आठवाँ महीना
आठवाँ महीना वास्तव में एक रोमांचक समय होता है, क्योंकि अब तक शिशु पूरी तरह से बन चुका होता है। इस महीने के आसपास, बढ़े हुए वज़न के कारण, गर्भवती माता को काफ़ी थकान महसूस होने लगती है। यह महत्वपूर्ण है कि आप शांत रहें और जितना लें सकें उतना सारा आराम लें। प्रसवपूर्व कक्षाओं को जॉइन करना भी एक अच्छा विचार है।
इस महीने के अंत के दौरान, माँ का वज़न बढ़ना कम हो सकता है, भले शिशु तेज़ी से बढ़ रहा हो।
माता में बदलाव
- यूरिन को पास करने की फ्रीक्वेंसी (आवृत्ति) बढ़ जाती है। थोड़ा-सा यूरिन लीक (मूत्र रिसाव) करना बहुत आम होता है जब कोई खांसी या छींक आए।
- उसे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
- नींद डिस्टर्ब हो सकती है और इसकी वजह से माँ चिड़चिड़ी हो सकती है।
- नाभि के आकार में बदलाव हो सकता है। कुछ के लिए यह बाहर निकलता है जबकि अन्य में यह चपटा हो जाता है।
- पेल्विक एरिया (श्रोणि क्षेत्र) में असुविधा हो सकती है क्योंकि जन्म की तैयारी में जोड़ों का विस्तार हो रहा होता है।
- पेट के नीचे दौड़ने वाली गहरी रेखा अधिक प्रमुख हो सकती है।
- रिबकेज (पसली पिंजर) का तल दुःख सकता है क्योंकि गर्भ ऊपर की ओर दबाता है।
- माता को ब्रेक्सटन-हिक्स कॉन्ट्रैक्शन (संकुचन) अधिक महसूस हो सकते हैं जो ऐसे लग सकते हैं कि आपके यूटरस (गर्भाशय) की ओर कुछ मजबूत बैंड टाइट किए जा रहें हैं, जिससे यूटरस कठोर महसूस होने लगता है।
- आप शिशु की अधिक मजबूत लातों को भी अनुभव कर सकतीं हैं
- आप रात जागरण का अनुभव कर सकतीं हैं क्योंकि आप रेम (REM) निद्रा का अनुभव कर सकतीं हैं - नींद की एक ऐसी अवस्था जिसमें आप अधिक सपने देखते हैं और अधिक आसानी से जाग जाते हैं। साथ ही, आपका बढ़ता हुआ यूटरस सोने में मुश्किल पैदा करता है।
शिशु की विशेषताएँ
- लंबाई: 16 इंच।
- वज़न: 1.6 किलो।
- शिशु लगभग जन्म के समय जैसा दिखता है और उसे केवल अधिक वज़न और फैट प्राप्त करने की आवश्यकता है।
- सिर अब शरीर के प्रपोर्शन में है (आनुपातिक है)।
- चूंकि गर्भ में जगह कम होती है, तो आमतौर पर जन्म की तैयारी में सिर नीचे की मुद्रा में मुड़ जाता है।
- शिशु प्रकाश और अंधेरे के बीच अंतर कर सकता है।
सुझाव
- यदि आप खांसते, छींकते आदि समय यूरिन लीक (मूत्र रिसाव) करते हैं, तो आपको अपने पेल्विस (श्रोणि) को मज़बूत करने की आवश्यकता होगी। पेल्विक फ्लोर (श्रोणीय तल) व्यायाम बहुत उपयोगी होते हैं और इनका नियमित रूप से अभ्यास करने में मदद करने के लिए आप अपने डॉक्टर या मिड वाइफ (प्रसाविका) से पूछ सकतीं हैं।
- यदि आप अभी तक नहीं गए हैं, तो प्रसवपूर्व कक्षाओं में भाग लेना शुरू करें।
- दिन के दौरान अपने पैरों को एक या दो घंटे के लिए ऊपर रखें।
- अगर आपको नींद आने में परेशानियाँ हो रहीं हैं, तो श्वास और विश्राम की तकनीकों की मदद लें।
- एनीमिया या नेगेटिव ब्लड ग्रुप (नकारात्मक रक्त समूह) समस्याओं की जांच के लिए ब्लड टेस्ट (रक्त परीक्षण) करवाएं।
- शिशु के लिए बुनियादी आवश्यक चीज़ें खरीदें, जिसमें शामिल हो सकते हैं।
- एक कैरी कॉट (साथ ले जानेवाली खाट)।
- एक कंबल
- बिस्तर
- कार की सीट
- बाथ टब
- तौलिए
- नैपी (लंगोट)
- बोतल से खिलाने वाले उपकरण
- वेस्ट (बनियान)
- कार्डिगन (एक प्रकार का स्वेटर)
- जम्पसूट
- नाईट सूट
- मोज़े
- हैट (टोपी)
बहुत अधिक न सोचें या बहुत अधिक तनाव न लें और जितना संभव हो उतना आराम करने की कोशिश करें। जैसे और जब संभव हो नींद पूरी कर लें, क्योंकि एक बार शिशु के घर आने पर यह एक दुर्लभ चीज़ बन जाएगी।
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