पीने का शुद्ध पानी

पीने का शुद्ध पानी (सेफ ड्रिंकिंग वॉटर)
और उसकी आवश्यकता के बारे में

विश्व स्वास्थ्य संगठन (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन) के हिसाब से,
पीने का शुद्ध पानी वह है जिसे लंबे समय तक कंज्यूम करने के बाद भी
कोई भी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी नहीं होती है |

पीने का शुद्ध पानी

Safe Drinking Water by Famhealth

एक व्यक्ति को कितने पानी की आवश्यकता होती है?

संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के हिसाब से हर व्यक्ति को हर रोज़ पीने के लिए, खाना बनाने के लिए, और व्यक्तिगत स्वच्छता (पर्सनल हाइजीन) के लिए 20 से 50 लीटर शुद्ध पानी की आवश्यकता होती है |

पानी को दूषित (कन्टैमिनेट) करने वाले कुछ सामान्य कारण निम्नलिखित हैं:

  • सीवेज और गन्दा पानी (वेस्ट वॉटर): घरों से निकलने वाला कचरा, एग्रीकल्चरल लैंड्स और फैक्ट्रीज़ का सीवेज, कचरा, और लिक्विड वेस्ट को वॉटर बॉडीज में गिराया जाता है | इस कचरे में नुकसानदायक केमिकल्स और टॉक्सिंस होते हैं, जो जल प्रदूषण (वॉटर पोल्यूशन) का मुख्य कारण हैं |
  • डंपिंग: दूसरा मुख्य कारण कूड़ा-कचरा और सॉलि़ड वेस्ट को वाटर बॉडीज में गिराना है | कूड़े-कचरे में ग्लास, प्लास्टिक, एल्युमीनियम, स्टायरोफोम वगैरह होता है |
  • इंडस्ट्रियल वेस्ट: इंडस्ट्रियल वेस्ट में एस्बेस्टस, लेड, मरक्यूरी, और पेट्रोकेमिकल्स जैसे विषैले पदार्थ (पॉल्यूटेंट्स) होते हैं जो पानी को दूषित (कन्टैमिनेट) करते हैं |
  • एसिड रेन: हवा के द्वारा एसिड बारिश के पानी में मिल जाने के कारण बारिश का पानी प्रदूषित (पौल्यूटिड) हो जाता है |

पानी को पीने के लिए सुरक्षित कैसे बनाते हैं?

  • पानी में बहुत सारी अशुद्धियां (इंप्योरिटीज़) होती हैं | इसमें पर्टिकुलेट मैटर, बैक्टीरिया जैसे कीटाणु, और ज़हरीले केमिकल्स जैसे लीड शामिल हो सकते हैं | पानी के इस्तेमाल को सुरक्षित बनाने के लिए, यह सेडिमेंटेशन, फिल्ट्रेशन और सेडिमेंटेशन जैसे बहुत सारे ट्रीटमेंट्स से गुजरता है|
  • पानी को पीने लायक बनाने के लिए,भौतिक (फिज़िकल), रसायनिक (कैमिकल) और माइक्रोबायोलॉजिकल परीक्षणों को पास करना होता है | भौतिक (फिज़िकल) परीक्षण में पानी में पाए जाने वाले कुछ जहरीले रसायनों का परीक्षण और पानी की शुद्धता भी शामिल है | माइक्रोबायोलॉजी परीक्षण कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया जैसे कीटाणुओं के होने की जांच करता है |
  • भले ही किचन के नल के पानी को पीने के लिए सुरक्षित माना जाता है, कुछ लोग और ज़्यादा सुरक्षा पाने के लिए पानी के प्यूरीफायर्स का इस्तेमाल करते हैं |
  • यह कुछ ज़हरीले केमिकल्स के साथ-साथ बदबू पैदा करने वाले केमिकल्स को हटाने वाले कार्बन फिल्टर हो सकते हैं |
  • दूसरा प्रकार इयोन एक्सचेंज यूनिट्स है जो कठोर पानी (हार्ड वॉटर) और कैल्शियम मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स को हटाने के लिए बहुत प्रभावशाली हैं |
  • रिवर्स ऑस्मोसिस यूनिट्स नुकसानदायक नाइट्रेट्स और कीटनाशकों (पेस्टिसाइड्स) को भी शुद्ध करती हैं |
  • डिस्टलेशन यूनिट पानी को उबालती हैं और स्टीम को शुद्ध पानी देने के लिए कंडेंस्ड किया जाता है |
  • अपने घर के लिए प्यूरीफिकेशन सिस्टम लेने का फैसला करने से पहले, अपने पानी की क्वालिटी का परीक्षण करवा लेना यह जानने के लिए अच्छा होगा कि आपकी आवश्यकता के हिसाब से कौन सा सिस्टम सबसे अच्छा रहेगा |

अच्छे स्वास्थ्य के लिए पीने का शुद्ध पानी क्यों आवश्यक है?

दूषित पानी इन्फ़ेक्शन और यहां तक की मृत्यु का एक बहुत बड़ा कारण है | इसके कारण बहुत सारी बीमारियां हो सकती हैं जैसे:

  • डायरिया
  • वार्म इनफेक्शन
  • कॉलरा
  • फ्लूऑरोसिज़
  • टाइफाइड

यात्रा के दौरान सुरक्षित पानी

यात्रा के दौरान सुरक्षित रहने के लिए, पानी को सुरक्षित रखने के बारे में कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है |

  • यात्रा के दौरान बोतलबंद पानी का इस्तेमाल करना अच्छा है |
  • पीने के अलावा, उसी पानी को दांत मांजने, खासतौर पर बच्चों के लिए इस्तेमाल करना अच्छा रहेगा |
  • यह ध्यान रखें कि पीने के लिए इस्तेमाल होने वाले गिलास अच्छे से धुले हुए हों, या डिस्पोज़ेबल गिलासों का इस्तेमाल करें |
  • अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहे, खास तौर पर गर्मी के मौसम के समय |
  • पहले से धुले हुए फलों के इस्तेमाल से बचें |
  • आइस क्यूब्स के इस्तेमाल से बचें क्योंकि यह दूषित (कन्टैमिनेटिड) पानी से बने हो सकते हैं |
  • पानी को सिर्फ़ फ़ूड ग्रेड बोतलों में ही स्टोर करें | यह ध्यान रखें की इन्हें नियमितरूप से बीच-बीच (रेगुलर इंटरवेल्स) में साफ़ किया जाता हो |

अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पीने का शुद्ध पानी (सेफ ड्रिंकिंग वॉटर) बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है |

सोर्सेज़::

http://www.who.int/water_sanitation_health/diseases-risks/diseases

https://www.commonfloor.com/guide/what-are-the-major-causes-of-water-pollution-in-india-27741.html