शिशु को स्तनपान कैसे कराएं 

How to Breast Feed a Baby by Famhealth

बढ़ते शिशु की ज़रूरतों के लिए माँ का दूध बिलकुल सही और विशिष्ट रूप से बनाया गया है। माँ का दूध देने से शिशु और माताओं दोनों के स्वास्थ्य पर बहुत फर्क पड़ता है।

माँ के लिए अच्छा है:

  • गर्भ (यूटरस/गर्भाशय) को सामान्य आकार में वापस लाने में मदद करता है और ब्लीडिंग (रक्तस्राव) को कम करता है।
  • इसमें प्राकृतिक रूप से एक दिन में लगभग 500 अतिरिक्त कैलोरी का इस्तेमाल हो जाता है, इसलिए माएँ जो स्तनपान करातीं हैं, उनके लिए अकसर अपने प्रेगनेंसी के वज़न को कम करना आसान होता है।
  • यह ब्रेस्ट (स्तन) और ओवेरियन (डिम्बग्रंथि) के कैंसर के खतरे को कम करता है।
  • स्तनपान एक प्राकृतिक फॅमिली प्लानिंग (परिवार नियोजन) विधि के रूप में कार्य करता है।
  • यह पैसे बचाता है - फार्मूला फीडिंग में खर्चा हो सकता है।

शिशु के लिए अच्छा है:

  • पहले छह महीनों के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्वों का आसान पाचन।
  • शिशु को आसानी से मल त्याग कराने में मदद करता है।
  • इम्युनिटी (प्रतिरक्षा) प्रदान करता है।
  • आसानी से उपलब्ध, आमतौर पर स्टेराइल। एलर्जी का कोई खतरा नहीं।
  • अधिक सुविधाजनक, कोई तैयारी की आवश्यकता नहीं है और कुछ भी खर्चा नहीं होता है।
  • जीवन में बाद में कुछ बीमारियाँ होने की संभावना को कम कर देता है।
  • आपको अपने शिशु के क़रीब लाता है।
  • फार्मूला दूध गाय के दूध और अन्य सामग्री से बनाया जाता है: इसलिए शिशु को बीमारी और रोगों से बचाने में मदद नहीं करता है।

फर्स्ट फीड (पहली बार दूध पिलाना):

  •  एक स्वस्थ शिशु को सामान्य डिलीवरी (प्रसूति) के आधे घंटे से 1 घंटे बाद, स्तन से लगाना चाहिए।
  •  सीज़ेरियन डिलीवरी के बाद, माँ को बच्चे को स्तनपान कराने के लिए 2 से 3 घंटे की अवधि पर्याप्त हो सकती है।

फीड कराने के लिए तैयार होना:

  • आपको गर्म पानी में भिगोए कॉटन (कपास) से निप्पलों और स्तन को साफ़ करना चाहिए।
  • स्तनपान कराने से पहले, अपने हाथों को धोएं।
  • स्तनपान के दौरान, आपको और शिशु को एक आरामदायक मुद्रा में रहना चाहिए।

फीड के दौरान, क्या आरामदायक वातावरण प्रदान कर सकता है?

  • आप पीठ के सहारे कुर्सी या बिस्तर पर बैठ सकते हैं ताकि आप आरामदायक महसूस करें।
  • आप पैरों या घुटनों को उठा सकतीं हैं, अगर आपको ज़रूरत हो, लेकिन शिशु के ऊपर झुकने नहीं चाहिए।

आपको शिशु को कैसे पकड़ना चाहिए?

  • शिशु को एक कपड़े में लपेटें।
  •  गर्दन, कंधे और पीठ को सहारा दें।
  •  आपको शिशु को अपने क़रीब पकड़ना चाहिए।
  •  वह अपने सिर को आसानी से पीछे झुकाने में सक्षम होना चाहिए।
  •  यह सुनिश्चित करें कि शिशु का सिर और शरीर एक सीधी रेखा में हो।
  • यदि नहीं, तो शिशु आसानी से निगल नहीं पाएगा।
  • शिशु के पूरे शरीर को पास पकड़ें और उसकी नाक का स्तर निप्पल तक होना चाहिए।
  • निप्पल के नीचे से स्तन का एक बड़ा हिस्सा शिशु के मुंह में जाना चाहिए।
  • अपने शिशु को ऐसे रखें से कि उसकी नाक का स्तर आपके निप्पल तक आए, जिससे उसे स्तन तक पहुँचने और अच्छी तरह से अटैच (संलग्न) करने मिलेगा।
  • शिशु के सिर को थोड़ा पीछे की ओर रखें, ताकि उसका ऊपरी होंठ आपके निप्पल को ब्रश कर सके। इससे शिशु को एक काफ़ी खुला हुआ मुंह बनाने में मदद मिलेगी।
  • जब शिशु का मुंह काफ़ी खुलता है, तो पहले उसकी चिन (ठोड़ी) स्तन को छू पाती है, व उसके सिर को पीछे की ओर झुका दिया जाता है ताकि उसकी जीभ अधिक से अधिक स्तन तक पहुँच सके।
  • उसकी चिन के जमकर छूने और उसकी नाक के साफ़ होने के साथ-साथ, उसका मुंह काफ़ी खुल जाता है और उसके निचले होंठ की तुलना में ऊपरी होंठ के ऊपर अधिक गहरी त्वचा दिखाई देगी। जैसे-जैसे वे खाएंगे-पीएंगे, शिशु के गाल भरे हुए और गोल दिखेंगे।

निप्पल से स्तनपान कराना जब ग़लत तरीके से हो:

  • जब शिशु को सही तरीक़े से अटैच नहीं किया गया हो और सिर्फ निप्पल को चूसता है, तो आपको लगता है कि दूध पिलाना दर्दनाक है, निप्पल डैमेज (क्षतिग्रस्त) हो सकते हैं, और शिशु को पर्याप्त दूध नहीं मिल पाएगा।
  • शिशु संतुष्ट नहीं होगा।
  • दूध का उत्पादन कम हो जाता है।
  • निप्पल फट सकते हैं।
  • अगर शिशु को सही तरीक़े से अटैच नहीं किया गया है, तो रुक जाए और उसको अपने स्तन से खींचने से बचें। इसके बजाय, अपनी छोटी उंगली को उसके मुंह के कोने में, उसके मसूड़ों के बीच में डालकर, अटैचमेंट (संलग्नता) को तोड़ें। उसे स्तन से कोमलतापूर्वक दूर करें। फिर, लैचिंग को बराबर करें और दूध पिलाना शुरू करें।

शिशु को डकार कैसे मराएं

  • जब शिशु चूसते हैं तो वे हवा को निगल लेते हैं, जिससे वे असहज हो सकते हैं।
  • बर्पिंग (डकार लेना) एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा आप एक शिशु को इस हवा को ऊपर लाने में मदद कर सकतीं हैं और सहज महसूस करा सकतीं हैं।
  • सबसे पहले, अपने कंधे पर एक कपड़ा (बर्प कपड़ा) फैलाएं।
  • शिशु को अपने कंधे या छाती पर पकड़ें और उसकी पीठ को रगड़ें।
  • जब शिशु आपके गोद में बैठा हुआ हो या लेटा हुआ हो, तब भी आप शिशु की पीठ को रगड़ सकतीं हैं।
  • ये मुद्राएँ एक बेचैन शिशु या सामान्य से अधिक रोनेवाले शिशु को आराम देने में मदद करेंगी।

आमतौर पर, आपको डकारने की आवाज़ सुनाई देगी। जब शिशु डकार लेते हैं, तो कुछ फ्लूइड (तरल पदार्थों) को ऊपर लाना सामान्य बात है।

यदि आप शिशु को बिना डकार मारे सुलातीं हैं, तो वे उलटी कर सकते हैं और वे फेफड़ों में प्रवेश कर सकता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।

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बच्चे की देखभाल के लिये आवश्यक टिप्स

बेबी मसाज (शिशु की मालिश) 

Baby Care Essentials Baby Massage by Famhealth

त्वचा को चिकना करने के लिए शिशु को बॉडी मसाज (शरीर की मालिश) दिया जाता है, जिससे शिशु को ताज़गी महसूस होती है, वह रिलैक्स होता है और ब्लड सर्कुलेशन (रक्त परिसंचरण) में सुधार होता है।

आप स्नान के बाद या स्नान से पहले बॉडी मसाज कर सकतीं हैं। माँ की अनुमति के अनुसार, आप तेल या बेबी बॉडी लोशन का उपयोग कर सकतीं हैं।

आवश्यक चीज़ें:

  • रबर या प्लास्टिक की चादर/शीट।
  • बेबी बॉडी लोशन या तेल।
  • लपेटने वाला कपड़ा

प्रक्रिया:

  • अपने हाथ धो लो
  • आवश्यक चीज़ों को इकट्ठा करें।
  • ए/सी या पंखा बंद करें।
  • बिस्तर या फर्श पर रबर शीट या प्लास्टिक शीट बिछाएं।
  • Take the oil in bowl, warm the oil if required and check the warmth before applying on Baby
  • ड्रेस और नैपकिन को निकालकर, शिशु को तैयार करें और शिशु को प्लास्टिक शीट पर रखें।

फॉलो किए जानेवाले स्टेप्स:

  • पाँव,
  • पिंडलियाँ (काफ),
  • जांघें,
  • छाती,
  • पेट,
  • दोनों हाथ,
  • चेहरा,
  • पीठ।

पाँव: तेल या लोशन लें, पैर के तलवे पर लगाएं और अपनी अंगूठे के ज़रिए एड़ी से लेकर पैर की उंगलियों की ओर, कम से कम 5 बार मालिश करें, फिर 5 बार पैर की उंगलियों को फैलाएं।

इसके बाद, अपने अंगूठों का उपयोग करके, टखने के दोनों जोड़ों की पाँच बार मालिश करें।

पिंडलियाँ (काफ)पिंडलियों की मालिश दो प्रकार की होती है।

  • स्वीडिश मिल्किंग

स्वीडिश मिल्किंग: पहले पाँवों पर तेल या लोशन लगाएं, फिर टखने के जोड़ से लेकर घुटने के जोड़ तक 5 बार (दोनों तरफ) मालिश शुरू करें; फिर, घुटने के जोड़ से ग्रॉइन एरिया (उरुसंधि क्षेत्र) तक 5 बार (दोनों तरफ)।

  • भारतीय मिल्किंग– (Prefer to give type 1, If the mother ask for type 2 then u can also give type 2 massage.)

भारतीय मिल्किंग: मसाज ग्रॉइन एरिया (उरुसंधि क्षेत्र) से शुरू होता हुआ पैरों की ओर जाता है। (यह केवल वैकल्पिक है यदि माँ पूछे तो।)

छाती:तेल या लोशन लें, छाती के ऊपर से लेकर कंधे तक लगाएँ और नीचे से ऊपर और भीतर से बाहर की साइड 5 बार मालिश करें (जैसे छाती को चौड़ा करना हो)

इसके बाद, अपने हाथों को बाएं से दाएं और दाएं से बाएं तरफ क्रॉस तरीक़े से घुमाएं।

एब्डोमेन (उदर)एब्डोमेन के ऊपर तेल या लोशन लगाएं और ऊपर से नीचे की ओर 5 बार मालिश करें, फिर घुमावदार गति से। (हमेशा एब्डोमिनल मसाज [पेट की मालिश] को अम्बिलिकल कॉर्ड [गर्भ नाल] को छूए बिना क्लॉकवाइज़ [दक्षिणावर्त] तरीक़े से करना चाहिए)।

हाथ: स्वीडिश मिल्किंग भारतीय मिल्किंग की तुलना में दोनों हाथों और पैरों के लिए बेहतर है। यदि आप हाथों और पैरों के लिए भारतीय मिल्किंग करते हैं, तो स्वीडिश मालिश से समाप्त करें।

चेहरा: अंगूठे का उपयोग करके घुमावदार गति से कोमलतापूर्वक गाल की मालिश करें, फिर माथे की। (चेहरे की मालिश अनिवार्य नहीं है)

पीठ: तेल लगाकर ऊपर से नीचे की ओर पाँच बार मालिश करें, फिर एक तरफ से दूसरी तरफ पाँच बार मालिश करें।

बटक्स (नितंब): नितंबों की नीचे से ऊपर तक 5 बार मालिश करें।

मालिश पूरी करने के बाद, शिशु को धीरे-धीरे टर्न करें, शिशु को चादर/शीट पर रखें, और शिशु को लपेटने वाले कपड़े में लपेटें।

चीज़ों को उचित स्थान पर रिप्लेस करें।

क्या करें:

  1. हमेशा हाथ और पैर की मालिश हृदय की ओर की जानी चाहिए।
  2. हमेशा एब्डोमिनल मसाज (पेट की मालिश) केवल क्लॉकवाइज़ (दक्षिणावर्त) की जानी चाहिए।

क्या न करें:

  1. 3 महीने से कम उम्र के शिशुओं को टर्न न करें,
  2. सिर की मालिश न करें,
  3. सिर और चेहरे पर तेल न लगाएं (गालों और माथे को छोड़कर)

बेबी बाथ (शिशु की स्नान)

Baby Bath by Famhealth

एक नवजात को हर रोज़ स्नान कराने की आवश्यकता नहीं है। वास्तव में, शिशु को सप्ताह में कई बार से अधिक नहलाना उसकी त्वचा को सुखा सकता है।

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कब स्नान कराते हैं और यह सुनिश्चित करें कि खिलाने-पिलाने के तुरंत बाद न कराएं।

आवश्यक चीज़ें:

  • बाथ टब
  • 2 कॉटन बॉल (कपास की गेंदों) सहित एक कटोरा - आँखों को साफ़ करने के लिए
  • बॉडी वॉश (साबुन/शैंपू)
  • बड़ा तौलिया
  • लपेटने वाला कपड़ा
  • कॉर्ड केयर (नाल देखभाल) के लिए अल्कोहल स्वैब
  • बेबी ड्रेस, नैपकिन या डायपर
  • कचरे का डिब्बा
  • नाखून काटने के लिए नेल कटर वाली कैंची

प्रक्रिया:

  • अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं।
  •  आवश्यक चीज़ों को इकट्ठा करें।
  • एक टब में 2 से 3 इंच तक गर्म पानी और ठंडा पानी डालें और कोहनी से पानी का तापमान जाँचें। 
  • शिशु के कपड़े निकालें और वेट वाइप्स (गीले पोंछें) का उपयोग करके डायपर की जगह को ऊपर से नीचे तक साफ़ करें। (शिशु ने पेशाब या शौच किया या नहीं यह चेक करें)

फॉलो किए जानेवाले स्टेप्स::

  • दोनों आँखों को कॉटन बॉल के ज़रिए इनर कैंटस से बाहरी कैंटस तक साफ़ पानी से साफ़ करें।
  • इसके बाद, गर्म पानी से चेहरा साफ़ करें। याद रखें, चेहरे पर साबुन न लगाएं और आँखों को न छूए।
  • बालों को पानी से गीला करें और शैम्पू लगाएं, फिर बालों को कोमलतापूर्वक साफ़ करें।
  • ताज़ा गुनगुना पानी सिर पर डालें।
  • इसे बाद, शरीर के सामने वाले हिस्से को गीला करें और शैम्पू लगाएं, फिर कोमलतापूर्वक साफ़ करें; हाथ, गर्दन, ग्रॉइन (उरुसंधि), अंगुलियों के बीच के भाग और फोल्डिंग हिस्सों जैसी जगहों पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है।  (याद रखें, अम्बिलिकल कॉर्ड [गर्भ नाल] को न छूएं)।
  • फिर, शिशु को धीरे-धीरे टर्न करें और शिशु की पीठ को नहलाएं।
  • पूरे शरीर पर ताज़ा गुनगुना पानी डालें और शिशु को तौलिया में रख दें।
  • शिशु का चेहरा पहले सुखाएं, फिर सिर और आख़िर में शरीर।

 हाथ, कान के पीछे, गर्दन, ग्रॉइन (उरुसंधि), उंगलियों के बीच के भाग, डायपर की जगह, फोल्डिंग हिस्सों और पैर की उंगलियों के बीच जैसी जगहों को सुखाते समय अधिक ध्यान देना चाहिए।.

  • अम्बिलिकल कॉर्ड [गर्भ नाल] को अल्कोहल स्वैब से साफ़ करें।
  • शिशु को ड्रेस करें और नैपकिन या डायपर पहनाएं और लपेटने वाले कपड़े का उपयोग करके बच्चे को लपेटें।
  • अपने हाथ धोएं।
  • आखिरकार, आप उसे खिला-पिला सकते हैं।

डायपर कैसे पहनाएं

एक डायपर या एक नैपी (लंगोट) एक प्रकार का अंडरवियर होता है, जो बाहरी कपड़ों या बाहरी वातावरण के गंदे होने को प्रिवेंट करने के लिए वेस्ट प्रोडक्ट्स (अपशिष्ट उत्पादों) को अब्ज़ॉर्ब (अवशोषित) करके या रोककर, पहनने वाले को बिना किसी टॉयलेट का इस्तेमाल किए, शौच करने या पेशाब करने की अनुमति देता है। जब डायपर गंदे हो जाते हैं, तो उन्हें बदलने की आवश्यकता होती है, आमतौर पर माता-पिता या देखभालकर्ता जैसे किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा। पर्याप्त रूप से नियमित तौर पर डायपर बदलने में विफलता के परिणामस्वरूप डायपर द्वारा कवर हुई जगह के आसपास, त्वचा की समस्याएँ पैदा हो सकतीं हैं।

डायपर पहनने के लिए फॉलो किए जानेवाले स्टेप्स:

  • अपने शिशु को उसकी पीठ पर लेटाएं। डायपर तक पहुँच को बाधित करने वाले किसी भी कपड़े को निकाल दें। इस उम्र में, रोमपर्स लोकप्रिय कपड़े के आइटम हैं; उनमें डायपर तक आसन पहुँच के लिए स्नैप्स होते हैं।
  • गंदे डायपर को निकाल दें। डिस्पोज़ेबल (इस्तेमाल के बाद फेंक दिए जानेवाले) डायपरों के लिए, स्टिकी टैब्स को ऊपर खींचें। रीयूज़ेबल (पुन: प्रयोज्य) कपड़े के डायपर के लिए, अपने शिशु की कमर के चारों ओर से डायपर कवर और स्नैप्स या वेल्क्रो को निकाल दें।
  • अपने शिशु को कोमलतापूर्वक उठाएं, ताकि आप उसके नीचे से डायपर को बाहर निकाल सकें।
  • अपने शिशु के डायपर की जगह को साफ़ करने के लिए वाइप्स का उपयोग करें। इन्फेक्शन (संक्रमण) से बचने के लिए, हमेशा आगे से पीछे की ओर पोंछें, खासकर लड़कियों के लिए।
  • यदि वह जगह लाल या सूजी हुई है, तो इसे डायपर मरहम के ज़रिए राहत दें।
  • एक ताज़ा डायपर पहनाने से पहले, अपने शिशु की त्वचा के सूखने की प्रतीक्षा करें।
  • एक ताज़ा डायपर लें और इसे अपने शिशु के नीचे रखें। सामने वाले हिस्से को अपने शिशु के पेट पर ऊपर लाएं और उसकी कमर पर डायपर को बाँधने के लिए टैब्स को जकड़ें।
  • नए डायपर पर पहनाए जानेवाले कपड़ों को रिप्लेस कर दें।

डायपर रैश को कैसे प्रिवेंट करें

डायपर रैश को प्रिवेंट करने के लिए ये सावधानियाँ बरतें। यदि आपको संदेह है कि कोई डायपर रैश इन्फेक्टेड (संक्रमित) हो रहा है, तो हमेशा डॉक्टर को कॉल करें।

  • अपने शिशु के डायपर को अकसर (हर दो घंटे में) जाँचें और इसे तुरंत बदलें।
  • बदलने के दौरान अपने शिशु के डायपर की जगह को अच्छी तरह से साफ़ करें।
  • अपने शिशु के डायपर की जगह पर सुगंधित वाइप्स (पोंछे) या साबुन का उपयोग न करें।
  • आपके शिशु को स्नान के बाद सुखाने के दौरान, शिशु के निचले हिस्से को थपथपाएं, रगड़ें नहीं।
  • प्लास्टिक पैंट से बचें और स्किन मार्क्स (त्वचा के निशानों) पर नज़र रखें, जो इंगित करता है कि डायपर बहुत टाइट है।

नैपी रैश से निपटना

शिशु के निचले हिस्से पर लाल पैच हो सकते हैं, या पूरा क्षेत्र लाल हो सकता है। त्वचा सूजी हुई दिख सकती है और छूने में गर्म महसूस हो सकती है, और धब्बे, पिम्पल (फुंसी) या फफोले हो सकते हैं।

नैपी रैश निम्न की वजह से हो सकता है:

  • मूत्र या मल के साथ लंबे समय तक संपर्क
  •  संवेदनशील त्वचा
  •  घिसना या रगड़ना
  •  साबुन, डिटर्जेंट या बबल बाथ
  •  बेबी वाइप्स
  •  डायरिया (दस्त) या अन्य बीमारी

ये सरल स्टेप्स सहायता करेंगे:

  • जितनी जल्दी हो सके गीले या गंदे नैपी बदलें। छोटे शिशुओं के लिए दिन में 10 या 12 बार बदलने की आवश्यकता पड़ती हैं; उम्र में थोड़े बड़े शिशुओं के लिए कम से कम छह से आठ बार।
  • हमेशा नैपी (लंगोटों) की एक अच्छी आपूर्ति पास रखें।
  • गीले वाइप्स (पोंछे) या साबुन आदि के प्रति किसी भी एलर्जी के लिए नज़र रखें।
  •  यदि आप डायपर की जगह पर रेडनेस (लालिमा) पाते हैं, तो डायपर का उपयोग करने से बचें और उस जगह को हमेशा सूखा रखें।
  •  डॉक्टर की सलाह के अनुसार डायपर रैश क्रीम का उपयोग करें।

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सामग्री सौजन्य: पोर्टिया

Babycare – बच्चे के कान और नाखून की देखभाल

नाखूनों की देखभाल

Babycare - Ear and Nails by Famhealth
  • शिशु के नाखून एडल्ट (वयस्क) नाखूनों से अधिक नरम होते हैं।
  • शिशुओं के नाखून तेज़ होते हैं और एक नवजात, जिसे अपने घिसटते हुए अंगों पर ज़रा-सा कंट्रोल होता है, वह आसानी से अपने चेहरे को खरोंच सकता है।
  •  लंबे नाखून आसानी से इन-ग्रोन (अंतर्वर्धित) भी हो जाते हैं, और बदले में, इन्फेक्टेड (संक्रमित) हो जाते हैं।
  •  छोटे नाखून इतनी तेज़ी से बढ़ते हैं कि आपको उन्हें सप्ताह में कई बार काटना पड़ सकता है।
  • पैर के नाखूनों को कम बार ट्रिमिंग की आवश्यकता होती है।

प्रक्रिया:

  • अपने हाथ धोएं।
  • नाखूनों को ट्रिम करने का सबसे अच्छा समय है जब वह सो रहा हो, और हाल ही में स्नान के बाद, जब वे अभी भी बहुत नरम होते हैं।
  • त्वचा को नोचने से बचने के लिए फिंगर पैड को नाखून से दूर दबाएं, क्लिप करते समय अपने बच्चे के हाथ पर एक मजबूत पकड़ रखें और सीधे काटें।
  • एक नेल फाइल का उपयोग करना अधिक आसान और सुरक्षित हो सकता है।
  • वेट वाइप (गीले पोंछे) से शिशु के हाथ को साफ़ करें और वस्तुओं को रिप्लेस करें।
  • 7 स्टेप्स का उपयोग करके अपने हाथ धोएं।

कान की देखभाल

Ear and Nails by Famhealth

शिशु के कान कैसे साफ़ करें

  • आपको अपने शिशु के कान के अंदर की सफ़ाई करने की आवश्यकता नहीं है। उसके कानों के पीछे वाले हिस्से को धोएं जहाँ मुँह से निकला हुआ दूध साफ़ हो सके
  • आपके शिशु के कान में पानी जाना सामान्य बात है।
  • कॉटन स्वैब (क्यू-टिप्स) से अपने शिशु के कान के अंदर के हिस्से को सुखाने की कोशिश न करें; आप ईयरड्रम को नुकसान पहुँचा सकतीं हैं।
  • चूंकि पहली बात एक कॉटन स्वैब ही अकसर वैक्स बिल्ड-अप (मोम बढ़त) का कारण होता है, आपको शिशु के कान के कैनल को साफ़ करने के लिए उसका उपयोग कभी नहीं करना चाहिए।
  • पानी को बाहर निकालने के लिए, बस कोमलतापूर्वक उसके सिर को साइड में टर्न करें और पानी को बाहर निकलने दें, फिर एक नरम तौलिया से कान के बाहर के हिस्से को सुखाएं।

कान छिदवाने की देखभाल कैसे करें?

हमें कान छिदवाने से पहले और बाद में सावधानी बरतने की जरूरत है।

छिदवाने से पहले हमें जिन मुख्य सावधानियों का पालन करना चाहिए, वे हैं: -

ब्लड थिनर से बचना :- एस्पिरिन, अल्कोहल और अधिक मात्रा में कैफीन सभी ब्लड थिनर (खून को पतला करने वाली चीज़ें) हैं, इसलिए हमें इन चीज़ों से बचना चाहिए, जिस दिन आप पियर्स किए जाए। अगर इसे नजरंदाज कर दिया जाए, तो इससे ब्लीडिंग (रक्तस्राव) हो सकता है।

कान छिदवाने के बाद सावधानियाँ:-

कान छिदवाने के बाद कई सावधानियाँ बरतनी चाहिए। इन्फेक्शन (संक्रमण) से बचने के लिए हाइजीन (स्वच्छता) महत्वपूर्ण है। अन्य सावधानियाँ निम्न हैं:-

  • इन्फेक्शन (संक्रमण) की संभावना से बचने के लिए अपने हाथों को एंटी-बैक्टीरियल (जीवाणुरोधी) साबुन से धोएं।
  • पियर्स किए हुए क्षेत्र को बार-बार छूने से बचें।
  • स्टार्टर ईयरिंग (झुमके) - उन्हें समय से पहले नहीं हटाएं; पियर्सिंग (छेदन) बंद हो सकते हैं या अनुचित तरीक़े से हील हो सकते हैं।
  • पियर्स किए जाने के आठ सप्ताह बाद तक, झुमकों को पहली बार न बदलें।
  • साबुन का उपयोग न करें क्योंकि यह कान के छेदो को हील करने के लिए हानिकारक होता है। यह आपकी त्वचा को ड्राई (शुष्क) कर सकता है और एक पियर्सिंग इन्फेक्शन (छेदन संक्रमण) विकसित करने के लिए उसे अतिसंवेदनशील बना सकता है।
  • उन चीज़ों से सावधान रहें जो आपके झुमके को चीर सकतीं हैं। टोपी, स्कार्फ और अन्य सामान जो आपके झुमके को पकड़ सकते हैं, उन्हें ध्यान से पहना जाना चाहिए।
  • अपने कानों पर शैम्पू, कंडीशनर, और अन्य हेयर प्रोडक्ट के लगने से बचें, क्योंकि इन प्रोडक्ट्स की सामग्री इन्फेक्शन (संक्रमण) का कारण बन सकतीं हैं।
  • तकिये के बल कान रखकर सोने से आपके पियर्सिंग में तकलीफ हो सकती है।
  • उन्हें दिन में तीन बार साफ़ करें
  • पियर्सिंग के दोनों, सामने वाले और पीछे वाले हिस्सों को साफ़ करें, यह सुनिश्चित करते हुए कि पूरा क्षेत्र कवर हो।
  • यह सुनिश्चित करने के लिए कि एंटीसेप्टिक पियर्सिंग के अंदर जा रही है, दो या तीन बार कोमलतापूर्वक झुमकों को घुमाएं।

यदि कोई मवाद (पस) निकलता है, अत्यधिक खुजली, लालिमा, और अत्यधिक दर्द होता है तो यह एक इन्फेक्शन (संक्रमण) का संकेत है, और किसी डॉक्टर को दिखाएं। या तो कान के झुमके को तुरंत स्वयं ही हटा दें, या अगर यह बहुत दर्दनाक महसूस हो रहा है, तो इसे डॉक्टर के द्वारा हटवाएं।

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सामग्री सौजन्य: पोर्टिया

स्तनदूध की पंपिंग और संग्रहण के सुझाव

Breast pump and storage by Famhealth

स्तनदूध की पंपिंग और संग्रहण के सुझाव

दूध एक्सप्रेस (व्यक्त) करने का मतलब है कि पंप या हाथ से स्तन से दूध निचोड़ना।

आपको दूध कब एक्सप्रेस करना चाहिए?:

  • दूध इकट्ठा करने के लिए, ताकि एक प्रीमेच्यौर बेबी (अपरिपक्व शिशु) को पिलाया जा सके या ऐसे शिशु को पिलाया जा सके जो आपके स्तन पर जकड़कर टिके रहने में असहाय हो।
  • जब माँ को आराम की ज़रूरत होती है।
  • जब माँ काम पर जाती है।
  • जब अधिक दूध बनने की वजह से स्तन बहुत ही भारी हो जाते हैं या सूज जाते हैं।
  • जब निप्पल फ्लैट हो।
  • अपने दूध की आपूर्ति बनाए रखने के लिए, यदि आपका हेल्थकेयर प्रोवाइडर (स्वास्थ्य सेवा प्रदाता) आपको अस्थाई रूप से नर्सिंग बंद करने की सलाह देता है, क्योंकि आप ऐसी दवा ले रहीं हैं जो आपके शिशु के लिए हानिकारक हो सकती है (इसकी शायद ही कभी ज़रूरत पड़ती है) या यदि आप थोड़े समय के लिए अस्पताल में भरती हैं और दिन भर में स्तनपान नहीं करा सकतीं हैं।

स्तन के दूध को एक्सप्रेस करने के 2 तरीक़े हैं:

  • मैनुअल या हाथ से
  • स्तन पंप (मैनुअल और इलेक्ट्रिकल पंप) का उपयोग करके

स्तन के दूध को एक्सप्रेस करने की तैयारी करना:

  • बैठने के लिए एक शांत, आरामदायक जगह ढूँढें।
  • एक गिलास दूध या गर्म पानी या कुछ स्नैक लें।
  • अपने पंप को प्लग करें या यह सुनिश्चित करें कि इसमें चलनेवाली बैटरियाँ हैं।
  • अपने हाथ साबुन और पानी से धोए। 
  • पंप किट को असेंबल करें (अर्थात् जोड़ें)।
  • कॉटन (कपास) की मदद से गर्म पानी से स्तन को साफ़ करें।

एक मैनुअल स्तन पंप का उपयोग करना:

  • अपने निप्पल के ऊपर ब्रेस्ट शील्ड (स्तन ढाल) को रखें। यह सुनिश्चित करें कि आपके पास अपने स्तन के लिए उपयुक्त आकार की शील्ड है। अनुचित आकार की शील्ड का चयन करना असफल सक्शन प्रयासों, दर्द और तकलीफ़ का कारण बन सकता है।
  • पंपिंग शुरू करने के लिए, निचोड़ या प्लंजिंग तंत्र का उपयोग करें। एक हाथ से शील्ड को पकड़ें और दूसरे से तंत्र को निचोड़ें। दूध बोतल में पंप होना शुरू हो जाएगा।
  • यदि आवश्यक हो तो पंप के हैंडल को पुन: व्यवस्थित करें। पंप के हैंडल की मुद्रा को बदलने से इसकी सक्शन (चूषण) क्षमता प्रभावित हो सकती है, इसलिए इसे तब तक घुमाएं जब तक आपको एक उपयुक्त सक्शन स्तर न मिल जाए जो आपके स्तन के पंप करने के प्रयासों को आसान बनाएं।
  • दूध को अधिक आसानी से एक्सप्रेस करने के लिए, आगे की ओर झुकने की कोशिश करें। याद रखें कि शुरुआत में दूध बूँद-बूँद बहता है और जब पंपिंग लगातार हो रही होती है, तो धीरे-धीरे इसका प्रवाह बढ़ जाता है।
  • तब तक जारी रखें जब तक दूध का प्रवाह धीमा न हो जाए। मैनुअल पंप से पंप करते समय, आमतौर पर लगभग 45 मिनट लगते हैं।

एक इलेक्ट्रिकल या बैटरी संचालित पंप का उपयोग करना

  • अपने निप्पल के ऊपर ब्रेस्ट शील्ड (स्तन के ढाल) को सही ढंग से रखें। 
  • मशीन को चालू करें और उसे काम करने दें। दूध स्वचालित रूप से आपके स्तन से कंटेनर में पंप होना शुरू कर देगा।
  • आवश्यकता अनुसार आटोमैटिक (स्वचालित) सक्शन को एडजस्ट (समायोजित) करें। यदि ऐसा लग रहा है कि दूध धीरे-धीरे पंप हो रहा है या सक्शन (चूषण) दर्दनाक लग रहा है, तो इसे एडजस्ट करें। अपने स्तनों और अपने शरीर के बाकी हिस्सों को पुनः व्यवस्थित करने की कोशिश करें। प्रक्रिया दर्दनाक नहीं होनी चाहिए, हालांकि यह पहली बार में अजीब लग सकती है।
  • सक्शन होते रहने पर शांत रहें। हालांकि, यदि आप रिलैक्स्ड हैं, तो चिंता की तुलना में आप अकसर कम समय में अधिक दूध बनाएंगी।
  • तब तक जारी रखें जब तक दूध का प्रवाह धीमा न हो जाए। इलेक्ट्रिक या बैटरी-चालित पंप का उपयोग करते समय, आपका 15 से 20 मिनट के भीतर हो जाएगा।

याद रखें:

  • चलते रहें! आप पाएंगी कि प्रैक्टिस (अभ्यास) से पंपिंग तेज़ और आसान हो जाता है।
  • रिलैक्स्ड हो जाए। जब आप रिलैक्स्ड और शांत महसूस कर रहीं हों तो पंपिंग की प्रक्रिया सबसे आसान और कम से कम असहज लगती है।
  • कंटैमिनेशन (दूषण) से बचने के लिए, किसी भी ब्रेस्ट पंपिंग सेशन के बाद हमेशा अपने ब्रेस्ट पंप और उसके रिमूवेबल पार्ट्स (निकाले जा सकनेवाले हिस्सों) को साफ़ करें।

दूध को स्टोर करना:

  • माँ के दूध को 6 घंटे तक कमरे के तापमान पर रखा जा सकता है। 
  • आप फ्रिज में माँ के दूध को 4C या उससे कम पर 5 दिनों तक स्टोर कर सकतीं हैं (आमतौर पर पीछे, कभी दरवाजे पर नहीं)।
  •  माँ का दूध फ्रिज के आइस कम्पार्टमेंट (बर्फ के डिब्बे) में 2 सप्ताहों तक या फ्रीज़र में 6 महीने तक स्टोर (संग्रहीत) किया जा सकता है।
  • मीट प्रोडक्ट, अंडे या किसी भी बिना पके खाद्य पदार्थों से दूर स्टोर करें। फ्रिज के पीछे वाले हिस्से का उपयोग करें, न कि दरवाज़े का।
  • जितने अधिक बार फ्रिज का दरवाज़ा खोला जाएगा, उतने ही अधिक तापमान बढ़ने की संभावना होगी।
  • प्रत्येक बार जब आप उपयोग करतीं हैं, तब आपके दूध को स्टोर करने के लिए उपयोग किए जाने वाले प्रत्येक फ्रिज (या बैग) का तापमान चेक करने का प्रयास करें।

स्टोर किए हुए स्तन के दूध का उपयोग करना:

  • स्तन के दूध को गर्म करने या डीफ्रॉस्ट करने के लिए माइक्रोवेव या गैस स्टोव का उपयोग न करें क्योंकि इससे गर्म स्पॉट आ सकते हैं, जो आपके शिशु के मुंह को जला सकते हैं।
  • रेफ्रीजरेटेड (प्रशीतित) एक्सप्रेस किए गए स्तन के दूध को गुनगुने पानी में रखकर गर्म करें।
  • शिशु को दूध पिलाने से पहले तापमान चेक करें, और डीफ्रॉस्ट किए हुए दूध का तुरंत उपयोग करें और इस्तेमाल न किए हुए किसी भी दूध को फेंक दें।
  • यदि दूध से खट्टी बू आ रही है, तो इसका बिलकुल उपयोग न करें।
  • स्टोर किए जाने पर, क्रीम और दूध अलग हो सकते हैं। यह सामान्य बात है। उपयोग करने से पहले, मिक्स करने के लिए धीरे-धीरे शेक करें।
  • कुछ शिशु, विशेष रूप से पहले-पहले, एक्सप्रेस किए गए स्तन के दूध को लेने से हिचकिचाते हैं। एक कप या चम्मच से दूध ऑफर करने की कोशिश करें।

बेबी केयर पर अधिक पढ़ने के लिए, नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें,

New Born

पैरेंटहुड की अनिवार्यताएँ और बेबी केयर के
for your NEW BORN

पैरेंटहुड की आनंदमय यात्रा में प्रवेश करना इतना आसान नहीं होता और इसमें विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
यहाँ हम आपके लिए कुछ अत्यावश्यक बातें लेकर आए हैं जो आपको पैरेंटहुड संबंधी विभिन्न अनिवार्यताओं के बारे में गाइड कर सकतीं हैं।

बेबी केयर :

जिस दिन एक नवजात आपके घर आता है, जीवन जैसा कि आप जानतीं हैं, हमेशा के लिए बदल जाता है। बेबी केयर ज़ोन में आपका स्वागत है, जो आपको बेबी केयर आवश्यकताओं के लिए गाइड कर सकता है।

अनिवार्यताएँ

पैरेंटहुड एक स्टेप-बाय-स्टेप लर्निंग है, जो आपके शिशु को ख़ुश और स्वस्थ रखने में मदद करता है – आइए, हम कुछ ऐसे शिशु अनिवार्यताओं को चेक करें जिन्हें आपको अवश्य जानना चाहिए।

स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे

ऐसी विभिन्न भीषण बीमारियाँ हैं जो आपके छोटेवाले/छोटीवाली को तकलीफ पहुँचा सकतीं हैं। आइए इन बीमारियों को और उनसे छुटकारा पाने के उपायों को जानने की कोशिश करते हैं।

गर्मी से सुरक्षा कैसे करे

गर्मी से स्वयं की रक्षा के
लिए सबसे अच्छे तरीके

ग्रीष्मकालीन एक ऐसा समय होता है जब आप बाहरी गतिविधियों का आनंद
ले सकते हैं और विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ जैसे आइस-क्रीम और ठंण्डा
पेय पी सकते हैं। लेकिन, यह मौसम चुनौती भी देता है और इसके
परिणामस्वरूप विभिन्न भीषण बीमारियाँ हो सकती हैं। अच्छा और सुरक्षित
ग्रीष्मकाल के लिए ग्रीष्मकाल के खतरनाक प्रभावों को रोकने के लिए
अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। यहां कुछ तरीकों की
एक सूची दी गई है जो आपको गर्मियों के मौसम में सुरक्षित रखने में मदद करेंगे।

गर्मी से सुरक्षा

Safe Summers by Famhealth

गर्मी से स्वयं की रक्षा के लिए सबसे अच्छे तरीके

ग्रीष्मकालीन एक ऐसा समय होता है जब आप बाहरी गतिविधियों का आनंद
ले सकते हैं और विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ जैसे आइस-क्रीम और ठंण्डा
पेय पी सकते हैं। लेकिन, यह मौसम चुनौती भी देता है और इसके
परिणामस्वरूप विभिन्न भीषण बीमारियाँ हो सकती हैं। अच्छा और सुरक्षित
ग्रीष्मकाल के लिए ग्रीष्मकाल के खतरनाक प्रभावों को रोकने के लिए
अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। यहां कुछ तरीकों की
एक सूची दी गई है जो आपको गर्मियों के मौसम में सुरक्षित रखने में मदद करेंगे।

तेज गर्मी के घंटों के समय गर्मी से दूर रहें और अपनी रक्षा करें।

विशेष रूप से दोपहर के समय कही रुके दोपहर 3 बजे के आसपास तक रहने की कोशिश करें, जब सूरज की किरणें सीधे लंबवत होती हैं। अगर आपको अपनी आंखों को ढंक कर बाहर जाना है, तो इसके लिए अपनी सुरक्षा के लिए चौड़ी टोपी पहने । ढीले फिट कपड़े पहनने की कोशिश करें और खुद को सीधे धूप के संपर्क में आने से बचाएं।

रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार घर पर एयर कंडीशनर का उपयोग करे, यह गर्मी से संबंधित बीमारियों से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है।

व्यक्ति अपने शरीर में पानी की कमी न होने दे

हीट स्ट्रोक से निर्जलीकरण जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। खुद को हाइड्रेटेड रखना बेहद आवश्यक है, इसलिए खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए दिन भर पानी और तरल पदार्थों का सेवन करते रहें। गर्मी के दौरान पानी की एक अच्छी मात्रा की खपत हो जाती है, इसलिए हर दिन कम से कम 7-8 गिलास पानी पीना चाहिए। पानी की मात्रा में उच्च फल जैसे तरबूज और सब्जियों का सेवन करना भी अच्छा रहता है।

गर्मी द्वारा निर्जलित होने पर व्यक्ति किस प्रकार के लक्षणों का अनुभव करते है।

  • अत्यधिक प्यास का लगना।
  • मुँह का शुष्क हो जाना।
  • सरदर्द का होना।
  • मांसपेशियों में ऐंठन का होना।
  • बेचैन होना।

निर्जलीकरण को रोकने के लिए सबसे अच्छा उपाया है निश्चित रूप से धीरे- धीरे पानी का सेवन शुरू करना है। हालांकि, एक व्यक्ति को पूरे पानी को एक साथ पिने से सावधान रहना चाहिए, क्योंकि यह पेट में अतिरिक्त भार डाल सकता है। शराब से पूरी तरह बचना चाहिए, क्योंकि यह शरीर को निर्जलित करता है।

व्यक्ति ज्यादा सावधान रहे, यदि वह नीचे दी गई समस्याओं से पीड़ित हैं:

गर्मी की वजह से अकड़न होना

पानी की कमी से निर्जलीकरण हो सकता है, जिससे पेट और पैरो की मांसपेशियों में दर्दनाक ऐंठन हो सकती है। ऐंठन वाले क्षेत्र की मालिश करना शुरू करें और धीरे-धीरे पानी का सेवन करके अपने शरीर को पुन: सक्रिय करना शुरू करें।

व्यक्ति के शरीर से गर्मी का निकलना

गर्मी की थकावट एक गंभीर स्थिति है जो गर्मी के मौसम में अत्यधिक गर्मी के बढने के जोखिम के कारण होती है। आमतौर पर, ऐसे व्यक्ति काफी पसीना बहाते हैं और उनकी त्वचा ठंडी और रूखी हो जाती है। व्यक्ति को तुरंत वातानुकूलित स्थान पर शिफ्ट करना महत्वपूर्ण होता है, गर्मी की थकावट को दूर करने के लिए आवश्यक रूप से पानी के साथ धीरे-धीरे व्यक्ति को पुनर्जलीकरण करना चाहिए।

हीटस्ट्रोक ( या सनस्ट्रोक)

गर्मी के सूरज के तहत लंबे समय तक अत्यधिक शारीरिक परिश्रम करने से हीट स्ट्रोक के जोखिम में पड़ना, यह बेहद खतरनाक स्थिति हो सकती है। हीट स्ट्रोक थकावट के विपरीत होता है, हीटस्ट्रोक का अनुभव करने वाले लोगों के पास गर्म शुष्क त्वचा और शरीर का उच्च तापमान होता है - और अक्सर उनके शरीर से पसीना निकलना बंद हो जाता हैं।

सूर्य की गर्मी और त्वचा का कैंसर

सूर्य की किरणों में अल्ट्रा वायलेट किरणें होती हैं, जो त्वचा के लिए बेहद खतरनाक होती हैं; इसके परिणामस्वरूप त्वचा में टैनिंग हो सकती है और अंततः त्वचा कैंसर हो सकता है। सूरज की गर्मी व्यक्ति के लिए अत्यधिक जोखिम जैसे , सनबर्न , आंखों की क्षति और समय से पहले झुर्रियों का कारण बन सकती है।

उचित कपड़ों के साथ खुद को ढंकना महत्वपूर्ण है; 30 या उससे अधिक के सन प्रोटेक्शन फैक्टर (SPF) के साथ ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन और छाया में घर के अंदर रहने से त्वचा को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।

अपनी त्वचा की सुरक्षा के लिए एक अच्छा सनस्क्रीन कैसे चुनें?

यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन नियमों के अनुसार कुछ दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए लेबल की आवश्यकता होती है। नीचे कुछ लेबल दिए गए हैं जो मौजूद होने चाहिए , जबकि आप अपने लिए एक सनस्क्रीन चुन रहे हैं:

  • "ब्रॉड-स्पेक्ट्रम" सुरक्षा वाला सनस्क्रीन चुनें। एक व्यापक स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन का मतलब है कि यह यूवीए और यूवीबी विकिरणों से रक्षा करेगा। यूवीबी विकिरणों के कारण सनबर्न होते हैं और अधिकांश सनस्क्रीन इससे बचाव करते हैं। लेकिन, UVA विकिरण त्वचा कैंसर और उम्र बढ़ने का कारण बनते हैं। इसलिए, एक व्यापक स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन का उपयोग किया जाना चाहिए।
  • केवल एसपीएफ़ 30 या उच्चतर के साथ सनस्क्रीन चुना जाना चाहिए। उच्च एसपीएफ़ वाले सनस्क्रीन न केवल लंबे समय तक रक्षा करते हैं, बल्कि वे यूवी किरणों के उच्च प्रतिशत को फ़िल्टर करने की क्षमता भी रखते हैं। उदाहरण- एसपीएफ 15 सनस्क्रीन, यूवीबी किरणों के लगभग 93 % हिस्से को फ़िल्टर करते हैं, जबकि एसपीएफ 30 सनस्क्रीन को लगभग 97 % फ़िल्टर करते हैं, एसपीएफ़ 50 सनस्क्रीन फ़िल्टर लगभग 98%, और एसपीएफ़ 100 फ़िल्टर लगभग 99 % । एसपीएफ 15 या उससे कम वाले एफडीए सनस्क्रीन के अनुसार केवल धूप से होने वाली जलन से बचाते हैं, त्वचा के कैंसर के खिलाफ नहीं।
  • सनस्क्रीन का चयन करते समय आपको ध्यान से देखना चाहिए कि " वाटर रेसिस्टेंट " का मतलब " वाटरप्रूफ " नहीं है। कोई भी सनस्क्रीन वॉटरप्रूफ या " स्वेट प्रूफ " न हीं है। हर 2 घंटे के बाद सनस्क्रीन फिर से लगाना उचित है।

व्यक्ति अपने आप को वायरल बीमारियों, सर्दी, फ्लू और वायरल बुखार से बचाएं

गर्मियों के दौरान शरीर की प्रतिरक्षा कमजोर हो जाती है और वायरल संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील हो जाती है। आप खुद को संक्रमणों से बचाने के लिए कुछ निवारक कदम उठा सकते हैं। नीचे कुछ कदम दिए गए हैं जिन्हें आप ले सकते हैं

  • अपने डॉक्टर से बात करें, यदि आपको फ्लू का टीकाकरण हो सकता है।
  • अपने हाथों को नियमित रूप से धोएं और अपने आसपास से स्थान को साफ रखें।
  • एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें, अपने प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए बहुत सारे विटामिन और खनिजों के साथ खाद्य पदार्थ ले।
  • अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को संक्रमण से लड़ने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें।

व्यक्ति अपने आप को मच्छर जनित बीमारियों से बचाएं

भारतीय ग्रीष्मकाल में मच्छर विशेषकर मानसून, के समय ज्यादा परेशान करता है। मच्छर जनित रोग मुख्य रूप से वायरस, बैक्टीरिया या परजीवी के कारण होते हैं और मच्छर के काटने से फैलते हैं। मलेरिया और डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियों से खुद को बचाने के लिए, निवारक चरणों पर ध्यान दे :

  • एक मच्छर से बचाने वाली क्रीम का उपयोग करें।
  • अपने दिन की बाहरी गतिविधियों की योजना बनाएं, जब मच्छर कम सक्रिय हों।
  • पूरे ढके कपड़े पहनें।
  • पानी को कभी भी अपने आस-पास इकठ्ठा न होने दें।
  • मच्छरदानी का प्रयोग करें।
  • पंखो का उपयोग करके हवा को परिचालित रखें। इससे मच्छरों को आपके नजदीक उड़ना मुश्किल हो जाएगा।

जल जनित बीमारियाँ

ग्रीष्मकाल में पानी से होने वाली कई बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है। जैसे पीलिया , हैजा और डायरिया । उन संक्रमणों से बचाने के लिए नीचे दिए गए कुछ चरणों का पालन करेंI

  • अच्छी स्वच्छता विधियों का इस्तेमाल करना।
  • उबला हुआ या रासायनिक उपचारित पानी पीना।
  • दूषित खाद्य पदार्थों जैसे कि स्ट्रीट फ़ूड से बचें।
  • भस्म किए गए भोजन को ठीक से पकाया जाना चाहिए , क्योंकि ये वायरस गर्मी प्रवण होते हैं और उबलने और गर्म होने से आसानी से मारे जाते हैं।
  • कच्ची सब्जियों और फलों से बचें जिन्हें छील नहीं सकते।
  • जब आप कच्चे फल या सब्जियां खाते हैं , जिन्हें छीलकर खाया जा सकता है , तो उन्हें खुद छीलें।
  • खाना खाने से पहले अपने हाथों को अच्छे से धो लें।

रोगी की पोस्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी होने पर रोगी अपना ख्याल कैसे रखे

Post Transplant Surgery Care by Famhealth

प्रत्यारोपण के बाद, आपके निर्णय और घर पर स्वयं की देखभाल के प्रति समर्पण आपके स्वास्थ्य और आपके प्रत्यारोपण की सफलता के लिए महत्वपूर्ण होगा। रोगी को निम्नलिखित जीवन शैली में बदलाव की सलाह दी जाती है। इन पर ध्यान देने दे, प्रत्यारोपण सफल प्राप्तकर्ता को इसका सबसे अच्छा परिणाम मिलता है।

  • रोगी अपनी सभी दवाओं के बारे में जानें : की आप खुराक कब , किस टाइम और आप उन्हें क्यों ले रहे हैं, व्यक्ति दवाएँ लेते समय क्या- क्या परहेज करें।
  • रोगी अपनी दवा के शेड्यूल का रोजाना पालन करें और केवल अपने ट्रांसप्लांट चिकित्सक द्वारा बताने पर ही कोई बदलाव करें।
  • अपने प्रत्यारोपण समन्वयक के माध्यम से अपनी प्रत्यारोपण टीम के साथ नियमित संपर्क बनाए रखें।
  • निर्देश के अनुसार अनुवर्ती नियुक्तियों और या प्रत्यारोपण की प्रक्रिया को सही बनाये रखे ।
  • रोगी आवश्यकतानुसार रक्त परीक्षण नियमित रूप से करवाएं।
  • रोगी आवश्यकतानुसार अपने वजन , रक्तचाप और तापमान की निगरानी रखे।
  • एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए , रखें जिसमें संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और नियमित जांच शामिल हो।
  • धूम्रपान और मद्यपान से बचें क्योंकि यह दुर्भावना और संवहनी रोगों (दिल के दौरे और स्ट्रोक) की संभावना को बढ़ाता है।
  • यदि टीकाकरण के लिए विदेश की यात्रा की योजना है, तो आपको प्रत्यारोपण टीम से पूछना चाहिए। हमेशा नवीनतम चिकित्सा नुस्खे और दवाइयाँ साथ मे ले जाएँ।

प्रत्यारोपण कराने वाला व्यक्ति निम्न सावधानियां अपनाकर संक्रमण से बचें।

  • रोगी अक्सर अपने हाथ धोएं और सर्दी या अन्य संक्रमण से ग्रस्त व्यक्तियों से दूर रहें।
  • यदि रोगी को घाव है, तो उसे रोजना अपनी ड्रेसिंग को बदलना होगा, इसे करने के बाद रोगी हाथ धोएं।
  • पीड़ित व्यक्ति जानवरों के संपर्क में न आये या उन्हे संभालने से बचें और बाहर घूमने वाले जानवरों के संपर्क से बह रोगी अपना बचाव करे।
  • प्रत्यारोपण के बाद 6 महीने तक मिट्टी में काम करने से बचें। इसके बाद, दस्ताने का इस्तेमाल करे ।

रोगी की देखभाल पर अधिक पढ़ने के लिए,नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

रोगी की देखभाल

कुत्ते के काटने पर प्राथमिक उपचार

First Aid for Dog Bite by Famhealth

व्यक्ति को कुत्ते के काटने से रेबीज रोग ओर टेटनस संक्रमण हो सकता है , कुत्ते के काटने पर रेबीज रोग के खतरे को कम करने के लिए तुरंत डॉक्टर से इलाज कराये।

लक्षण

कुत्ते के काटने पर रोगी में कुछ लक्षण दिखाई देते जैसे घाव में संक्रमण, घाव में लालिमा, घाव का सूजन जाना , दर्द का बढ़ाना और बेचैनी आदि । व्यक्ति को डॉक्टर को इन लक्षणों को तुरंत दिखाना चाहिए।

भारत में हर साल रेबीज के कारण होने वाली 45,000 केसो में से 20,000 की मृत्यु होती है। रेबीज वायरस 95 प्रतिशत से अधिक कुत्ते के काटने से फैलता है।

कुत्ते के काटने पर लिए जाने वाले प्राथमिक उपचार :

यदि आपको एक अपरिचित कुत्ता काटता है, और यदि घाव गहरा हो, घाव से रक्त का न रुक पाना, या संक्रमण की स्थिति ( लालिमा, सूजन, गर्मी , मवाद ) आदि के लक्षण नजर आये, तो आप तुरंत एक डॉक्टर इसकी जानकारी दे।

घर पर किये जाने वाले उपचार:

  • घाव से किसी भी प्रकार के रक्तस्राव को रोकने के लिए काटने वाले स्थान पर एक साफ तौलिया रखें।
  • घायल स्थान को ऊंचा रखने की कोशिश करें।
  • कटे स्थान को साबुन व पानी से साथ सावधानी से धोये।
  • घाव के लिए एक सुखी पट्टी लागू करें।
  • संक्रमण को रोकने के लिए हर दिन चोट के लिए एंटीबायोटिक दवाई लगाए।

जब आप कुत्ते के काटने के इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाते हैं, तो इन सवालों के जवाब के लिए तैयार रहें: -

  • Do you know the owner of the dog?
  • If so, is the dog up to date on all vaccinations, including rabies?
  • Did the bite occur because the dog was provoked, or was the dog unprovoked?
  • What health conditions do you have? People with diabetes, liver disease, illnesses that suppress the immune system, and other health conditions may be at greater risk for a more severe infection.

निवारण

कुत्ते के काटने से बचने के कुछ विशेष बातों का ध्यान रखे ।

  • परिवार में पालतू जानवर को रखने लिए एक कुत्ते का चयन करते समय, एक अच्छे स्वभाव वाला कुत्ता चुनें।
  • उन कुत्तों से दूर रहें जिन्हें आप नहीं जानते हैं।
  • कभी भी छोटे बच्चों को कुत्ते के साथ अकेला न छोड़ें - विशेषकर अपरिचित कुत्ते के पास ।
  • किसी भी कुत्ते के साथ उस समय खेलने की कोशिश न करें जब वह अपने पिल्लों को खाना खिला रहा हो, या खिलारी कर रहा है।
  • जब भी आप कुत्ते से संपर्क करें, तो धीरे-धीरे करें, और कुत्ते को अपने पास आने का मौका दें।
  • अगर कोई कुत्ता आक्रामक हो जाए, तो भागें नहीं ना ही चिल्लाएं। शांत रहें, धीरे-धीरे आगे बढ़ें, और कुत्ते के साथ आँख न मिलाये।

फर्स्ट एड पर अधिक पढ़ने के लिए, नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

प्राथमिक चिकित्सा

मधुमक्खी के डंक या किट के काटने पर प्राथमिक चिकित्सा :

Bee Stings/ Insect Bite by Famhealth

सभी जंन्तु के काटने या डंक मरने की स्थित सामान नहीं होती है, वह पहचानना मुश्किल होता है, की आप को किस प्रकार के जंन्तु ने कटा या डंक मारा है अतः इसके आधार पर आपको भिन्न-भिन्न प्राथमिक चिकित्सा उपचार और विभिन्न चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता होती है। कुछ प्रजातियां दूसरी प्रजातियो की तुलना में अधिक नुकसान पहुंचा सकती हैं। कुछ लोगों में एलर्जी भी होती है, जो किसी जन्तु के काटने पर गंभीर प्रतिक्रिया का खतरा बढ़ाती है। यहां कीड़े, मकड़ियों और सांपों के काटने और डंक के लक्षणों को पहचानने और उनका इलाज कैसे किया जाता है, दिए गए है

मधुमक्खी के डंक या किट के काटने के सामान्य लक्षण :

मधुमक्खी के डंक या किट के काटने के कुछ सामान्य लक्षण दिखाई देते है, जैसे, चेहरे पर लालिमा, होंठ या गले की सूजन, दर्द, खुजली, पित्ती, पेट में ऐंठन, मतली और उल्टी, सांस लेने में समस्या और झटका आदि ।

मधुमक्खी के डंक या किट के काटने पर किस प्रकार प्राथमिक उपचार लें

यदि किसी व्यक्ति में गंभीर एलर्जी की प्रतिक्रिया के लक्षण दिखते है, तो उन्हें आपातकालीन चिकित्सा देने में सहायता करें और अगले भाग में दिए गए चरणों का पालन करें। यदि व्यक्ति में कोई गंभीर प्रतिक्रिया के लक्षण नहीं दिखाते हैं, तो मामूली लक्षणों के लिए काटने या डंक वाले स्थान का इलाज करें

पहला चरण :

यदि कीट का डंक अभी भी उनकी त्वचा में फसा हुआ है, तो उनकी त्वचा के ऊपर एक चपटी धार वाली वस्तु से धीरे से खुरच कर हटा दें। डंक को हटाने के लिए चिमटी का उपयोग करने से बचें, क्योंकि चिमटी से दबने पर यह अधिक विष जारी कर सकता है।

दूसरा चरण :

काटने वाले स्थान को साबुन और पानी से धोएं।

तीसरा चरण :

दर्द और सूजन को कम करने में सहायता करने के लिए एक बार में लगभग 10 मिनट के लिए उस स्थान पर एक ठंडा दबाव या बर्फ का पैक रखें। अपनी त्वचा की सुरक्षा के लिए किसी भी बर्फ या बर्फ के पैक को एक साफ कपड़े में लपेटें।

चौथा चरण :

खुजली और दर्द में आराम पाने के लिए कैलेमाइन लोशन या बेकिंग सोडा और पानी के पेस्ट को दिन में कई बार पीड़ित स्थान पर लगाएं। कैलेमाइन लोशन एक प्रकार का एंटीहिस्टामाइन क्रीम है।

मधुमक्खी के डंक या किट के काटने से एक गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया होने पर आपातकालीन प्राथमिक उपचार :

यदि आपको संदेह है कि व्यक्ति को एलर्जी की गंभीर प्रतिक्रिया हो सकती है तो :

  • यदि आप अकेले हैं तो किसी और को आपातकालीन सेवाओं को कॉल करने के लिए तुरंत कहें, या अन्य इलाज लेने से पहले आपातकालीन सेवाओं से संपर्क करें।
  • व्यक्ति से पूछें कि क्या वे एक एपिनेफ्रीन ऑटो-इंजेक्टर ले जाते हैं। यदि वे करते हैं, तो उनके लिए उन्हे पुनः देने के लिए लेबल पर लिखे निर्देशों के अनुसार उपयोग करने में उनकी सहायता करें।
  • उन्हें शांत रखने के लिए उनकी हिम्मत बढ़ाए , अपने पैरों को पीछे खींचकर उन्हें चुपचाप लेटने के लिए प्रोत्साहित करें। यदि वे उल्टी करना शुरू करते हैं, तो उन्हें उल्टी करने की अनुमति दें उल्टी, उल्टी नली में और गले में घुटन को रोकने में सहायता प्रदान करती है ।
  • यदि वे बेहोश हो जाते हैं और सांस लेना बंद कर देते हैं, तो सीपीआर शुरू करें। सीपीआर को चिकित्सा सहायता आने तक जारी रखें।

मामले को गंभीर बनने से बचने के लिए, एक टूर्निकेट लागू न करें। आपको उन्हें खाने या पीने के लिए कुछ भी देने से बचना चाहिए।

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प्राथमिक चिकित्सा

पुनः होश में लाने के लिए प्राथमिक चिकित्सा

First Aid for Resuscitation by Famhealth

पुनरुत्थान , एक अस्वस्थ व्यक्ति में शारीरिक विकार ( जैसे कि सांस की कमी या दिल की धड़कन की कमी ) को ठीक करने की विधि है , यह विधि अधिक देखभाल , चिकित्सा , आघात सर्जरी और आपातकालीन चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण भाग है। इसके कुछ मुख्य जैसे उदाहरण , कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन और माउथ– टू- माउथ रिससिटेशन है।

प्राथमिक चिकित्सा में उपयोग किये जाने वाले सामान कि चेक लिस्ट :

  • जीवाणु रहित ड्रेसिंग और मलहमI
  • मलहम : छोटे-छोटे काटो व रगड़ के लिए मलहम का उपयोग करें।
  • जीवाणु रहित पैड: अधिक गद्दे के लिए आप जीवाणु रहित पैड का उपयोग कर सकते हैं और इसे आप चिपकने वाले टेप के साथ लग सकते हैं। या फिर आप किसी भी साफ, या न भूलने वाली वस्तु का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि कपड़े का दुपट्टा।
  • बाँझ घाव ड्रेसिंग: एक बाँझ घाव ड्रेसिंग एक जीवाणु रहित पैड एक पट्टी के साथ जोड़ी जा सकती है। ये रक्तस्राव को रोकने में सहायता , दबाव लागू करने , व बड़े घावों के लिए , आपातकालीन स्थिति में जल्दी और आसानी से रखी जा सकती हैं।

प्राथमिक चिकित्सा में उपयोग की जाने वाली पट्टियां:

  • रोलर पट्टियाँ : रोलर पट्टियाँ लम्बी पतली पट्टियाँ होती हैं। संयुक्त चोटों को सुरक्षित करने के लिए एक रोलर पट्टी का उपयोग करें, ऐसे जगह में ड्रेसिंग रखें, जो रक्तस्राव को रोकने और सूजन को कम करने के लिए घावों पर दबाव डालें।
  • त्रिकोणीय पट्टियाँ: त्रिकोणीय पट्टियाँ बड़े त्रिकोणीय आकार के कपड़े की होती हैं। आप एक पट्टी को बाँझ , बड़े घावों और जलने के लिए ड्रेसिंग करने के लिए गोफन के रूप में इस्तेमाल करने के लिए एक त्रिकोणीय पट्टी को मोड़ सकते है।

प्राथमिक उपचार में अपने आप को सुरक्षित करने के लिए सुरक्षात्मक सामान :

  • डिस्पोजेबल दस्ताने: डिस्पोजेबल दस्ताने का इस्तेमाल करने से आपके और किसी ऐसे व्यक्ति के बीच संक्रमण का खतरा कम होता है , जिसकी आप मदद कर रहे हैं। यदि वे उपलब्ध हैं , तो आप भी आप घाव की ड्रेसिंग करते हैं या शरीर के किसी तरल पदार्थ या कचरे से निपटते समय, हमेशा दस्ताने पहनें।
  •  फेस शील्ड या पॉकेट मास्क: ये संक्रमण से बचाव के लिए बनाये जाते हैं , जब किसी को आप बचाव की सांसें देते हैं।

अन्य सामान:

  • क्लींजिंग वाइप्स , अल्कोहल फ्री वाइप्स : घाव के आसपास की त्वचा को साफ करने के लिए।
  • ड्रेसिंग के रूप में जालीदार पैड: घावों के आसपास सफाई करने के लिए पैडिंग या स्वाब के रूप में उपयोग करने के लिए।
  • चिपकने वाला टेप : जगह में ड्रेसिंग रखने या पट्टियों के ढीले अंत को पकड़ने के लिए।
  • पिंस और : पट्टियों के ढीले हिस्से को जकड़ने में।
  • कैंची, और चिमटी : सही लंबाई के लिए जीवाणु रहित पैड, पट्टियाँ या चिपचिपा टेप काटने के लिए। उदाहरण के लिए, यदि आपको किसी के कपड़े काटने की जरुरत हो, तो आप उनका उपयोग भी कर सकते हैं।

प्राथमिक उपचार में उपयोगी अतिरिक्त सामान :

  • किचन की फिल्म या साफ प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग करें: जले और कटेफटे कपड़े डालने के लिए।
  • अल्कोहल जेल का उपयोग करें : यदि आप किसी भी पानी का उपयोग नहीं कर सकते हैं तो अपने हाथों को साफ करने के लिए अल्कोहल जेल का उपयोग करेंI

बाहरी सुरक्षा के लिए उपयोगी सामान :

  • एक कंबल का उपयोग करें : किसी भी व्यक्ति को गर्म रखने और ठंड से बचाने के लिए एक कंबल का उपयोग करें।
  • उत्तरजीविता बैग का उपयोग करें : किसी आपातकालीन स्थिति में किसी को सामान रखने और किसी को भी प्राथमिक चिकित्सा देने के लिए।
  • एक मशाल का उपयोग करें : यह देखने में सहायता के लिए , अंधेरा दूर करने के लिए और ध्यान आकर्षित करने के लिए या दूसरों को इस बारे में जानकारी देने के लिये कि आप वहां हैं।
  • एक सीटी का प्रयोग करें : ध्यान आकर्षित करने और मदद पाने के लिए।

कार के लिए, सड़क दुर्घटनाओं के मामले में:

  • चेतावनी त्रिकोण : अन्य ड्राइवरों को धीमा करने की चेतावनी देने के लिए इसे सड़क पर रखें।
  • उच्च दृश्यता वाली जैकेट पहनें: यह सुनिश्चित करने के लिए कि ड्राइवर आपको देख सके, और इसके साथ आप चोट लगने के जोखिम को कम कर सकते हैं।

प्राथमिक उपचार में बचाव के लिए सांसों के साथ सी.पी.आर देना :

वयस्क को सी.पी.आर. कैसे दे :

  • अपने हाथ की एड़ी को व्यक्ति की छाती के सेंटर पर रखें , फिर दूसरे हाथ को शीर्ष पर रखें और 5-6 सेमी (2-2.5 इंच) से नीचे 100 से 120 प्रति मिनट की दर के दबाव से दबाव डाले।
  • प्रत्येक 30 बार छाती के संकुचन के बाद, दो बचाव श्वास दें।
  • पीड़ित के सिर को धीरे से झुकाएं और ठुड्डी को दो उंगलियों से ऊपर उठाएं। व्यक्ति की नाक को चुटकी से पकडे ओर अपने मुंह को पीड़ित के मुंह पर रख कर, लगभग एक सेकंड के लिए उनके मुंह में लगातार और मजबूती से सांस भरे। फिर देखे कि उनकी छाती बढ़ी या नहीं अगर बढ़ी तो फिर दो बचाव सांसें दें।
  • 30 छाती के संकुचन और दो बचाव सांसों के चक्र को लगातार बनाये रखें जब तक की बच्चा ठीक नहीं होता या आपातकालीन सहायता न आये ।

एक वर्ष से अधिक उम्र के बच्चो को सी.पी.आर. कैसे दे :

  • बच्चे के माथे पर एक हाथ रखकर बच्चे का वायुमार्ग खोलें और धीरे से उनके सिर को पीछे झुकाएं तथा ठुड्डी उपर को उठाएं। मुंह और नाक से किसी भी दिखाई देने वाले अवरोध को हटा दें।
  • उनकी नाक को चुटकी से बंद करे ओर अपने मुंह को उनके मुंह पर रखकर सील करें और लगातार मजबूती से उनके मुंह में सांसे भरे , यह देखे कि बच्चे की छाती उठती है अगर उठती है, तो पांच शरुआती बचाव सांसें दें।
  • एक हाथ की एड़ी को उनकी छाती के सेंटर पर रखें और 5 सेमी (लगभग दो इंच) नीचे दबाये , जो छाती के व्यास का लगभग एक तिहाई है। छाती के संकुचन की गहराई बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आप एक हाथ का इस्तेमाल करके 5 सेमी की गहराई हासिल नहीं कर सकते हैं , तो दो हाथों का इस्तेमाल करें।
  • 100 से 120 प्रति मिनट की दर से हर 30 छाती के संकुचन के बाद , दो बचाव साँस दें।
  • 30 छाती के संकुचन और दो बचाव सांसों के चक्र को लगातार बनाये रखें जब तक की बच्चा ठीक नहीं होता या आपातकालीन सहायता न आये ।

एक वर्ष से कम उम्र के शिशु को सीपीआर कैसे दे :

  • बच्चे के वायुमार्ग को खोले उनके माथे पर एक हाथ रखकर धीरे से सिर को पीछे झुकाएं और ठुड्डी को उठाएं। मुंह और नाक से किसी भी दिखाई देने वाले अवरोध को हटा दें।
  • अपने मुंह को बच्चे के मुंह और नाक के ऊपर रखें और उनके मुंह में लगातार और मजबूत से साँसे भरे, फिर यह देखे कि उनका सीना फूल या नहीं यदि सीना फूल जाता है, तो पांच शुरूआती बचाव सांसें दें।
  • दो उंगलियों को छाती के बीच में रखें और 4 सेमी (लगभग 1.5 इंच) से नीचे धकेलें , जो छाती के व्यास का लगभग एक तिहाई है। छाती के संकुचन की गहराई बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आप हाथ की दो उंगलियों का उपयोग करके 4 सेमी की गहराई हासिल नहीं कर सकते हैं। एक हाथ की एड़ी का उपयोग करेंI
  • 100 से 120 प्रति मिनट की दर से 30 छाती के संकुचन के बाद, दो बचाव श्वास दें।

अमरीकी ह्रदय संस्थान अनुसार : 30 छाती के संकुचन और दो बचाव सांसों के चक्र के साथ प्रक्रिया जारी रखें जब तक कि वे ठीक होने या आपातकालीन सहायता न आये ।

  • अप्रशिक्षित: यदि आप सीपीआर में प्रशिक्षित नहीं हैं , तो केवल हाथों से सीपीआर प्रदान करें मुँह से नहीं। 100 से 120 प्रति मिनट की दर से बिना रुके छाती को संकुचन देते रहे जब तक पैरामेडिक्स नहीं आते, आप बचाव करने कोशिश न करें ।
  • प्रशिक्षित और जाने के लिए तैयार : यदि आप अपनी क्षमता में अच्छी तरह से प्रशिक्षित और संतुष्ट हैं, तो यह जांचने के लिए देखे कि क्या कोई नाड़ी और श्वास चल रही है। यदि 10 सेकंड के भीतर श्वास या नाड़ी नहीं चल रही है, तो छाती को संकुचित करना आरम्भ करें। दो बचाव सांस देने से पहले 30 छाती संकुचन के साथ सीपीआर शुरू करें।
  • प्रशिक्षित लेकिन जंग खाए : यदि आपने पहले सीपीआर प्रशिक्षण लिया है, लेकिन आप अपनी क्षमताओं में आत्ममविश्वास नहीं कर रहे हैं, तो बस 100 से 120 प्रति मिनट की दर से छाती को संकुचित करें।

उपरोक्त उपचार वयस्कों , बच्चों और शिशुओं पर लागू होता है, जिन्हें सीपीआर की आवश्यकता होती है, लेकिन नवजात शिशुओं पर लागू नहीं होता है।

प्राथमिक उपचार मे CPR शुरू करने से पहले निम्न स्थितियों को देखे :

  • क्या पर्यावरण व्यक्ति के लिए सही है?
  • क्या व्यक्ति होश में है या बेहोश है?
  • यदि व्यक्ति बेहोश दिखाई देता है, तो उसके कंधे को टैप करें या हिलाएं और जोर से पूछें, "क्या आप ठीक हैं?"
  • यदि व्यक्ति जवाब नहीं देता है और दो लोग उपलब्ध हैं, तो एक को 911 या स्थानीय आपातकालीन नंबर पर कॉल करनी चाहिए और AED प्राप्त करनी चाहिए, यदि कोई उपलब्ध है, तो एक को सीपीआर आरम्भ करना चाहिए।
  • यदि आप अकेले हैं तो CPR शुरू करने से पहले एक टेलीफोन पर तत्काल संपर्क करें, 911 या अपने स्थानीय आपातकालीन नंबर पर कॉल करके। AED प्राप्त करें, यदि कोई उपलब्ध है।
  • जैसे ही AED उपलब्ध हो, तो डिवाइस द्वारा निर्देश दिए जाने पर एक झटका दें, फिर CPR शुरू करें।

पुनर्जीवन के लिए प्राथमिक उपचार में सी-ए-बी चरण हमेशा याद रखें है

संपीड़न: रक्त परिसंचरण को बहाल करना।

  • व्यक्ति को उसकी पीठ के बल एक मजबूत सतह पर पर लिटाना।
  • व्यक्ति की गर्दन और कंधों के साइड में घुटने टेके।
  • एक हाथ की एड़ी को व्यक्ति के सीने के सेंटर पर, निपल्स के बीच रखें। अपने दूसरे हाथ को पहले हाथ के ऊपर रखें। अपनी कोहनी को सीधा रखें और अपने कंधों को सीधे अपने हाथों के ऊपर रखें।
  • अपने ऊपरी शरीर के वजन (न केवल अपनी बाहों) का उपयोग करें, क्योंकि आप छाती को कम से कम 2 इंच (लगभग 5 सेंटीमीटर) पर सीधा दबा सके हैं, लेकिन 2.4 इंच (लगभग 6 सेंटीमीटर) से अधिक नहीं। एक मिनट में 100 से 120 कंप्रेशन की दर से कड़ा दबाव दें।
  • यदि आप सीपीआर में प्रशिक्षित नही है, तो तब तक छाती को संकुचित करना जारी रखें जब तक कि पीड़ित के सही होने के संकेत न हों या जब तक कि आपातकालीन चिकित्सा कर्मी पीड़ित को न उठा लें। यदि आप सीपीआर में प्रशिक्षित है, तो वायुमार्ग खोलने और सॉंस को बचाने का प्रयास करे।

वायुमार्ग: वायुमार्ग खोलें

यदि आप CPR में निपुण हैं और आपने 30 छाती कंप्रेस किए हैं, तो सिर झुकाने वाले, ठोड़ी उठाने वाले पैंतरेबाज़ी का उपयोग करके व्यक्ति के वायुमार्ग को खोलें। अपनी हथेली को व्यक्ति के माथे पर रखें और धीरे से सिर को पीछे की तरफ झुकाएं। फिर दूसरे हाथ से, वायुमार्ग को खोलने के लिए धीरे से ठुड्डी को आगे की ओर उठाएं।

श्वास: व्यक्ति के लिए साँस

यदि मुंह गंभीर रूप से घायल है या खोला नहीं जा सकता है तो बचावकरी सांसे मुँह-मुँह या मुँह-नाक के द्वारा दी जा सकती है।

  • वायुमार्ग खुलने (सिर-झुकाव, चिन-लिफ्ट पैंतरेबाज़ी का उपयोग करके) के साथ, मुंह से सांस लेने के लिए नथुने को चुटकी में बंद करें और एक सील बनाकर व्यक्ति के मुंह को अपने साथ ढके।
  • दो बचाव श्वास देने के लिए तैयार करें। पहला बचाव श्वास दें जो एक सेकंड तक चले- और यह जांचने के लिए देखें कि छाती ऊपर उठती है या नहीं। यदि यह उठती है, तो दूसरी सांस दें। यदि छाती नहीं उठती है , तो सिर-झुकाव, ठोड़ी-उठा पैंतरेबाज़ी दोहराएं और फिर दूसरी सांस दें। दो बचाव सांसों के बाद तीस छाती संकुचन का एक चक्र बनाये। सावधान रहें कि बहुत अधिक सांस न दें या बहुत अधिक बल के साथ सांस न लें।
  • परिसंचरण को बहाल करने के लिए छाती में संकुचन फिर से शुरू करें।
  • जैसे ही एक स्वचालित बाहरी डीफिब्रिलेटर (एईडी) उपलब्ध हो, इसे लागू करें और निर्देशों का पालन करें। एक झटके को प्रशासित करें , फिर सीपीआर को फिर से शुरू करें - दूसरा झटका लगाने से पहले छाती के संकुचन को शुरू करें और दो बचाव सांस दे । यदि आपको AED का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित नहीं किया गया है, तो एक 911 या अन्य आपातकालीन चिकित्सा सेंटर से बात करके ऑपरेटर से इसके उपयोग के मार्गदर्शन ले सकते है। सीपीआर तब तक न रोकें जब तक कि परिवर्तन या आपातकालीन चिकित्सा कर्मियों के संकेत न मिले।

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प्राथमिक चिकित्सा