मोना बताती हैं कि लोगों को लगता हैं कि एसिडिटी मतलब कि पेट (आमाशय) में बहुत ज्यादा अम्ल (एसिड) जमा हो गया हैं, लेकिन असल में समस्या ये होती हैं, पेट में प्राकृतिक अम्ल का कम हो जाना |
मोना जौहर, आहार विशेषज्ञ (आरडी), चिकित्सीय जीवन शैली स्वास्थ्य देखभाल विशेषज्ञ (डाइटीशियन (RD),बतातीं हैं कि, कम एसिड हो जाने की वजह से हम जो भी खाना खाते हैं वो पच नहीं पाता, और यही खाना वापस ऊपर निकलने की कोशिश करता हैं | जब पेट (आमाशय) में प्राकृतिक एसिड की कमी हो जाती हैं, उस पर से ऐसी दवाइयां जो कि अम्ल कम करने के लिए खाई जाती हैं, हमारे आमाशय के प्राकृतिक अम्ल को और कम कर देती हैं, जिससे खाना ठीक से पच नहीं पाता और इससे खाने से मिलने वाले पोषक तत्व नहीं मिल पाते और शरीर में पोषण की कमी हो जाती हैं |
एसिडिटी के लिए अगर ज्यादा दवाइयां खाई जाएं तो इसकी कुछ विपरीत प्रतिक्रिया भी हो सकती हैं जैसे - विटामिन बी 12 की कमी, एनीमिया, डिप्रेशन, आदि |
पेट के एसिड के कम होने से जीवाणु ( बैक्टीरिया ) की संख्या बढ़ जाती हैं, जिनसे और भी कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता हैं, इसलिए इस स्थिति में दवाइयां ज्यादा लेना अच्छा नहीं होता|
उपाय- बेकिंग सोडा तुरंत राहत देने वाला होता हैं, एप्पल साइडर विनेगर, अदरक, ज्यादा मात्रा में पानी पीने से भी आराम आता है
और अधिक जानकारी के लिए देखें - https://www.youtube.com/watch?v=hAYXe27VZ3w&feature=youtu/be