भावनाओं के मामले में एक रूढ़िवादी सोच बनी हुई हैं, एक तरफ जहां पुरुष ज्यादा भावुक नहीं हो सकते, रो नहीं सकते, वहीं दूसरी तरफ महिला को ज्यादा भावुक होना चाहिए I ये सोच सिर्फ हमारे कल्चर (संस्कृति) में ही नहीं बाकी कई जगहों पर भी हैं
लेकिन सभी पुरुष और महिलाएं ऐसे नहीं होते | अब समय हैं इन स्टीरियो टाइप ( रूढ़िवादी सोच) को तोड़ने का, इंसानों में कुछ बातों को लेकर भावनाएं होती हैं किसी में कम किसी में ज्यादा |
आइये बात करते हैं कि कैसे हम हमारी भावनाओं को संभाल सकते हैं, इनमें मुख्य तीन बातों का हमें ध्यान रखना चाहिए
अगर कभी किसी परिस्थिति में एकदम से कोई बहुत नकारात्मक भावना महसूस हो रही हैं तो बहुत जरूरी हैं कि पहले कुछ सेल्फ अवेयरनेस टूल्स के जरिये अपने दिमाग को शांत करें और सोचें कि आप क्या महसूस कर रहे हैं, यदि वो एक नकारात्मक भावना हैं जैसे गुस्सा, दुख तो उसे स्वीकार करें, यदि आप किसी सार्वजनिक स्थान पर हैं तो आप चीख चिल्ला नहीं सकते क्योंकि ये सही नहीं होगा| उस समय आपको ये सोचना होगा कि इस तरह आपका ऐसा करना जरूरी हैं ? अगर नहीं तो कैसे आप अपने आप को शांत करें और उस परिस्थिति को सही तरीके से संभालने की कोशिश करें | इस तरह धीरे धीरे आपके इन प्रयासों से आप आपकी भावनाओं को संभालने में सफल होते जाएंगे |
और अधिक जानकारी के लिए देखें - https://www.youtube.com/watch?v=hAYXe27VZ3w&feature=youtu/be.