50 साल की राठी भार्गव मानती है कि किसी भी तरह की समस्या से निपटने के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण और वातावरण होना बहुत ज़रूरी है जो आपको भीतर से खुश करे।
वह इतनी दृढ़-इच्छाशक्ति और जीवंत है, कि रहूमटॉइड आर्थराइटिस होने के बावजूद, वह अपना जीवन सभी रंगों के साथ जीती है और कला और चित्रों में बहुत रूचि रखतीं हैं ।
वह इस दुर्भाग्यपूर्ण बीमारी से 6 साल की उम्र से पीड़ित है। संधिशोथ के परिणाम ऐसे थे कि उनके जोड़ों में बहुत दर्द था। उनकी पहली सर्जरी 10 साल की उम्र में की गयी। वह अब एक छड़ी के साथ चलती है और उसके साथ उनके दिनभर के काम भी किए जाते हैं।
उन्हें फिल्मों, यात्रा और फैशन का भी शौक है। वह कहती हैं, " अपने दर्द में बैठने और रोने से ज़िन्दगी और भी कठिन हो जाएगी, इसलिए हर परिस्थिति में मुस्कुराना बेहतर होता है ” । फेमहेअल्थ की प्रेरणा और लाइफ चैंपियन, राठी, कई रंगों के साथ एक सफेद कैनवास भर सकतीं है और इसमें अपनी खुद की दुनिया बना सकतीं है।
देखिए उनकी प्रेरक कहानी।