ए डी एच डी के लक्षण और ट्रिगर बच्चों में ध्यान से जांचने चाहिए क्योंकि वे केवल बेचैनी और ध्यान की कमी तक सीमित नहीं होत। गंभीर और आक्रामक एडीएचडी वाले बच्चों के लिए उपचार में व्यवहार चिकित्सा और आहार की जांच के साथ दवा भी शामिल है।
डॉ बीना नांगिया (पीएचडी डिस्लेक्सिया, थेरेपिस्ट और काउंसलर) कहते हैं कि अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी) के तहत आती है जिसमें बच्चा जब पढ़ाई में सही प्रदर्शन नहीं कर पा रहा हैं जबकि वह बच्चा बुद्धिमान हैं, और उसका व्यवहार भी सबके साथ अच्छा हैं, तब उसके माता पिता को लगता हैं कि बच्चे के साथ कुछ समस्या हैं |
लक्षण - जब बच्चा ध्यान न लगा पाए कहीं, एकाग्रता (CONCENTRATION) की कमी, हड़बड़ाहट होना, अति सक्रिय होना
ये बात ध्यान देना जरूरी हैं ,कि ये लक्षण यदि बहुत कम मात्रा में बच्चे में दिखाई दे रहे हैं, तो वह ADHD के लक्षण नहीं हैं, जब ज्यादा मात्रा में ये लक्षण दिखाई दें, तब बच्चे को डॉक्टर और दवाइयों की जरूरत होगी |
यहाँ एक समस्या और होती हैं, जिसे हम कहते हैं सेंसरी इंटीग्रेशन, इसमें बच्चा बहुत ज्यादा प्रतिक्रिया देता हैं, जिसे हम इमोशनल ओवरलोडिंग कहते हैं | इस सब में बच्चे के खान पान का भी बहुत असर होता हैं, यदि बच्चे ने मीठा खाया हुआ हैं ,तो बच्चे अलग और ज्यादा प्रतिक्रिया देंगे | बच्चा अगर ज्यादा गुस्सा हो रहा है तो डॉक्टर उसे दवाइयां देंगे, साथ ही बच्चे की जो इमोशनल ओवरलोडिंग की समस्या होगी उसके लिए उसे कुछ चिकित्सा भी दी जाएगी , तो सेंसेरी इंटीग्रेशन बच्चों में सबसे महत्वपूर्ण बात हैं जिस पर ध्यान दिया जाना बहुत जरूरी है |
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