डाॅक्टर शहाना मजुमदार, नेत्र-विशेषज्ञ का कहना हैं कि यदि किसी व्यक्ति को डायबिटीज़़ हैं , तो उसे आंखों से संबंधित सारी जांच और उपचार जरूर कराने चाहिए, इससे पहले कि कोई लक्षण दिखाई दे उसका पता लगाया जा सकता हैं, और समय रहते उसे ठीक भी किया जा सकता हैं|
डायबिटीक ( मधुमेह रोगी) होने के बाद भी अगर कोई व्यक्ति अपनी आँखों की जांच नहीं कराते तो कुछ ऐसा हो सकता हैं - ब्लर्ड विजन (धुंधला दिखाई देना) डिस्टॉर्टेड विजन ( लहरता हुआ) ब्लेक स्पोट विजन (काले धब्बे दिखाई देना) जो कि ब्लीडिंग की वजह से हो सकती हैं |
इन तरह के दृश्यों का मतलब हैं कि देर हो चुकी हैं जांच कराने और इलाज कराने में भी | जैसे ही आपको आपके डायबिटीज़़ होने का पता चलता हैं, सबसे पहले आंखों के रेटीना की जांच करानी जरूरी हैं. और सिर्फ एक बार नहीं आपको ये जांच हर साल बिना भूले करानी बहुत जरूरी हैं |
कुछ डाइबिटीज़ के मरीज जो समय रहते अपने जांच और इलाज करा लेते हैं, उनकी आंखों की रोशनी को बचाया जा सकता हैं, कुछ ऐसे भी लोग हैं जो कि सालों से इन सभी जांच और इलाज से आंखों की समस्याओं से दुर हैं| इसकी एक वजह उनका शुगर पर और अपनी खाने पर नियंत्रण और अपने स्वास्थ्य के लिए जागरूकता हैं|
और अधिक जानकारी के लिए देखें - https://www.youtube.com/watch?v=hAYXe27VZ3w&feature=youtu/be