बच्चे की देखभाल के लिये आवश्यक टिप्स

बेबी मसाज (शिशु की मालिश) 

Baby Care Essentials Baby Massage by Famhealth

त्वचा को चिकना करने के लिए शिशु को बॉडी मसाज (शरीर की मालिश) दिया जाता है, जिससे शिशु को ताज़गी महसूस होती है, वह रिलैक्स होता है और ब्लड सर्कुलेशन (रक्त परिसंचरण) में सुधार होता है।

आप स्नान के बाद या स्नान से पहले बॉडी मसाज कर सकतीं हैं। माँ की अनुमति के अनुसार, आप तेल या बेबी बॉडी लोशन का उपयोग कर सकतीं हैं।

आवश्यक चीज़ें:

  • रबर या प्लास्टिक की चादर/शीट।
  • बेबी बॉडी लोशन या तेल।
  • लपेटने वाला कपड़ा

प्रक्रिया:

  • अपने हाथ धो लो
  • आवश्यक चीज़ों को इकट्ठा करें।
  • ए/सी या पंखा बंद करें।
  • बिस्तर या फर्श पर रबर शीट या प्लास्टिक शीट बिछाएं।
  • Take the oil in bowl, warm the oil if required and check the warmth before applying on Baby
  • ड्रेस और नैपकिन को निकालकर, शिशु को तैयार करें और शिशु को प्लास्टिक शीट पर रखें।

फॉलो किए जानेवाले स्टेप्स:

  • पाँव,
  • पिंडलियाँ (काफ),
  • जांघें,
  • छाती,
  • पेट,
  • दोनों हाथ,
  • चेहरा,
  • पीठ।

पाँव: तेल या लोशन लें, पैर के तलवे पर लगाएं और अपनी अंगूठे के ज़रिए एड़ी से लेकर पैर की उंगलियों की ओर, कम से कम 5 बार मालिश करें, फिर 5 बार पैर की उंगलियों को फैलाएं।

इसके बाद, अपने अंगूठों का उपयोग करके, टखने के दोनों जोड़ों की पाँच बार मालिश करें।

पिंडलियाँ (काफ)पिंडलियों की मालिश दो प्रकार की होती है।

  • स्वीडिश मिल्किंग

स्वीडिश मिल्किंग: पहले पाँवों पर तेल या लोशन लगाएं, फिर टखने के जोड़ से लेकर घुटने के जोड़ तक 5 बार (दोनों तरफ) मालिश शुरू करें; फिर, घुटने के जोड़ से ग्रॉइन एरिया (उरुसंधि क्षेत्र) तक 5 बार (दोनों तरफ)।

  • भारतीय मिल्किंग– (Prefer to give type 1, If the mother ask for type 2 then u can also give type 2 massage.)

भारतीय मिल्किंग: मसाज ग्रॉइन एरिया (उरुसंधि क्षेत्र) से शुरू होता हुआ पैरों की ओर जाता है। (यह केवल वैकल्पिक है यदि माँ पूछे तो।)

छाती:तेल या लोशन लें, छाती के ऊपर से लेकर कंधे तक लगाएँ और नीचे से ऊपर और भीतर से बाहर की साइड 5 बार मालिश करें (जैसे छाती को चौड़ा करना हो)

इसके बाद, अपने हाथों को बाएं से दाएं और दाएं से बाएं तरफ क्रॉस तरीक़े से घुमाएं।

एब्डोमेन (उदर)एब्डोमेन के ऊपर तेल या लोशन लगाएं और ऊपर से नीचे की ओर 5 बार मालिश करें, फिर घुमावदार गति से। (हमेशा एब्डोमिनल मसाज [पेट की मालिश] को अम्बिलिकल कॉर्ड [गर्भ नाल] को छूए बिना क्लॉकवाइज़ [दक्षिणावर्त] तरीक़े से करना चाहिए)।

हाथ: स्वीडिश मिल्किंग भारतीय मिल्किंग की तुलना में दोनों हाथों और पैरों के लिए बेहतर है। यदि आप हाथों और पैरों के लिए भारतीय मिल्किंग करते हैं, तो स्वीडिश मालिश से समाप्त करें।

चेहरा: अंगूठे का उपयोग करके घुमावदार गति से कोमलतापूर्वक गाल की मालिश करें, फिर माथे की। (चेहरे की मालिश अनिवार्य नहीं है)

पीठ: तेल लगाकर ऊपर से नीचे की ओर पाँच बार मालिश करें, फिर एक तरफ से दूसरी तरफ पाँच बार मालिश करें।

बटक्स (नितंब): नितंबों की नीचे से ऊपर तक 5 बार मालिश करें।

मालिश पूरी करने के बाद, शिशु को धीरे-धीरे टर्न करें, शिशु को चादर/शीट पर रखें, और शिशु को लपेटने वाले कपड़े में लपेटें।

चीज़ों को उचित स्थान पर रिप्लेस करें।

क्या करें:

  1. हमेशा हाथ और पैर की मालिश हृदय की ओर की जानी चाहिए।
  2. हमेशा एब्डोमिनल मसाज (पेट की मालिश) केवल क्लॉकवाइज़ (दक्षिणावर्त) की जानी चाहिए।

क्या न करें:

  1. 3 महीने से कम उम्र के शिशुओं को टर्न न करें,
  2. सिर की मालिश न करें,
  3. सिर और चेहरे पर तेल न लगाएं (गालों और माथे को छोड़कर)

बेबी बाथ (शिशु की स्नान)

Baby Bath by Famhealth

एक नवजात को हर रोज़ स्नान कराने की आवश्यकता नहीं है। वास्तव में, शिशु को सप्ताह में कई बार से अधिक नहलाना उसकी त्वचा को सुखा सकता है।

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब स्नान कराते हैं और यह सुनिश्चित करें कि खिलाने-पिलाने के तुरंत बाद न कराएं।

आवश्यक चीज़ें:

  • बाथ टब
  • 2 कॉटन बॉल (कपास की गेंदों) सहित एक कटोरा - आँखों को साफ़ करने के लिए
  • बॉडी वॉश (साबुन/शैंपू)
  • बड़ा तौलिया
  • लपेटने वाला कपड़ा
  • कॉर्ड केयर (नाल देखभाल) के लिए अल्कोहल स्वैब
  • बेबी ड्रेस, नैपकिन या डायपर
  • कचरे का डिब्बा
  • नाखून काटने के लिए नेल कटर वाली कैंची

प्रक्रिया:

  • अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
  •  आवश्यक चीज़ों को इकट्ठा करें।
  • एक टब में 2 से 3 इंच तक गर्म पानी और ठंडा पानी डालें और कोहनी से पानी का तापमान जाँचें। 
  • शिशु के कपड़े निकालें और वेट वाइप्स (गीले पोंछें) का उपयोग करके डायपर की जगह को ऊपर से नीचे तक साफ़ करें। (शिशु ने पेशाब या शौच किया या नहीं यह चेक करें)

फॉलो किए जानेवाले स्टेप्स::

  • दोनों आँखों को कॉटन बॉल के ज़रिए इनर कैंटस से बाहरी कैंटस तक साफ़ पानी से साफ़ करें।
  • इसके बाद, गर्म पानी से चेहरा साफ़ करें। याद रखें, चेहरे पर साबुन न लगाएं और आँखों को न छूए।
  • बालों को पानी से गीला करें और शैम्पू लगाएं, फिर बालों को कोमलतापूर्वक साफ़ करें।
  • ताज़ा गुनगुना पानी सिर पर डालें।
  • इसे बाद, शरीर के सामने वाले हिस्से को गीला करें और शैम्पू लगाएं, फिर कोमलतापूर्वक साफ़ करें; हाथ, गर्दन, ग्रॉइन (उरुसंधि), अंगुलियों के बीच के भाग और फोल्डिंग हिस्सों जैसी जगहों पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है।  (याद रखें, अम्बिलिकल कॉर्ड [गर्भ नाल] को न छूएं)।
  • फिर, शिशु को धीरे-धीरे टर्न करें और शिशु की पीठ को नहलाएं।
  • पूरे शरीर पर ताज़ा गुनगुना पानी डालें और शिशु को तौलिया में रख दें।
  • शिशु का चेहरा पहले सुखाएं, फिर सिर और आख़िर में शरीर।

 हाथ, कान के पीछे, गर्दन, ग्रॉइन (उरुसंधि), उंगलियों के बीच के भाग, डायपर की जगह, फोल्डिंग हिस्सों और पैर की उंगलियों के बीच जैसी जगहों को सुखाते समय अधिक ध्यान देना चाहिए।.

  • अम्बिलिकल कॉर्ड [गर्भ नाल] को अल्कोहल स्वैब से साफ़ करें।
  • शिशु को ड्रेस करें और नैपकिन या डायपर पहनाएं और लपेटने वाले कपड़े का उपयोग करके बच्चे को लपेटें।
  • अपने हाथ धोएं।
  • आखिरकार, आप उसे खिला-पिला सकते हैं।

डायपर कैसे पहनाएं

एक डायपर या एक नैपी (लंगोट) एक प्रकार का अंडरवियर होता है, जो बाहरी कपड़ों या बाहरी वातावरण के गंदे होने को प्रिवेंट करने के लिए वेस्ट प्रोडक्ट्स (अपशिष्ट उत्पादों) को अब्ज़ॉर्ब (अवशोषित) करके या रोककर, पहनने वाले को बिना किसी टॉयलेट का इस्तेमाल किए, शौच करने या पेशाब करने की अनुमति देता है। जब डायपर गंदे हो जाते हैं, तो उन्हें बदलने की आवश्यकता होती है, आमतौर पर माता-पिता या देखभालकर्ता जैसे किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा। पर्याप्त रूप से नियमित तौर पर डायपर बदलने में विफलता के परिणामस्वरूप डायपर द्वारा कवर हुई जगह के आसपास, त्वचा की समस्याएँ पैदा हो सकतीं हैं।

डायपर पहनने के लिए फॉलो किए जानेवाले स्टेप्स:

  • अपने शिशु को उसकी पीठ पर लेटाएं। डायपर तक पहुँच को बाधित करने वाले किसी भी कपड़े को निकाल दें। इस उम्र में, रोमपर्स लोकप्रिय कपड़े के आइटम हैं; उनमें डायपर तक आसन पहुँच के लिए स्नैप्स होते हैं।
  • गंदे डायपर को निकाल दें। डिस्पोज़ेबल (इस्तेमाल के बाद फेंक दिए जानेवाले) डायपरों के लिए, स्टिकी टैब्स को ऊपर खींचें। रीयूज़ेबल (पुन: प्रयोज्य) कपड़े के डायपर के लिए, अपने शिशु की कमर के चारों ओर से डायपर कवर और स्नैप्स या वेल्क्रो को निकाल दें।
  • अपने शिशु को कोमलतापूर्वक उठाएं, ताकि आप उसके नीचे से डायपर को बाहर निकाल सकें।
  • अपने शिशु के डायपर की जगह को साफ़ करने के लिए वाइप्स का उपयोग करें। इन्फेक्शन (संक्रमण) से बचने के लिए, हमेशा आगे से पीछे की ओर पोंछें, खासकर लड़कियों के लिए।
  • यदि वह जगह लाल या सूजी हुई है, तो इसे डायपर मरहम के ज़रिए राहत दें।
  • एक ताज़ा डायपर पहनाने से पहले, अपने शिशु की त्वचा के सूखने की प्रतीक्षा करें।
  • एक ताज़ा डायपर लें और इसे अपने शिशु के नीचे रखें। सामने वाले हिस्से को अपने शिशु के पेट पर ऊपर लाएं और उसकी कमर पर डायपर को बाँधने के लिए टैब्स को जकड़ें।
  • नए डायपर पर पहनाए जानेवाले कपड़ों को रिप्लेस कर दें।

डायपर रैश को कैसे प्रिवेंट करें

डायपर रैश को प्रिवेंट करने के लिए ये सावधानियाँ बरतें। यदि आपको संदेह है कि कोई डायपर रैश इन्फेक्टेड (संक्रमित) हो रहा है, तो हमेशा डॉक्टर को कॉल करें।

  • अपने शिशु के डायपर को अकसर (हर दो घंटे में) जाँचें और इसे तुरंत बदलें।
  • बदलने के दौरान अपने शिशु के डायपर की जगह को अच्छी तरह से साफ़ करें।
  • अपने शिशु के डायपर की जगह पर सुगंधित वाइप्स (पोंछे) या साबुन का उपयोग न करें।
  • आपके शिशु को स्नान के बाद सुखाने के दौरान, शिशु के निचले हिस्से को थपथपाएं, रगड़ें नहीं।
  • प्लास्टिक पैंट से बचें और स्किन मार्क्स (त्वचा के निशानों) पर नज़र रखें, जो इंगित करता है कि डायपर बहुत टाइट है।

नैपी रैश से निपटना

शिशु के निचले हिस्से पर लाल पैच हो सकते हैं, या पूरा क्षेत्र लाल हो सकता है। त्वचा सूजी हुई दिख सकती है और छूने में गर्म महसूस हो सकती है, और धब्बे, पिम्पल (फुंसी) या फफोले हो सकते हैं।

नैपी रैश निम्न की वजह से हो सकता है:

  • मूत्र या मल के साथ लंबे समय तक संपर्क
  •  संवेदनशील त्वचा
  •  घिसना या रगड़ना
  •  साबुन, डिटर्जेंट या बबल बाथ
  •  बेबी वाइप्स
  •  डायरिया (दस्त) या अन्य बीमारी

ये सरल स्टेप्स सहायता करेंगे:

  • जितनी जल्दी हो सके गीले या गंदे नैपी बदलें। छोटे शिशुओं के लिए दिन में 10 या 12 बार बदलने की आवश्यकता पड़ती हैं; उम्र में थोड़े बड़े शिशुओं के लिए कम से कम छह से आठ बार।
  • हमेशा नैपी (लंगोटों) की एक अच्छी आपूर्ति पास रखें।
  • गीले वाइप्स (पोंछे) या साबुन आदि के प्रति किसी भी एलर्जी के लिए नज़र रखें।
  •  यदि आप डायपर की जगह पर रेडनेस (लालिमा) पाते हैं, तो डायपर का उपयोग करने से बचें और उस जगह को हमेशा सूखा रखें।
  •  डॉक्टर की सलाह के अनुसार डायपर रैश क्रीम का उपयोग करें।

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