डॉ शशांक जोशी बताते हैं कि डायबिटीज़ 4 प्रकार की होती हैं
टाइप 1 डाइबिटीज़,
टाइप 2 डाइबिटीज़,
जेस्टेशनल डाइबिटीज़,
सेकेंडरी डाइबिटीज़ ,
- टाइप 1 डाइबिटीज़ में इंसुलिन बनना बंद हो जाता हैं, जिसकी वजह से हमेशा इंसुलिन लेने की जरूरत होती हैं जिन्हें टाइप 1 डायबिटीज होती हैं, उन्हें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती हैं | अपने खान पान का ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती हैं |
- टाइप 2 डाइबिटीज़ मोटापे से कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधी समस्याएं होती हैं| इसके होने की कुछ संभावनाएं होती हैं कि- यदि पुरूषों की कमर 90 सेमी से ज्यादा हो और महिलाओं की कमर 85 सेमी से ज्यादा हो तो, अगर परिवार में किसी को (डाइबिटीज़) मधूमेह रही हो, तो आपको भी इसका खतरा बना रहता हैं | इसमें आपको अपने खाने पीने का खास ध्यान रखना जरूरी होता हैं |
- जेस्टेशनल डाइबिटीज़ गर्भवती महिलाओं में होता हैं, ये आमतौर पर 20 वे हफ्ते में होता हैं, इसमें माँ और बच्चे दोनों को ही खतरा होता हैं|
- सेकेंडरी डायबिटीज कम देखा जाता हैं, इसमें सारी उम्र इंसुलिन लेने की जरूरत होती हैं
और अधिक जानकारी के लिए देखें - https://www.youtube.com/watch?v=hAYXe27VZ3w&feature=youtu/be.