बाँझपन (इनफर्टिलिटी)
एक बार जब आप अपना परिवार शुरू करने का फैसला कर लेतीं हैं, तो कन्सीव (गर्भाधान) करने के लिए आप बहुत खुश और उत्सुक होंगी। कभी-कभी बार-बार प्रयास करने के बावजूद, कोई प्रेग्नेंट (गर्भवती) नहीं हो पाती है और इसके कारण बहुत तनाव हो सकता है और कभी-कभी डिप्रेशन (अवसाद) भी हो सकता है।
बाँझपन (इनफर्टिलिटी) क्या है ?
सामान्यतया बात करें तो, बाँझपन एक वर्ष के लिए सावधानीपूर्वक उचित समय पर असुरक्षित सेक्स करने के बावजूद, कन्सीव (गर्भाधान) करने में असमर्थता है।
लक्षण
प्रेग्नेंट (गर्भवती) होने में असमर्थता।
कारण
वास्तविक कारणों का पता लगाना मुश्किल हो सकता है, लेकिन इसमें शामिल हो सकते हैं
- पिता में अमुक हार्मोन का अपर्याप्त स्तर।
- माता में अमुक हार्मोन की अपर्याप्तता।
- माता में ओव्यूलेशन (अण्डोत्सर्ग) के साथ परेशानी।
- सामाजिक दबाव या अन्यथा के कारण मनोवैज्ञानिक गड़बड़ियाँ।
साइनसाइटिस से पीड़ित व्यक्ति का इलाज कैसे कैरे ?
कई उपचार प्रेग्नेंट होने की संभावना को सुधार सकते हैं, जिसमें शामिल हो सकते हैं
- हार्मोन उपचार, जो अंगों की गतिविधि को रेग्युलेट (विनियमित) करके शरीर को प्रभावित करते हैं।
- साइनसाइटिस के इलाज में सर्जरी का इस्तेमाल
- प्रेग्नेंट होने की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए ओव्यूलेशन (अण्डोत्सर्ग) के 5 दिनों के भीतर इंटरकोर्स (संभोग) प्लान बनाना।
- कुछ दवाएँ और फर्टिलिटी ड्रग्स (प्रजनन औषधियाँ) मदद कर सकते हैं, जैसे एस्ट्रोजेन मॉड्यूलेटर, एंटी डायबिटीक दवाएँ, आदि ।
- मेडिकल चिकित्सकीय प्रक्रियाएँ, जिसमें शामिल हो सकते हैं,
- आर्टिफीशियल इंसेमिनेशन (कृत्रिम गर्भाधान), जिसमें महिला को प्रेग्नेंट होने में मदद करने के लिए स्पर्म (शुक्राणुओं) को सीधे उसके गर्भ में इन्सर्ट किया जाता है।
- आईवीएफ, जिसे टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम से भी जाना जाता है। इसमें डॉक्टर टेस्ट ट्यूब में महिला के अंडे के साथ पुरुष के स्पर्म को मिलाते हैं।
- ओव्यूलेशन इंडक्शन (अण्डोत्सर्ग इंडक्शन), जो ऐसी दवाओं का उपयोग करता है जिससे ओवरीज़ (अंडाशयों) को अंडे रिलीज़ करने के लिए उत्तेजित किया जा सकें।
- कोई थेरेपी सत्रों का विकल्प भी चुन सकता है, जो मनोवैज्ञानिक समस्याओं का इलाज करते हैं जिनका एक कपल सामना कर रहा हो।
यद्यपि ऐसे बहुत से तरीक़े हैं जिनके द्वारा कोई बायोलॉजिकल रूप से (जैविक रूप से) प्रेग्नेंट हो सकतीं हैं, कभी-कभी सब कुछ आज़माने के बाद भी, कोई कपल सफल नहीं हो पाता है। प्रेगनेंसी चिकित्सकीय रूप से असंभव हो सकती है या माता के स्वास्थ्य के लिए जानलेवा हो सकती है। कभी-कभी एकल माता या पिता इच्छा कर सकते है कि उनका भी कोई एक बच्चा हो। ऐसे मामलों में, कोई सरोगेसी का विकल्प भी चुन सकता है।
सरोगेसी एक ऐसा समझौता है जिसमें एक महिला दूसरे व्यक्ति के लिए गर्भधारण करती है जो जन्म पश्चात् नवजात बच्चे का माता या पिता बनेगा।
सरोगेसी दो तरह की होती हैं
- कमर्शियल (वाणिज्यिक) सरोगेसी, जिसमें सरोगेट माता को व्यवस्था के लिए पैसे मिलते हैं।
- परोपकारी सरोगेसी, इसमें सरोगेट माता को सिर्फ उसका मेडिकल (चिकित्सकीय) और अन्य उचित खर्चों का पुनर्भुगतान मिलता है। शिशु को धारण करने के लिए कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं होता है।
सरोगेसी को लेकर अलग-अलग देशों में अलग-अलग क़ानून हैं। कुछ देश सरोगेसी की अनुमति नहीं देते हैं, इसलिए कपल को या व्यक्ति को उसके लिए किसी अन्य देश की यात्रा करने की आवश्यकता पड़ सकती है।
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