हड्डी ब्रॉथ (शोरबा)

https://www.youtube.com/watch?v=OQElnTmQTSQ

हरी मूंग चीला

https://www.youtube.com/watch?v=OQElnTmQTSQ

दुष्प्रभाव

भले कीमो औषधियाँ तेज़ी से बढ़ने वाले सेल्स को मारतीं हैं, वे दुष्प्रभाव के रूप में स्वस्थ सेल्स को भी नुकसान पहुँचाते हैं। कुछ दुष्प्रभावों से उबरने के लिए लिया गया समय एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग होता है और यह आपके संपूर्ण स्वास्थ्य और आपको दी जाने वाली औषधियों पर निर्भर करता है। कई दुष्प्रभाव उपचार समाप्त होने के बाद काफ़ी जल्दी चले जाते हैं, लेकिन कुछ को पूरी तरह से दूर होने के लिए महीने लग सकते हैं।

कीमोथेरेपी के कुछ अधिक सामान्य दुष्प्रभाव हैं थकान, बालों का झड़ना, एनीमिया (रक्ताल्पता), मतली और उलटी, कब्ज, दस्त, घाव और निगलने पर दर्द होना। बालों का झड़ना कीमो उपचार का एक सामान्य दुष्प्रभाव है, लेकिन यह अस्थायी है क्योंकि अंतिम उपचार के बाद कुछ सप्ताहों में नए बालों आने शुरू हो जाते हैं।

वज़न कम होना और ऊर्जा की कमी समान रूप से आम है जिससे स्वस्थ खाद्य पदार्थों को खाना जारी रखना आवश्यक हो जाता है। कीमोथेरेपी का एक और आम दुष्प्रभाव डाइजेशन (पाचन) को प्रभावित करता है और आपके मुंह में मैटेलिक (धातु जैसा) स्वाद आ सकता है या आपकी जीभ पर कोई पीली या सफेद परत आ सकती है। मरीज़ को वायरस, बैक्टीरिया और अन्य कीटाणुओं के संपर्क में आने से बचना चाहिए क्योंकि कीमो के दौरान इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो जाता है।

कीमोथेरेपी औषधियों से याददाश्त की समस्याएँ हो सकती हैं और ध्यान केंद्रित करना या स्पष्ट रूप से सोचना मुश्किल हो सकता है। इस लक्षण को कभी-कभी "कीमो फॉग" ("कीमो कोहरा") या "कीमो ब्रेन" ("कीमो दिमाग़") कहा जाता है। कीमोथेरेपी औषधियों से हार्मोन में परिवर्तन हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप मूड स्विंग हो सकते हैं। कुछ मामलों में यौन क्रिया और फर्टिलिटी (प्रजनन क्षमता) भी प्रभावित हो सकती है।

कैंसर के साथ जीना और कीमोथेरेपी को संभालना भावनात्मक रूप से नुकसान पहुँचा सकता है। मरीज़ों को यह ज़बरदस्त लग सकता है और वे उदास भी हो सकते हैं जैसे वे काम, परिवार, और वित्तीय जिम्मेदारियों को टटोलते हैं या दर्द और परेशानी से निपटते हैं।

मालिश और ध्यान जैसी कॉम्प्लीमेंटरी थेरेपियाँ (पूरक चिकित्साएँ) आराम और राहत के लिए एक सहायक उपाय हो सकतीं हैं। कैंसर सहायता समूह, जहाँ आप कैंसर के उपचार से गुज़रने वाले अन्य लोगों के साथ बातचीत कर सकते हैं, सहायक होते हैं, लेकिन यदि अवसाद की भावनाएँ बनीं रहें, तो पेशेवर काउंसिलिंग की आवश्यकता पड़ सकती है।

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कैंसर क्या है?

उपचार लागत

यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (अंतरराष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ) द्वारा चलाई जा रही विश्व कैंसर दिवस (वर्ल्ड कैंसर डे) की वेबसाइट का कहना है, "यह एक मिथक है कि कैंसर केवल एक स्वास्थ्य-संबंधी मुद्दा है। दरअसल, कैंसर परिवारों की आय कमाने की क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है, व उच्च उपचार लागतों के साथ उन्हें ग़रीबी की ओर और धकेलता है।"

भारत सरकार के राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम का अनुमान है कि किसी भी समय देश में 2 से 2.5 मिलियन कैंसर के मरीज़ हैं। 2010 में एक बीसीजी अध्ययन के अनुसार, वर्तमान में मौजूद 200 कैंसर केंद्रों के विपरीत, भारत को कम से कम 840 की आवश्यकता थीं। यह अनुमान है कि भारत में केवल 2000 ऑन्कोलॉजिस्ट हैं, जबकि इससे तीन गुना की आवश्यकता है। यह स्पष्ट है कि डॉक्टरों की कमी कैंसर देखभाल प्रदान करने वाले अस्पतालों की संख्या को नुकसान पहुँचाएगा। एक फुल-फ्लेज (सभी सुविधाओं वाले) कैंसर अस्पताल की स्थापना करना कैपिटल-इंटेंसिव (पूंजी-गहन) होता है - एक शहर में 100-बिस्तर के अस्पताल में कथित तौर पर 50 करोड़ की लागत आ सकती है। और मानव संसाधन भी, डॉक्टरों से लेकर नर्सों तक और तकनीशियनों तक,
एक सतत चुनौती है।

कैंसर के इलाज में लाखों रुपये लगते हैं, विशेषकर जब एडवांस्ड स्टेज (उन्नत चरणों) में रोग का पता चलता है, जिसमें सर्जरी या व्यापक उपचार की आवश्यकता पड़ती है। एक अनुमान के अनुसार, एक कैंसर रोगी वाले 45 से अधिक प्रति शत परिवारों को भयावह ख़र्चो का सामना करना पड़ता है और 25 प्रति शत गरीबी रेखा (बीपीएल) से नीचे धकेल दिए जाते हैं। बढ़ते हुए खर्चों से निपटने का एकमात्र तरीक़ा है मेडिकल बीमा और चूंकि भारत ने स्वास्थ्य में बहुत अधिक निवेश नहीं देखा है, इसलिए आगे यह एक लंबा रास्ता है।

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कैंसर क्या है?

कीमोथेरेपी

कीमोथेरेपी

कीमोथेरेपी कैंसर के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला उपचार है और कैंसर के उपचार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली औषधियों को निर्देशित करता है जिसके उद्देश्य हैं इलाज, कंट्रोल और उपशमन।

अधिकांश कीमोथेरेपी (कीमो) औषधियाँ तेज़ दवाइयाँ होतीं हैं जिन्हें आमतौर पर नियमित अंतराल पर दिया जाता है, जिन्हें चक्र (साइकिल) कहा जाता है - जो एक या एक से अधिक औषधियों की खुराक होती है और बाद में कई दिन या हफ़्ते बिना उपचार के होते हैं। यह सामान्य सेल्स को औषधि के दुष्प्रभावों से उबरने का समय देता है।

अधिकतम लाभ के लिए, व्यक्ति को कीमो का पूरा कोर्स, पूरी खुराक प्राप्त करनी चाहिए और साइकिल को शेड्यूल पर रखना चाहिए। ज़्यादातर मामलों में, विशेष कैंसरों के उपचार के लिए औषधियों के सबसे प्रभावी खुराक और शेड्यूल क्लिनिकल ट्रायल्स (नैदानिक परीक्षणों) में टेस्ट करके खोजें गए हैं।

दुष्प्रभाव

भले कीमो औषधियाँ तेज़ी से बढ़ने वाले सेल्स को मारतीं हैं, वे दुष्प्रभाव के रूप में स्वस्थ सेल्स को भी नुकसान पहुँचाते हैं। कुछ दुष्प्रभावों से उबरने के लिए लिया गया समय एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग होता है और यह आपके संपूर्ण स्वास्थ्य और आपको दी जाने वाली औषधियों पर निर्भर करता है। कई दुष्प्रभाव उपचार समाप्त होने के बाद काफ़ी जल्दी चले जाते हैं, लेकिन कुछ को पूरी तरह से दूर होने के लिए महीने लग सकते हैं।

कीमोथेरेपी के कुछ अधिक सामान्य दुष्प्रभाव हैं थकान, बालों का झड़ना, एनीमिया (रक्ताल्पता), मतली और उलटी, कब्ज, दस्त, घाव और निगलने पर दर्द होना। बालों का झड़ना कीमो उपचार का एक सामान्य दुष्प्रभाव है, लेकिन यह अस्थायी है क्योंकि अंतिम उपचार के बाद कुछ सप्ताहों में नए बालों आने शुरू हो जाते हैं।

वज़न कम होना और ऊर्जा की कमी समान रूप से आम है जिससे स्वस्थ खाद्य पदार्थों को खाना जारी रखना आवश्यक हो जाता है। कीमोथेरेपी का एक और आम दुष्प्रभाव डाइजेशन (पाचन) को प्रभावित करता है और आपके मुंह में मैटेलिक (धातु जैसा) स्वाद आ सकता है या आपकी जीभ पर कोई पीली या सफेद परत आ सकती है। मरीज़ को वायरस, बैक्टीरिया और अन्य कीटाणुओं के संपर्क में आने से बचना चाहिए क्योंकि कीमो के दौरान इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो जाता है।

कीमोथेरेपी औषधियों से याददाश्त की समस्याएँ हो सकती हैं और ध्यान केंद्रित करना या स्पष्ट रूप से सोचना मुश्किल हो सकता है। इस लक्षण को कभी-कभी "कीमो फॉग" ("कीमो कोहरा") या "कीमो ब्रेन" ("कीमो दिमाग़") कहा जाता है। कीमोथेरेपी औषधियों से हार्मोन में परिवर्तन हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप मूड स्विंग हो सकते हैं। कुछ मामलों में यौन क्रिया और फर्टिलिटी (प्रजनन क्षमता) भी प्रभावित हो सकती है।

कैंसर के साथ जीना और कीमोथेरेपी को संभालना भावनात्मक रूप से नुकसान पहुँचा सकता है। मरीज़ों को यह ज़बरदस्त लग सकता है और वे उदास भी हो सकते हैं जैसे वे काम, परिवार, और वित्तीय जिम्मेदारियों को टटोलते हैं या दर्द और परेशानी से निपटते हैं।

मालिश और ध्यान जैसी कॉम्प्लीमेंटरी थेरेपियाँ (पूरक चिकित्साएँ) आराम और राहत के लिए एक सहायक उपाय हो सकतीं हैं। कैंसर सहायता समूह, जहाँ आप कैंसर के उपचार से गुज़रने वाले अन्य लोगों के साथ बातचीत कर सकते हैं, सहायक होते हैं, लेकिन यदि अवसाद की भावनाएँ बनीं रहें, तो पेशेवर काउंसिलिंग की आवश्यकता पड़ सकती है।

उपचार लागत

यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (अंतरराष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ) द्वारा चलाई जा रही विश्व कैंसर दिवस (वर्ल्ड कैंसर डे) की वेबसाइट का कहना है, "यह एक मिथक है कि कैंसर केवल एक स्वास्थ्य-संबंधी मुद्दा है। दरअसल, कैंसर परिवारों की आय कमाने की क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है, व उच्च उपचार लागतों के साथ उन्हें ग़रीबी की ओर और धकेलता है।" 

भारत सरकार के राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम का अनुमान है कि किसी भी समय देश में 2 से 2.5 मिलियन कैंसर के मरीज़ हैं। 2010 में एक बीसीजी अध्ययन के अनुसार, वर्तमान में मौजूद 200 कैंसर केंद्रों के विपरीत, भारत को कम से कम 840 की आवश्यकता थीं। यह अनुमान है कि भारत में केवल 2000 ऑन्कोलॉजिस्ट हैं, जबकि इससे तीन गुना की आवश्यकता है। यह स्पष्ट है कि डॉक्टरों की कमी कैंसर देखभाल प्रदान करने वाले अस्पतालों की संख्या को नुकसान पहुँचाएगा। एक फुल-फ्लेज (सभी सुविधाओं वाले) कैंसर अस्पताल की स्थापना करना कैपिटल-इंटेंसिव (पूंजी-गहन) होता है - एक शहर में 100-बिस्तर के अस्पताल में कथित तौर पर 50 करोड़ की लागत आ सकती है। और मानव संसाधन भी, डॉक्टरों से लेकर नर्सों तक और तकनीशियनों तक, एक सतत चुनौती है। कैंसर के इलाज में लाखों रुपये लगते हैं, विशेषकर जब एडवांस्ड स्टेज (उन्नत चरणों) में रोग का पता चलता है, जिसमें सर्जरी या व्यापक उपचार की आवश्यकता पड़ती है। एक अनुमान के अनुसार, एक कैंसर रोगी वाले 45 से अधिक प्रति शत परिवारों को भयावह ख़र्चो का सामना करना पड़ता है और 25 प्रति शत गरीबी रेखा (बीपीएल) से नीचे धकेल दिए जाते हैं। बढ़ते हुए खर्चों से निपटने का एकमात्र तरीक़ा है मेडिकल बीमा और चूंकि भारत ने स्वास्थ्य में बहुत अधिक निवेश नहीं देखा है, इसलिए आगे यह एक लंबा रास्ता है।

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कैंसर क्या है?

एडवांस्ड कैंसर

एडवांस्ड कैंसर (उन्नत कैंसर) का डायग्नोसिस और फैसला वास्तव में निगलने के लिए एक कड़वी गोली के समान है। एडवांस्ड कैंसर वाले किसी व्यक्ति को क्या कहना है यह पता नहीं होना या कहीं आप ग़लत चीज़ नहीं कह दें इसकी चिंता करना सामान्य बात है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह नहीं है कि आप क्या कहते हैं, बल्कि यह कि आप दिखा रहें हैं कि आपको परवाह है। कुछ परिवार इस तरह की चीजों के बारे में खुलकर बात करते हैं, जबकि अन्य नहीं करते। संवाद करने का कोई सही या ग़लत तरीक़ा नहीं होता है। लेकिन अध्ययनों से पता चलता है कि जो परिवार चीज़ों के बारे में बात करते हैं, वे उनको मिलनेवाली देखभाल और उनके द्वारा लिए गए निर्णयों के बारे में बेहतर महसूस करते हैं।

भले ही आप अनपेक्षित रिकवरी (स्वास्थ्यलाभ) की उम्मीद करते हैं, पर साथ ही यह चर्चा करना उपयोगी हो सकता है कि भविष्य अनिश्चित है क्योंकि महत्वपूर्ण मुद्दों को टालना केवल उन्हें बाद में निपटने के लिए कठिन बनाता है। अपनी चिंताओं के बारे में बात करने से सभी सम्मिलित लोगों को आराम मिल सकता है। आप पा सकते हैं कि आप और मरीज़ एक ही तरह की चीज़ों या बहुत अलग चीज़ों को सोच रहे हैं, और इसलिए आपके किसी भी विचार या चिंताओं को बाहर खुले में प्रस्तुत करना और भी महत्वपूर्ण बन जाता है। आपके प्रियजन जो भी कहना चाहते हैं, उसका समर्थन करना महत्वपूर्ण है क्योंकि उनके लिए भी अपने तरीक़े से विचारों और आशंकाओं को प्रोसेस करना महत्वपूर्ण है।

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कैंसर

दर्द से निपटना

कैंसर या उपचारों से होने वाला दर्द दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है और सोने और खाने में परेशानी पैदा कर सकता है और यहाँ तक कि चिड़चिड़ापन, निराशा, दुःख और गुस्सा महसूस करा सकता है। अच्छी खबर यह है कि सभी दर्द का इलाज किया जा सकता है और अधिकांश दर्द को कंट्रोल किया जा सकता है या राहत दी जा सकती है। जब दर्द कंट्रोल किया जाता है, तो लोग बेहतर ढंग से सो सकते हैं और खा सकते हैं, परिवार और दोस्तों के साथ आनंद ले सकते हैं, और अपने काम और शौक़ जारी रख सकते हैं।

दर्द अकसर कैंसर के ही कारण होता है। दर्द की मात्रा कैंसर के प्रकार, उसके स्टेज और मरीज़ के दर्द की सीमा पर निर्भर करती है। कैंसर के किसी एडवांस्ड स्टेज (उन्नत चरण) वाले लोगों में दर्द होने की संभावना अधिक होती है, जो हड्डियों, नर्व (तंत्रिकाओं) या शरीर के अंगों पर किसी ट्यूमर के दबाव के कारण हो सकती है। सर्जरी अकसर कैंसर के उपचार का हिस्सा होती है और आमतौर पर दर्द की कुछ मात्रा की अपेक्षा की जा सकती है। सर्जरी के कारण दर्द कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक रह सकता है, जो सर्जरी के प्रकार पर निर्भर करता है।
जब कोई ट्यूमर रीढ़ में फैलता है, तो यह रीढ़ की हड्डी पर दबाव डाल सकता है और स्पाइनल कॉर्ड कम्प्रेशन (रीढ़ की हड्डी के संपीड़न) का कारण बन सकता है। अन्य समय, कैंसर हड्डियों में फैलता है जिससे हड्डियों में दर्द होता है जिसका एक्सटर्नल रेडिएशन (बाहरी विकिरण) के माध्यम से इलाज किया जा सकता है।

कैंसर को डायग्नोज़ करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ टेस्ट्स दर्द का कारण बन सकते हैं और आमतौर पर प्रक्रिया के बाद इससे राहत मिलती है। भले ही जब आपको बताया जाता है कि प्रक्रिया से होने वाले दर्द से बचा नहीं जा सकता है या यह लंबे समय तक नहीं रहता है, तब भी आप ज़रूरत पड़ने पर दर्द की दवा मांग सकते हैं। आपके दर्द का प्रकार उपचार के प्रकार को निर्धारित करता है। नियमित शेड्यूल पर दर्द की दवाइयाँ लेने से क्रॉनिक दर्द को कंट्रोल किया जा सकता है। क्रॉनिक दर्द वाले लोगों को भी ब्रेकथ्रू (चीरने वाला) दर्द हो सकता है जो तीव्रता में अलग-अलग होता है और आमतौर पर इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। यह आम तौर पर उस दर्द के राहत से "चीर निकलता" है जो उन्हें नियमित दर्द की दवा लेने से मिल रहा था।

फैंटम दर्द (आभास दर्द) सर्जरी का एक लंबे समय तक टिकने वाला प्रभाव है, जो सामान्य सर्जिकल दर्द से परे होता है। यदि आपका कोई एक हाथ, पैर, या यहाँ तक कि एक स्तन हटाया गया हो, तो आप फिर भी दर्द या अन्य असामान्य या अप्रिय भावनाओं को महसूस कर सकते हैं जो शरीर के अनुपस्थित (फैंटम/आभास वाले) हिस्से से आती हुईं लगतीं हैं। दर्द के अन्य प्रकार हैं:

  • परिधीय न्यूरोपैथी (परिधीय तंत्रिकाविकृति) (पीएन)। जलन, झुनझुनी, सुन्नता, कमज़ोरी, क्लम्ज़ीनेस (ठीक न लगना), चलने में परेशानी या हाथों और बाजुओं और / या पैरों और पाँवों में असामान्य महसूस होना मुख्य संकेत हैं।
  • परिधीय न्यूरोपैथी कुछ प्रकार की कीमोथेरेपी, विटामिन की कमी, कैंसर और अन्य समस्याओं के कारण नर्व डैमेज (तंत्रिका क्षति) की वजह से होती है।
  • मुंह के छाले (स्टोमटाइटिस या म्यूकोसाइटिस [श्लेष्माशोथ])। कीमोथेरेपी से मुंह और गले में घाव (छाले) और दर्द हो सकते हैं। दर्द से लोगों को खाने, पीने और यहाँ तक कि बात करने में भी परेशानी हो सकती है।
  • रेडिएशन म्यूकोसाइटिस (विकिरण श्लेष्माशोथ) और अन्य रेडिएशन चोटों से त्वचा की जलन, म्यूकोसाइटिस (मुंह के छाले), और निशान पड़ सकते हैं - ये सभी दर्द का कारण बन सकते हैं। गला, आंत और ब्लैडर (मूत्राशय) को भी रेडिएशन इंजरी से ग्रस्त होने का ख़तरा हैं, और यदि इन क्षेत्रों का इलाज किया जाता हैं तो आपको दर्द हो सकता है।

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कैंसर

MEMBER GROUPS – CANCER CARE INDIA 

Delhi – NCR

S.no.Member Support GroupsAddress and Contact DetailsContact Person
1.CancersahyogBasement, B-63/64, South Extension- II, New Delhi-l 10049.Tel:Oll- 26259572,26264907,49424723.Email:cansahyog@email.com, Web:www.indiancancersocietvdelhi.in Ms. Beeta Mehta M;09810128439 Email:beetamehta@gmail.comMrs. Indra Jasuja, M:09958804370Email:indrajasuja@gmail.comMs Usha Ohri,M:09810366982.
2.CansupportKanak Durga 8asti Vikas Kendra, Sec-12, R.K.Puram, New Delhi-110022. T:011-26102851/2869,Helpline: 011-26711212 (Mon- Fri, 9.30am – 5.30pm).Email:info@cansupport.orgWeb:www.cansupport.org Ms. Harmala Gupta,Founder- President,              M: 9810606841Email:harmalagupta@cansupport.orgDr Ravinder Mohan, M:09818215821Email:ravindermohan@cansupport.org
3.                Grameen Sneh FoundationHQ. 28-21, Gd Fir, Sector-2, Sadhana, Vaishali, Ghaziabad, UP-201012.Tel:0120-4336857.Web:www.grameensnehfoundation.org Ms. Sneha Routray,President,M:09911588589,Email:gsfdelhichagter@gmail.comGanga Kumar,SecretaryM: 09891117373Email: kumaraanaa10@gmail.com 
4.                Jodharam Memorial Cancer SocietyC/O Hind Electronics Industries69/6A, Ind. Area, Najafgarh Road, Motinagar, (opp.Metro P.No.283, Metro Stn.), New Delhi-l10015 Saran Dewan,M: 9810222008Dharmender, M:09811372845Deepak Kumar,M:09899728406Email: deepakumarjogi@gmail.comTel: 011-25933682 
5.      Laryngectomee Club of IndiaF-11 A (G-8 Area), Near Harinagar,Clock Tower, New Delhi-110064,Tel:011-25127049 / 5843 Premanand,Tel:011-26680982. Email:nirmal12remanand@gmail.comMrs Pande,M:09868201723Email:ouranpande@.hotmail.com
6.                Roko Cancer Charitable TrustH-1547, Chittaranjan Park, New DeIhl-1 10019.Tel:OII-26279920Email:adminindia@rokocancer.orgB-34, Soami Nagar (South), Panchsheel, New Delh-Il0017 Ms Sudha Murgai,Sr. Advisor,M:09810092807E:nichimyo@gmail.comE:dirindia@rokocancer.org
7.Vision PC-2/2307, Vasant Kunj, New DelhiTel:011-47640642,Web:www.visionparadise.inMs SunilM:09891831Email:<vision.paradise@gmail.com
8.Win Over CancerC-57, Ashoka Enclave II, Sector-37, Faridabad-121003, Haryana.Email:winovercancer.net@gmail.com,Web:www.winovercancer.net Arun Gupta,M:09958524008Email:arun@winovercancer.net
Ms Kavita Gupta,M:09871677611Email:kavitardrwinovercancer.net