असिस्टेड डिलीवरी (सहायता प्राप्त प्रसूति)
(फोरसेप्स/संदंश और सक्शन का उपयोग)
असिस्टेड डिलीवरी (सहायता प्राप्त प्रसूति) की प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है जब
- माँ बहुत थक गई है और धक्का नहीं मार सकती है।
- माँ शिशु को बाहर नहीं धकेल सकती है क्योंकि शायद शिशु का सिर बड़ा है।
- शिशु लेबर (प्रसव) के दौरान डिस्ट्रेस (व्यथा) के लक्षण दिखाता है।
- शिशु उलटा है (पहले बटक्स/नितम्ब या पैर बाहर आने के लिए तैयार है)।
- शिशु प्रीमेच्यौर (अपरिपक्व) और सिर को जन्म प्रक्रिया के दौरान लगाए गए दबाव से सुरक्षा की ज़रूरत होती है।
फोरसेप्स (संदंश/चिमटा)
- पेल्विक फ्लोर एरिया (श्रोणीय तल क्षेत्र) में माँ को लोकल ऐनिस्थीज़िया (स्थानीय संज्ञाहरण) दिया जाता है।
- इपीसिऑटमी (भगछेदन) (योनि छिद्र के पास एक छोटा सा कट) किया जाता है।
- The forceps are positioned on either side of the baby’s head and gently pulled to deliver the baby
- माँ पुश करके (धक्का देकर) मदद कर सकती है।
- शिशु के शरीर के बाकी हिस्सों को सामान्य रूप से डिलीवर किया जाता है।
- The forceps form a cage around the baby’s head protecting it from pressure.
वैक्यूम
- एक छोटा धातु कप एक वैक्यूम पंप से जुड़ा होता है।
- It is passed into the vagina and attached to the baby’s head.
- शिशु को बर्थ कैनल के माध्यम से धीरे से खींचा जाता है।
- माँ पुश करके (धक्का देकर) मदद कर सकती है।
असिस्टेड डिलीवरी (सहायता प्राप्त प्रसूति) होने की संभावना से बचने के लिए
- प्रेगनेंसी के दौरान सक्रिय रहें।
- पेल्विक फ्लोर (श्रोणीय तल) व्यायाम का अभ्यास करें।
- प्रसव के दौरान सीधी मुद्रा रहें।
क्या फोरसेप्स डिलीवरी (संदंश प्रसूति) के साथ कोई जोखिम जुड़ा है?
फोरसेप्स डिलीवरी एक सामान्य प्रक्रिया है और आपको चिंता नहीं करनी चाहिए यदि आपका डॉक्टर भी ऐसा कर रहा है। फोरसेप्स (संदंश) के सही उपयोग के फायदे, विलंबित जन्म जैसे जोखिम या कुछ ऐसी महिलाओं की सीज़ेरियन डिलीवरी के जोखिम से आगे निकल जाते हैं, जिनके अपने स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं।
हालाँकि, माता के लिए कुछ संभावित ख़तरों में शामिल हैं
- पेरिनियम दर्द (आपकी वजाइना [योनि] और एनस [गुदा] के बीच का कोमल टिश्यू [ऊतक])।
- निचले जेनिटल ट्रैक्ट (जननांग मार्ग) चीरे और अब्रेजन (खरोंच) (यह भी नॉन-फोरसेप्स डिलीवरी [ग़ैर-संदंश प्रसूतियों] में एक अपेक्षित जोखिम है।) यदि आपका डॉक्टर चीरो की मरम्मत के लिए एक इपीसिऑटमी करता है, तो पोस्ट-पार्टम ब्लीडिंग [प्रसवोत्तर रक्तस्राव] और इन्फेक्शन [संक्रमण] का भी ख़तरा होता है।)।
- पेशाब करने में कठिनाई।
- शॉर्ट- या लॉन्ग-टर्म (लघु या दीर्घ-कालिक) यूरिनरी या बॉवल (मूत्र संबंधी या आंत्र संबंधी) इन्कॉन्टिनेन्स (असंयमितता) (अनैच्छिक पेशाब या शौच)।
- ब्लड लॉस की वजह से सेकेंडरी एनीमिया (माध्यमिक एनीमिया)।
- थर्ड डिग्री चीरा।
- ब्लैडर (मूत्राशय) और / या यूरिथ्रा (मूत्रमार्ग) में चोट लगना।
- Uterine Rupture — when the uterine wall is torn, which could allow the baby or placenta to be pushed into the mother’s abdominal cavity
- पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स (पेल्विक ऑर्गन्स [श्रोणीय अंगों] को सपोर्ट करने वाली मांसपेशियों और लिगामेंट्स का कटना या कमज़ोर होना, जिससे पेल्विक ऑर्गन्स पेल्विस [श्रोणि] में नीचे गिर जाते हैं।)।
आपके शिशु के लिए संभावित जोखिमों में शामिल हैं
- फोरसेप्स (संदंश) के दबाव की वजह से चेहरे पर चोट लगना।
- फेशियल पॉल्सी (चेहरे का पक्षाघात) (चेहरे की मांसपेशियों में कमज़ोरी जो अस्थायी या स्थायी हो सकती है)।
- आँखों पर चोट लगना (जिसमें माइनर एक्सटर्नल आई ट्रॉमा [मामूली बाहरी नेत्र आघात], स्ट्रबिस्मस (भेंगी आँख), और आँखों की अन्य चोटें शामिल हैं)।
- खोपड़ी में फ्रैक्चर होना।
- खोपड़ी के भीतर ब्लीडिंग (रक्तस्राव) होना।
- सिज़र्स
मेयो क्लिनिक के अनुसार वैक्यूम डिलीवरी से जुड़े कुछ जोखिम फैक्टर निम्न हैं
- Pain in the perineum — the tissue between your vagina and your anus — after delivery
- निचले जेनिटल ट्रैक्ट (जननांग मार्ग) चीरे और घाव।
- पेशाब करने में ब्लैडर (मूत्राशय) को खाली करने में शॉर्ट-टर्म (लघु-कालिक) कठिनाई ।
- शॉर्ट- या लॉन्ग-टर्म (लघु- या दीर्घ-कालिक) यूरिनरी या फिकल (मूत्र संबंधी या मल संबंधी) इन्कॉन्टिनेन्स (असंयमितता) (अनैच्छिक पेशाब या शौच)।
- Anemia — a condition in which you don’t have enough healthy red blood cells to carry adequate oxygen to your tissues — due to blood loss during delivery
- पेल्विक ऑर्गन्स [श्रोणीय अंगों] को सपोर्ट करने वाली मांसपेशियों और लिगामेंट्स का कमज़ोर होना, जिससे पेल्विक ऑर्गन्स पेल्विस [श्रोणि] में नीचे गिर जाते हैं। (पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स)।
आपके शिशु के लिए संभावित जोखिमों में शामिल हैं:
- स्कैल्प (मस्तक) के घाव।
- A higher risk of getting the baby’s shoulder stuck after the head has been delivered, which could lead to an injury to the network of nerves that sends signals from the spine to the shoulder, arm and hand (brachial plexus), or a collarbone fracture
- स्कल (खोपड़ी) में फ्रैक्चर।
- खोपड़ी के भीतर ब्लीडिंग (रक्तस्राव)।
हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये प्रक्रियाएँ काफ़ी सुरक्षित होतीं हैं और डॉक्टरों द्वारा आमतौर पर इन दिनों की जातीं हैं। यह एक ऑब्स्टट्रिशियन (प्रसूति चिकित्सक) द्वारा की जाने वाली एक सामान्य प्रक्रिया है और यदि आपको इससे गुज़रना पड़े तो आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
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