प्रेगनेंसी के दौरान फिट रहना

pregnancy fitness

प्रेगनेंसी, लेबर (प्रसव) और जन्म शरीर पर भारी मांग कर सकते हैं और सबसे अच्छा यही है कि शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार रहें।

आप प्रेगनेंसी की पुष्टि होते ही व्यायाम करना शुरू कर सकतीं हैं या प्रेग्नेंट होने से पहले ही शुरू कर सकतीं हैं और फिर धीरे-धीरे बढ़ा सकतीं हैं ताकि उन नौ महीनों के दौरान 20 मिनट के दैनिक शेड्यूल को बनाए रखा जा सकें। यदि कोई स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ हैं, तो किसी विशेषज्ञ से कंसल्ट करें या सही तकनीकों को सीखने के लिए प्रसवपूर्व कक्षाओं में भाग लें।

 समझदारी से व्यायाम करने के लिए दिशानिर्देश

  • यदि आपने स्पोर्ट्स को एन्जॉय किया है, तो आप प्रेगनेंसी में भी फिटनेस जारी रख सकतीं हैं, लेकिन शरीर के आदी न होने की स्थिति में फिटनेस की अत्यधिक सक्रियता में न कूद पड़ें।
  • यदि आप डांस क्लास (नृत्य कक्षाएँ) जारी रखना चाहतीं हैं, तो सुनिश्चित करें कि इंस्ट्रक्टर (प्रशिक्षक) जानता है कि आप गर्भवती हैं।
  • उस बिंदु तक व्यायाम न करें कि थकान आ जाए या सांस फूलने लग जाए।
  • घुड़सवारी या स्कीइंग जैसे खेलों से बचें जो एब्डोमिनल (उदर संबंधी) मांसपेशियों में तनाव पैदा कर सकते हैं।
  • प्रेगनेंसी के पहले और आखिरी तिमाही में अतिरिक्त देखभाल रखें।

प्रेगनेंसी के दौरान सुरक्षित व्यायाम

  • स्विमिंग (तैराकी) एक उत्कृष्ट और पूरी तरह से सुरक्षित व्यायाम है क्योंकि पानी शरीर को सक्षम रूप से सपोर्ट करता है।
  • ब्रिस्क वॉकिंग (तेज़ चलना)।
  • जगह पर साइकिल चलाना।
  • कम प्रभाव वाले एरोबिक्स व्यायाम जो एक योग्य प्रशिक्षक द्वारा सिखाए जाए।
  • टेनिस और बैडमिंटन सुरक्षित हैं बशर्ते आप संतुलन के साथ सावधान रहें।
  • जॉगिंग और भागना संयम में किए जा सकते हैं।
  • योग एक प्रशिक्षित इंस्ट्रक्टर के तहत किया जा सकता है जिसे प्रेगनेंसी के बारे में सूचित किया गया हो।

प्रेगनेंसी के दौरान परहेज़ किए जाने वाले व्यायाम

  • कोई भी व्यायाम / गतिविधि जिसमें आपकी सांस रोकना शामिल है।
  • गतिविधियाँ जहाँ आप गिर सकतीं हैं - घुड़सवारी, स्कीइंग आदि।
  • फुटबॉल, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल आदि जैसे संपर्क वाले खेल।
  • व्यायाम जो एब्डोमेन (उदर) में तनाव पैदा कर सकते हैं और यहाँ तक कि दिशाओं में तेज़ी से बदलाव करनेवाली क्रियाएँ, जैसे कि फेरिस व्हील और अन्य जॉय राइड।
  • ऐसी गतिविधियाँ जिनमें कूदने, उछलने, छलाँग मारने की आवश्यकता होती है।
  • डीप नी बेंड्स (गहरे घुटने झुकाना), पूरे उठक-बैठक, डबल लेग रेज़ (दुगुने पैर उठाना), स्ट्रेट लेग टो टच (पैर के अंगूठे के प्रत्यक्ष स्पर्श) आदि।
  • ऐसे व्यायाम जिनमें 3 मिनट से अधिक समय तक पीठ पर या दाईं ओर लेटने की आवश्यकता होती है।

किसे व्यायाम नहीं करना चाहिए

  • अस्थमा से पीड़ित गर्भवती माताएँ।
  • डायबिटीज़ वाले लोग।
  • प्रेगनेंसी इंड्यूस्ड हाइपरटेंशन (गर्भावस्था अभिप्रेरित उच्च रक्तचाप) या पीआईएच वाले लोगों सहित हाइपरटेंशन वाले लोग।
  • ब्लीडिंग (रक्तस्राव) या स्पॉटिंग के मामले में।
  • कमज़ोर सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा)।
  • टूटे हुए मेम्ब्रेन (टूटीं हुईं झिल्लियाँ)।
  • वर्तमान प्रेगनेंसी के दौरान प्रीमेच्यौर लेबर (अपरिपक्व प्रसव)।
  • गंभीर एनीमिया।
  • अत्यधिक मॉर्बिड ओबीसिटी (रुग्ण मोटापा)।
  • बेहद कम वज़न।
  • आईयूजीआर प्रेगनेंसी।
  • बुरी तरह से कंट्रोल किया हुआ थायराइड डिसऑर्डर।
  • अत्यंत गतिहीन जीवनशैली के इतिहास वाले।
  • बहुत धूम्रपान करने वाले।

दिन का प्रश्न

क्या कोई विशेष व्यायाम है जिसका प्रेगनेंसी के दौरान अभ्यास किया जाना चाहिए?

अगर प्रेगनेंसी के दौरान नियमित रूप से सीखे जाए और अभ्यास किए जाए तो पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज़ (श्रोणि तल व्यायाम) वास्तव में मददगार साबित हो सकते हैं। प्रेगनेंसी पेल्विस (श्रोणि) पर बहुत बोझ डालती है और पेल्विक फ्लोर व्यायाम पेल्विस की मांसपेशियों को मज़बूत करते हैं। यह यूरिन लीक (मूत्र रिसाव) होने की समस्या को कम कर सकता है और एक आसान लेबर (प्रसव) को भी सुनिश्चित कर सकता है।

जब आप यह जानते हों कि मांसपेशियों को कैसे रिलैक्स करना हैं, तो आप पेल्विस के ज़रिए शिशु के पैसेज को आसन करके चीरे के जोखिम को कम कर सकतीं हैं। इस व्यायाम को सीखने के लिए अपने फिटनेस कंसल्टेंट या डॉक्टर की मदद लें।

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