैसे कैलशियम चैनल ब्लॉकर्स, सेटिंस ( डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब की हुई) लेने से |
  • स्टेटिंग, कोर्नरी आर्टरी बायपास (यह डॉक्टर पर निर्भर करता है वह क्या चुनना चाहे) जैसे इलाज द्वारा |
  • कार्डियक रिहैबिलिटेशन कार्डियक के बाद होने वाली प्रक्रिया है जिसका लक्ष्य अच्छा शारीरिक स्वास्थ्य (फिज़िकल फ़िटनेस), कार्डियक के लक्षणों को कम करना, संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार करना, और भविष्य में ह्रदय रोग होने के खतरे को कम करना |

मुख्य धमनी का सिकुड़ना (एओर्टिक स्टेनोसिस)

एओर्टिक स्टेनोसिस सबसे प्रचलित और सबसे गंभीर हृदय की धमनी (वौल्व) की बीमारियों में से एक है जो एओर्टिक वॉल्व में रक्त के संचार में रुकावट आने के कारण होता है | इससे पीड़ित मरीज सीने में दर्द, बेहोशी,और हार्ट फैलियर जैसी मुश्किलों (कौम्प्लीकेशंस) का सामना कर सकता है जिससे सांस लेने में परेशानी होने जैसी समस्या हो सकती है | यह कंडीशन जेनेटिक और आयु से संबंधित हो सकती है|

एओर्टिक स्टेनोसिस का प्रबंधन

एओर्टिक स्टेनोसिस का इलाज इसके लक्षणों और बीमारी की गंभीरता पर निर्भर करता है |

बीमारी के हलके असर में शायद किसी इलाज की जरूरत ना पड़े; हांलाकि, किसी भी कॉम्प्लिकेशन का अंदाजा लगाने के लिए डॉक्टर द्वारा एक नियमित ईसीजी किया जाता है | इसके गंभीर मामलों के इलाज में शामिल है:

  • एओर्टिक वॉल्व बदलना: गंभीर एओर्टिक स्टेनोसिस के लिए एकमात्र प्रभावशाली इलाज एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट है |
  • दवाइयां: इस कंडीशन के लिए कोई भी विशेष दवाई नहीं है, हालांकि इसकी कॉम्प्लिकेशंस को रोकने के लिए ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जाता है |

ऐथरोज़क्लेरोसिस

ऐथरोज़क्लेरोसिस वह बीमारी है जिसमें आर्टिरीज़ के अंदर प्लेक बनने लगता है,जिसके कारण ब्लॉकेज होता है और हमारे अंगों तक ऑक्सीजन युक्त रक्त का संचार सीमित हो जाता है | यह हार्ट अटैक, स्ट्रोक्स, और पेरिफेरल वासक्युरल बिमारियों जिन्हें एक साथ कार्डियोवैस्कुलर डिसीज़ कहा जाता है के होने के प्रमुख कारणों से एक है |

ऐथरोज़क्लेरोसिस का प्रबंधन

जीवनशैली प्रबंधन - स्वस्थ आहार खाना

प्राथमिक रूप से एक स्वस्थ आहार में फलों, सब्जियों, अनाज (होल ग्रेन), से भरपूर और कार्बोहाइड्रेट्स, सैचुरेटेड, ट्रांस फैट्स, और सोडियम की कम मात्रा वाले आहार शामिल हैं |

इसे करने के कुछ सरल तरीके हैं सफेद ब्रेड को होल ग्रेन ब्रेड से बदलना, रिफाइंड खाने की चीजों की बजाए फल और सब्जियां खाना, मक्खन जैसा सॉलिड फैट की बजाय ऑलिव ऑयल इस्तेमाल करना,और शुगर और शुगर से बनी चीजों को काफ़ी हद तक कम करना |

  • धूम्रपान का त्याग करें- मेयो क्लीनिक के अनुसार - बहुत ज्यादा धूम्रपान करने वालों के लिए, ऐथरोज़क्लेरोसिस को और गंभीर होने और कॉम्प्लिकेशंस के खतरे को कम करने के लिए धूम्रपान छोड़ना एकमात्र सबसे प्रभावशाली तरीका है |
  • स्वस्थ वज़न बनाए रखना- मोटे व्यक्तियों को हृदय रोग होने का खतरा सबसे अधिक होता है | इसलिए एक व्यक्ति को अपने स्वस्थ वज़न पर नियंत्रण रखना चाहिए |
  • तनाव से निपटना- शरीर को रिलेक्स रखें; गहरी सांस लेने की कोशिश करें, तनाव से बचने के लिए मेडिटेशन और योगा करें |
  • दवाइयां और सर्जरी- डॉक्टर कोलेस्ट्रॉल की दवा, एंटी-प्लेटलेट की दवा,और कैलशियम चैनल ब्लॉकर्स जैसे दवाइयां प्रिसक्राइब कर सकता है | सर्जरी में एंजियोप्लास्टी, एन्डारटिरेकटमी और बाईपास ग्राफ्टिंग शामिल हैं |

एट्रियल फिब्रिलेशन

एट्रियल फिब्रिलेशन ( जिसे एएफ़आईबी या एएफ़ भी कहा जाता है) असामान्य हृदय की धड़कन की लय (अरिदमिया) का सबसे आम प्रकार हैं जिसके कारण ब्लड क्लॉट्स, स्ट्रोक, हार्ट फ़ेलियर और अन्य हृदय संबंधी कॉम्प्लिकेशंस हो सकती हैं |

एट्रियल फिब्रिलेशन का प्रबंधन (मैनेजमेंट)

एट्रियल फिब्रिलेशनका इलाज इस पर निर्भर करता है कि मरीज़ को एट्रियल फिब्रिलेशन के गंभीर लक्षण, और एट्रियल फिब्रिलेशन होने के अंतर्निहित (अंडरलाइंग) कारण कब से दिखाई दे रहे हैं | आमतौर पर, एट्रियल फिब्रिलेशन के इलाज का लक्ष्य:

  • हृदय की धड़कन की लय (रिदम) को रिसेट करना या उसे नियंत्रित करना |
  • ब्लड क्लॉट होने से रोकना |
  • स्ट्रोक होने के खतरे को कम करना |

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए मुख्य टिप्स :

  • धूम्रपान से परहेज़ |
  • ब्लड कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना |
  • उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) को नियंत्रित करना |
  • मधुमेह (डायबिटीज) की जांच करते रहना |
  • व्यायाम करना और फिज़िकली एक्टिव रहना |
  • वज़न को मेंटेन करना |
  • पौष्टिक (न्यूट्रीशियस) आहार खाना |
  • नमक और शुगर कम खाना |
  • तनाव से दूर रहना |

सोर्सेज़:

हृदय रोग सहायता समूह

डायबिटीज़ को पराजित करने वालों की ये प्रेरक कहानियाँ आपको प्रेरित रखेंगी!

वृद्धावस्था (SILVER YEAR ) में शारीरिक,
मानसिक, व भावनात्मक बीमारी का होना

Some Diseases Associated With
Old Age

Old age is also known as senescence. Normally silver years or old
age is defined as period of the life from 60-65 years. A regular
exercise and eating a well balanced diet can help to fight against
many infections and diseases associated with the old age.

वृद्धावस्था (silver year ) में शारीरिक, मानसिक, व भावनात्मक बीमारी का होना

Silver Years- Physical/Mental/Emotional Well Being by Famhealth

रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ( सीडीसी ) के अनुसार, यदि 65 वर्ष की आयु के बाद उचित स्वास्थ्य देखभाल के उपाय किए जाते हैं, तो एक व्यक्ति अन्य व्यक्ति की अपेक्षा 19.3 साल तक अधिक जीवित रह सकता हैं।

लिटिल रॉक में चिकित्सा विज्ञान के लिए अरकंसास विश्वविद्यालय में रेनॉल्ड्स इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक जीन वेई, पीएचई, एमडी, पीएचडी के अनुसार, जो लोग स्वस्थ जीवन शैली विकल्पों को अपनाते हैं, जैसे धूम्रपान छोड़ना और वजन कम करना, तो वे व्यक्ति उम्र से संबंधित स्वास्थ्य जोखिमों से बचने में स्वयं की मदद कर सकते हैं।

बुढ़ापे से सम्बंधित कुछ मुख्य बीमारियों की निम्नलिखित है।

1. व्यक्ति में गठिया रोग :

सीडीसी के अनुसार 49.7 प्रतिशत बुजुर्ग गठिया से पीड़ित हैं। बुजुर्ग व्यक्ति ज्यादातर ऑस्टियोआर्थराइटिस नामक दर्दनाक स्थिति से पीड़ित होते हैं, जो दर्दनाक है और बुजुर्गों में गतिशीलता को सीमित करता है।

2. उम्र के साथ हृदय रोग का होना :

बुजुर्ग व्यक्तियों में उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसे जोखिम कारक होने के साथ , स्ट्रोक की तरह, हृदय के रोगों के विकास होने की उच्च प्रवृत्ति की संभावना होती हैं। व्यायाम के साथ-साथ संतुलित और लगातार भोजन खाने से बुजुर्गों को दिल से संबंधित विकारों से बचाया जा सकता है।

3. व्यक्तियों में कैंसर की संभावना :

सीडीसी की रिपोर्ट के अनुसार, 65 वर्ष से अधिक आयु के 28 प्रतिशत पुरुष और 21 प्रतिशत महिलाएं कैंसर से पीड़ित हैं। इसलिए नियमित जांच जैसे मैमोग्राम, कॉलोनोस्कोपी, और त्वचा की जाँच से विभिन्न प्रकार के कैंसर को रोका जा सकता है।

4. बुजुर्ग व्यक्ति में श्वसन संबंधी रोग :

सीडीसी ने बताया है कि पुरानी कम श्वसन संबंधी बीमारियां, जैसे कि क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), 65 और इससे अधिक उम्र के लोगों में मृत्यु का तीसरा सबसे आम कारण है। बुजुर्ग अस्थमा, पुरानी ब्रोंकाइटिस या वातस्फीति जैसे पुराने श्वसन संक्रमण से पीड़ित हो सकते हैं। ये समस्याएं बुजुर्गों को निमोनिया जैसी स्थितियों के लिए आसानी पैदा कर सकती हैं। शुरुआती जांच से बुजुर्गों में निमोनिया को रोका जा सकता है।

5. व्यक्ति में अल्जाइमर रोग का होना :

अल्जाइमर एसोसिएशन के अनुसार, नौ लोगों में से एक की उम्र 65 और उससे अधिक है, जो लगभग 11 प्रतिशत है, अल्जाइमर रोग पीड़ित है, लेकिन निदान चुनौतीपूर्ण है, क्योकि यह जानना मुश्किल है कि कितने लोग इस पुरानी स्थिति के साथ जी रहे हैं। एक प्रारंभिक चरण में इस बीमारी का निदान करने से शुरुआती पकड़ इससे निपटने में मदद मिल सकती है

6. ऑस्टियोपोरोसिस :

ऑस्टियोपोरोसिस बुजुर्गों में भी एक उम्र से संबंधित समस्या है, खासकर महिलाओं में, यह ऑस्टियोपोरोसिस कम गतिशीलता और बुजुर्गों में एक विक्षिप्त कद की ओर योगदान कर सकता है।

7. वयस्क व्यक्तियों में मधुमेह रोग की संभावना :

सीडीसी के अनुसार 65 और उससे अधिक उम्र के 25 प्रतिशत लोग मधुमेह के साथ जी रहे हैं। पूर्व मधुमेह की स्थिति की जांच करना आवश्यक है और रक्त शर्करा के स्तर की निगरानी करने से रोग को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।

8. इन्फ्लुएंजा और निमोनिया रोग का होना :

सीडीसी के अनुसार, 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में फ्लू और निमोनिया के संक्रमण के शीर्ष आठ कारणों में से एक हैं। बुजुर्ग व्यक्ति इन बीमारियों की चपेट में अधिक आते हैं और उनसे लड़ने में सक्षम नहीं होते हैं। टीकाकरण इन संक्रमणों के लिए बुजुर्गों निपटने की क्षमता प्रदान कर सकता है।

9. बुजुर्ग व्यक्तियों के फिसलने की समस्या :

सीडीसी रिपोट्स के अनुसार, 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 2.5 मिलियन लोगों का इलाज आपातकालीन विभागों में गिरने के कारण होता है। बुजुर्गों को सावधानी से चलना चाहिए और फिसलन वाले स्नान कक्षों का उपयोग करने से बचना चाहिए।

10. व्यक्ति का मोटा हो जाना : 

मोटापा हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर के लिए एक महत्वपूर्ण वरिष्ठ स्वास्थ्य जोखिम कारक है। यह बुजुर्गों में उच्च रक्तचाप और एथेरोस्क्लेरोसिस जैसी विभिन्न जटिलताओं के बढ़ने ओर अग्रसर करता है।

11. बुजुर्ग व्यक्ति का अवसाद में रहना :

सीडीसी के अनुसार कई बुजुर्ग अवसाद से पीड़ित होते हैं। मित्रों और परिवार से सहायता और सामाजिक मेलजोल में वृद्धि से बुजुर्गों में अवसाद को रोका जा सकता है

12. मुँह के स्वास्थ की समस्या :

कार्यात्मक और शारीरिक परिवर्तनों के कारण बुजुर्गों में मौखिक स्वास्थ्य से समझौता हो जाता है। नियमित मूल्यांकन के लिए बुजुर्गों को हर 6 महीने के बाद दंत चिकित्सक से मिलने की सलाह दी जाती है। दंत चिकित्सकों द्वारा बुजुर्गों में दंत स्वास्थ्य को बहाल करने के लिए दंत चिकित्सा और मौखिक पुनर्वास के उपाय किए जाते हैं।

13. दाद के होने की समस्या :

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार , 60 में से तीन लोगों में से एक को दाद मिलेगा। जो लोग बचपन में चिकन पॉक्स से पीड़ित होते हैं, वे उम्र बढ़ने के साथ दाद का सामना करते हैं। एक अच्छी प्रतिरक्षा प्रणाली और अच्छी स्वास्थ्य स्थिति बुजुर्गों को तेज गति से दाद से उबरने में मदद करती है।

सोर्सेज़:

https://www.britannica.com/science/old-age

https://www.merckmanuals.com/home/older-people%E2%80%99s-health-issues/the-aging-body/disorders-in-older-people

http://alz-aging-research.org/diseases.html

https://www.verywellhealth.com/age-related-diseases-2223996