अपने गुस्से को संभालने से पहले या उसे एक पर्सनालिटी डिसऑर्डर के रूप में लेबल करने से पहले उसके जड़ को जांच लेना चाहिए।
अमन गौरी (कंसलटेंट क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट, सेरेनिटी क्लिनिक दिल्ली एंड आर्केडिया क्लिनिक, भोपाल) कहते हैं कि जो भी अचानक ज्यादा गुस्सा आना महसूस कर रहे हैं, तो उन्हें इस बात पर गौर करना चाहिए कि
गुस्से को कभी भी पर्सनालिटी डिसऑर्डर नहीं माना जा सकता | साइकोलोजिस्ट अम्बिका बर्मन कहती हैं कि अगर हमें ज्यादा गुस्सा आने लगा है तो उस गुस्से को संभालने के लिए हमें सबसे पहले ये समझना होगा कि किसी परिस्थिति में गुस्सा ज्यादा बढ़ता हैं? या क्या फिर हमारे ही मैं में आये किसी विचार से गुस्सा आ रहा है ?
फिर हमें ये ध्यान देना होगा कि हमारे शरीर में उस समय क्या कुछ अलग हरकतें होती हैं , जब हमारा गुस्सा बढ़ने वाला होता हैं, जैसे कुछ लोगों के दांत भीच जाते हैं, कुछ की मुट्ठी बंद हो जाती हैं और भी कई अलग अलग हरकतें | अब जब ये दो बातों पर ध्यान देना शुरू करते हैं तो हमें यह समझ में आने लगता हैं कि अब हमारा गुस्सा बढ़ने वाला हैं | और इतना समझ आने के बाद हमें अपने व्यवहार को अपने शरीर को तुरंत ही शांत करने कि कोशिश करनी चाहिए, कि हमारा हमारे मन और शरीर पर थोड़ा नियंत्रण हो सके और गुस्सा ज्यादा न बढ़े |
और अधिक जानकारी के लिए देखें - https://www.youtube.com/watch?v=hAYXe27VZ3w&feature=youtu/be