किसी व्यक्ति के कार्यालय में बेहोश होने पर प्राथमिक उपचार :
किसी भी व्यक्ति को बेहोशी की अवस्था तब आती है, जब मस्तिष्क अस्थायी रूप से पर्याप्त मात्रा में रक्त को ग्रहण नहीं पता है, जिससे व्यक्ति अपनी चेतना खो देता है। इस प्रकार की समस्या होने पर व्यक्ति को काफी नुकसान हो सकता है।
जब व्यक्ति बेहोशी महसूस करता तो क्या करना चाहिए :
जब भी कोई व्यक्ति बेहोशी महसूस करता है तो उसे तुरंत बैठ जाना या लेट जाना चाहिए, ऐसा करने से बेहोशी की संभावना कम हो जाती है, यदि व्यक्ति बैठा है तो जल्दी न उठे
अपने सिर को घुटनो के बीच में रखें।
अचानक बेहोश होने वाले व्यक्ति को दिये जाने वाले प्राथमिक उपचार :
यदि कोई व्यक्ति अचानक बेहोश हो जाता है यदि व्यक्ति को कोई चोट नहीं लगी है तो उसे पीठ के बल सीधा लिटाये , अगर व्यक्ति सांस ले रहा है, तो उसके पैरों को हृदय के स्तर से ऊपर लगभग 12 इंच (30 सेंटीमीटर) तक उठाये, यदि संभव हो तो उनके कपडे बेल्ट, कॉलर या अन्य कंस्ट्रक्टिव कपड़े ढीले करें।
बेहोशी की संभावना को कम करने के लिए , व्यक्ति को जल्दी से न उठायें। यदि व्यक्ति एक मिनट के भीतर होश में नहीं आता है, तो 108 या अपने स्थानीय आपातकालीन नंबर पर कॉल करें।
अब व्यक्ति की नब्ज चेक करे, 10 सेकंड से कम समय में गर्दन में कैरोटिड पल्स के लिए जाँच करें और इसी समय में सांस लेने के लिए छाती में बदलाव देखें। यदि व्यक्ति की धड़कन कम है, तो सीपीआर शुरू करें। 108 या अपने स्थानीय आपातकालीन नंबर पर कॉल करें।सीपीआर को तब तक जारी रखें जब तक कि मदद न आ जाए या व्यक्ति सांस लेना शुरू न कर दे।
यदि व्यक्ति बेहोशी की हालत में गिर जाता है, तो गंभीर रूप से लगे धक्कों, चोटों या खरोचों का इलाज करें। सीधे दबाव से रक्तस्राव को नियंत्रित करें।
यदि पल्स चल रही है, तो ग्लूकोमीटर के साथ रक्त ग्लूकोस (शर्करा) की जांच करें। यदि ग्लूकोस (शर्करा) कम है, तो तुरंत चीनी को पानी मिलाकर पीने के लिए दें (कुछ भी शक्कर ठीक है)I
यदि कोई व्यक्ति अचेत अवस्था में है, तो उन्हें अस्पताल में चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए।
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Regular health exams and tests are vital to detect problems before they arrive. Health checks improve the chance of fighting against diseases and infections. The kind of health check to be done depends on your age, health and family history, and lifestyle choices such as what you eat, how active you are, and whether you smoke.
स्वास्थ्य जांच
स्वास्थ्य जांच आपके स्वास्थ्य की मौजूदा हालत का नियमित परीक्षण (रूटीन एज़ामिनेशन) है, जो अक्सर आपके जीपी द्वारा किया जाता है | जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती हैं हमें बहुत सारे इंफेक्शन और बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है और जीवन की हर स्टेज में अलग-अलग तरह की स्वास्थ्य जांच की ज़रूरत पड़ती है |
स्वास्थ्य जांच का महत्व?
स्वास्थ्य जांच का उद्देश्य बीमारी के होने से पहले उसके बारे में पता लगाना और उसके इलाज में मदद करना है | आपके पारिवारिक इतिहास (फैमिली हिस्ट्री) और आपकी मौजूदा स्वास्थ्य की स्थिति क्या आधार पर आप का डॉक्टर अर्ली स्टेज में ही कुछ समस्याओं का पता लगाने में कामयाब हो सकता है, जिससे समय रहते इन समस्याओं को ठीक किया जा सकता है |
स्वास्थ्य जांच में क्या शामिल हो सकता है?
आपके पारिवारिक इतिहास (फैमिली हिस्ट्री) और आपके हेल्थ इशूज़ की जांच करनाI
नियमित रूप से मेडिकल टेस्ट करनाI
किसी भी बीमारी की कंडीशन की जांच करनाI
डॉक्टर कोई नई बीमारी होने की स्थिति में काउंसलिंग दे सकता हैI
जीवन के अलग-अलग स्टेजिस में अलग-अलग श्रेणी (रेंज) के स्वास्थ्य जांच की सलाह दी जाती है |
गर्भावस्था की प्लानिंग के लिए स्वास्थ्य जांच:
गर्भावस्था होने के तीन महीने पहले स्वास्थ्य जांच की जा सकती है और इसे प्रीकनसेप्शन पीरियड के नाम से जाना जाता है |
यहां कुछ परीक्षणों (टेस्ट्स) की सूची दी गई है जो गर्भवती होने से पहले कराए जा सकते हैं:
पैप टेस्ट
परफॉर्म किया जाता है: जीपी या स्त्रीरोग विशेषज्ञ द्वारा
टेस्ट की ज़रूरत: सामान्य तौर पर 18 वर्ष की आयु होने पर या पहला सेक्शुअल इंटरकोर्स होने के 2 वर्ष बाद महिलाओं को पैप टेस्ट स्क्रीनिंग करवाने की सलाह दी जाती है |इस टेस्ट से ह्यूमन पेपिलोमा वायरस नाम के वायरस द्वारा होने वाले कैंसर का पता चल सकता है |
दांतों की जांच (डेंटल चेक)
परफॉर्म किया जाता है: डेंटिस्ट द्वारा
टेस्ट की ज़रूरत: ओरल कैविटी हमारे शरीर का प्रवेशद्वार है | खराब डेंटल हाइजीन से हृदय रोग भी हो सकता है | दांतो के अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से दांतों की जांच करना महत्वपूर्ण है | डेंटिस्ट खराब कैरियस टूथ (टूथ डिकेय) के मामले में कैरियस टूथ की फिलिंग या रूट कनाल प्रोसीजर की सलाह दे सकता है |
रोगप्रतिरक्षा स्थिति की जांच करना:
किसके द्वारा परफॉर्म किया जाता है: जीपी और पैथोलॉजी लैबोरेट्री के द्वारा
क्यों: एक सरल खून की जांच (ब्लड टेस्ट) करने के द्वारा यह पता लगाया जा सकता है कि आपके शरीर में इंफेक्शन से लड़ने की इम्युनिटी है कि नहीं, जो गर्भावस्था के समय खतरनाक हो सकते हैं जैसे कि रूबैला, वेरीसेला (चिकन पॉक्स), और इन्फ्लुएंजा |
सामान्य स्वास्थ्य और खून की जांच (ब्लड टेस्ट)
किसके द्वारा किया जाता है: जिसे आपका जीपी अरेंज करता है
क्यों: आपको थायराइड फंक्शन, ब्लड ग्लूकोस लेवल, या सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शंस (एसटीआईएस) का पता लगाने के लिए खून की जांच की ज़रूरत हो सकती है | आपको आयरन और फोलेट लेवल्स की जांच करने के लिए फुल ब्लड काउंट की ज़रूरत हो सकती हैं | आप का डॉक्टर यह सुनिश्चित करने में आपकी मदद कर सकता है कि आपके लिए कौन सी जांच सही रहेगी |
गर्भावस्था के दौरान
प्रेगनेंसी के दौरान आपके लिए अलग-अलग तरह की स्वास्थ्य जांच उपलब्ध हो सकती है, जिसमें अबडोमिनल पल्पिटेशन, अल्ट्रासाउंड, मैटरनल सिरम स्क्रीनिंग टेस्ट (एमएसएस) और अमीनियोसिंटेसिस जैसे कुछ नाम शामिल हैं | अपने डॉक्टर या स्त्री रोग विशेषज्ञ (गायिनोक्लोजिस्ट) से सलाह लें की किस टेस्ट की आपको ज़रूरत हो सकती है |
नवजात शिशुओं और बच्चों की स्वास्थ्य जांच
शिशु और बच्चों की स्वास्थ्य जांच
इनके द्वारा की जाती है: बाल रोग विशेषज्ञ (पीडियाट्रिशन) बच्चों और शिशुओं की विकास दर, हाईट गेन
और बच्चा इनफेक्शन फ्री है या नहीं इसका आंकलन करने के लिए उनके स्वास्थ्य जांच करते हैं |
20 और 30 वर्ष के दशक में कौन से स्वास्थ्य जांच की ज़रूरत होती है?
इस समय के दौरान डॉक्टर द्वारा जो टेस्ट करने की सलाह दी जाती है वह है:
जैसे जैसे हम 40 वर्ष के दशक में पहुंचते हैं हमारे शरीर में इंफेक्शन से लड़ने की ताकत कम हो जाती हैं | इसके अलावा मेटाबॉलिक दर कम होने लगती है | शरीर के हेल्दी फंक्शनिंग को सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टर नीचे बताए गए टेस्ट करने की सलाह दे सकता है:
आंखों की जांचI
स्तन की जांचI
जिन लोगों को टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा ज़्यादा है उनके स्वास्थ्य का मूल्यांकन (हेल्थ एसेसमेंट) करनाI
प्रोस्टेट की जांच करनाI
50 वर्ष के दशक या उससे अधिक आयु के बाद के लिए जरूरी स्वास्थ्य जांच
जैसे आप अपने 50 वर्ष के दशक में पहुंचते हैं, आपके लिए अपने जीपी के साथ नियमित रूप से सतर्कता संबंधी स्वास्थ्य जांच (प्रीवेंटिव हेल्थ चेक्स) करवाना और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है | इस बात का ध्यान रखें कि आपने पिछले वर्षों में आंखों की जांच, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ग्लूकोस लेवल्स सहित जो भी जांच करवाई है,उनकी नियमित जांच करवाना जारी रखें |
50 वर्ष के बाद डॉक्टर्स नीचे बताए गए कुछ टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं:
स्तन की जांच और मैमोग्रामI
बोन डेंसिटी स्कैनI
फ़ीकल एकाल्ट ब्लड टेस्ट (एफओबीटी) - बाउल कैंसर (आंतों का कैंसर) की जांच के लिएI
कानों से सुनाई देने का मूल्यांकन (हियरिंग एसेसमेंट)I